'नेट न्यूट्रैलिटी पर भारत गलत, ब्रिटिश राज होता तो अच्छा था', ट्वीट पर विवाद, जुकरबर्ग को मांगनी पड़ी माफी
Advertisement
trendingNow1283168

'नेट न्यूट्रैलिटी पर भारत गलत, ब्रिटिश राज होता तो अच्छा था', ट्वीट पर विवाद, जुकरबर्ग को मांगनी पड़ी माफी

भारत में ट्राई द्वारा फ्री बेसिक्स प्लान को खारिज करने के फैसले से सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक बौखला गई है। फेसबुक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल मार्क एंड्रीसन ने ट्राई के फैसले पर भारत विरोधी ट्वीट कर दिया। एंड्रीसन ने ट्वीट किया कि भारत की इकोनॉमी ब्रिटिश शासन के अधीन (औपनिवेशिक) ज्यादा बेहतर थी। भारत को तो औपनिवेशिक शासन की आदत हो चुकी है, अब इसका विरोध क्यों?

'नेट न्यूट्रैलिटी पर भारत गलत, ब्रिटिश राज होता तो अच्छा था', ट्वीट पर विवाद, जुकरबर्ग को मांगनी पड़ी माफी

कैलिफोर्निया: भारत में ट्राई द्वारा फ्री बेसिक्स प्लान को खारिज करने के फैसले से सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक बौखला गई है। फेसबुक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल मार्क एंड्रीसन ने ट्राई के फैसले पर भारत विरोधी ट्वीट कर दिया। एंड्रीसन ने ट्वीट किया कि भारत की इकोनॉमी ब्रिटिश शासन के अधीन (औपनिवेशिक) ज्यादा बेहतर थी। भारत को तो औपनिवेशिक शासन की आदत हो चुकी है, अब इसका विरोध क्यों?

 

उन्होंने जैसे ही यह ट्वीट किया, ट्वीटर पर इसका भारी विरोध होने लगा। मार्क के ट्वीट का सोशल मीडिया पर विरोध शुरू हो गया। जल्द ही लिहाजा मार्क ने अपने ट्वीट डिलीट कर दिया। लेकिन तब तक लोगों ने उनके ट्वीट के स्क्रीनशॉट ले लिए थे। आखिर मार्क को ट्वीट करना पड़ा कि वे अब भारतीय अर्थव्यवस्था या राजनीति पर किसी भी  बहस में शामिल नहीं होंगे। मामले को तूल पकड़ता देख

फेसबुक सीईओ मार्क जकरबर्ग ने देर रात अपनी वॉल पर पोस्ट कर एंड्रीसन के इस ट्वीट को लेकर माफी मांगी। उन्होंने लिखा कि एंड्रीसन के भारत पर किए गए ट्वीट पर मैं माफी मांगता हूं। मैं और फेसबुक कोई भी इस ट्वीट का समर्थन नहीं करते। मैं भारत को चाहता हूं और फेसबुक की भी ऐसी ही सोच है। मुझे भारत की डेमोक्रेसी ने भी काफी प्रभावित किया है। मैं भारत से मजबूत रिश्ते की कामना करता हूं।

 

गौर हो कि चंद दिन पहले ने ट्राई ने अपने फैसले में डिफरेंशियल प्राइसिंग पर रोक लगा दी है। अब मोबाइल कंपनियां मोबाइल इंटरनेट पर अलग-अलग साइट्स के लिए अलग-अलग चार्ज नहीं ले सकेगी। ट्राई ने फ्री बेसिक्स को मंजूरी नहीं दी। ट्राई के इस अहम फैसले के मुताबिक टेलिकॉम सेवाएं देने वाली कंपनियों को डिफ्रेंशियल प्राइसिंग करने की मंजूरी नहीं है। डाटा के लिए अलग-अलग प्राइस नहीं हो सकती है।
 

Trending news