हाल ही में अमेरिकी कांग्रेस के स्वतंत्र शोध केंद्र ने कोविड-19 (Coronavirus) के वैश्विक आर्थिक (Global Economy) प्रभावों के बारे में अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि लगभग सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं कोरोना वायरस के प्रकोप से नुकसान में हैं, लेकिन केवल तीन देशों भारत, चीन और इंडोनेशिया की विकास दर 2020 में सकारात्मक रहने का अनुमान है.
Trending Photos
नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के कारण पूरी दुनिया में आर्थिक संकट की बात हो रही है. पिछले पांच महीनों से विभिन्न संगठन और एजेंसियां भारत के अर्थव्यवस्था के मुनाफे और नुकसान पर बात कर ही हैं. लेकिन इस बीच हमारे विकास दर के मामले में दो अच्छी खबरें आई हैं. दो अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भारत पर अपना भरोसा जता रही हैं.
क्या कहती हैं अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां
अंतरराष्ट्रीय एजेंसी S&P ने भारत की अर्थव्यवस्था के मौजूदा दौर की रेटिंग BBB-/A-3 बताते हुए नजरिया स्टेबल बताया है. एजेंसी के मुताबिक भारत की मॉनिटरी सेटिंग बढ़ोत्तरी की ओर है और रियल विकास दर औसत के ऊपर है. इसी तरह एक और अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच के मुताबिक अगले साल यानी कि 2021-22 में भारत की विकास दर 9.5 सकती है. ये भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सुखद खबर है.
अमेरिकी रिपोर्ट भी जता चुकी है भारत पर भरोसा
हाल ही में अमेरिकी कांग्रेस के स्वतंत्र शोध केंद्र ने कोविड-19 के वैश्विक आर्थिक प्रभावों के बारे में अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा, 'विदेशी निवेशकों ने विकासशील एशियाई अर्थव्यवस्थाओं से लगभग 26 अरब डॉलर और भारत से 16 अरब डॉलर से अधिक राशि बाहर निकाली.' शोध केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार लगभग सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं कोरोना वायरस के प्रकोप से नुकसान में हैं, लेकिन केवल तीन देशों भारत, चीन और इंडोनेशिया की विकास दर 2020 में सकारात्मक रहने का अनुमान है.
ये भी पढ़ें: SBI ने निकाली पहली बार CFO की वैकेंसी, सैलरी एक करोड़ रुपये सालाना
बताते चलें कि फिच के अनुसार इस वैश्विक महामारी संकट के बाद देश की जीडीपी वृद्धि दर के वापस पटरी पर लौटने की उम्मीद है. यह वापस उच्च स्तर पर पहुंच सकती है. इसके अगले साल 9.5 प्रतिशत कीर दर से वृद्धि करने की उम्मीद है. यह ‘बीबीबी’ श्रेणी से अधिक होगी.
ये भी देखें-