टू-व्हीलर आम आदमी की सवारी है, लेकिन क्या आपको पता है कि इस पर GST की वसूली लग्जरी गाड़ियों के हिसाब से होती है. लेकिन इंडस्ट्री की कोशिशों के बाद अब सरकार को इस बात का अहसास हुआ है कि टू-व्हीलर पर GST की सबसे ऊंची दर ठीक नहीं है, इसे घटाया जाना चाहिए.
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नई दिल्ली: टू-व्हीलर (Two Wheeler) आम आदमी की सवारी है, लेकिन क्या आपको पता है कि इस पर GST की वसूली लग्जरी गाड़ियों के हिसाब से होती है. इंडस्ट्री की कोशिशों के बाद अब सरकार को इस बात का अहसास हुआ है कि टू-व्हीलर पर GST की सबसे ऊंची दर ठीक नहीं है, इसे घटाया जाना चाहिए.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंडस्ट्री के एक सुझाव के बाद अपने बयान में इस बात के संकेत दिए हैं. GST घटाने के सुझाव पर वित्त मंत्री ने कहा, 'ये वास्तव में एक अच्छा सुझाव है, इसे GST काउंसिल की बैठक में उठाया जाएगा, क्योंकि टू-व्हीलर न तो विलासिता की चीज (Luxury Item) है और न ही अहितकारी सामान (sin goods) है.' इस वक्त टू-व्हीलर पर 28 परसेंट GST लगता है. वित्त मंत्री ने ये बातें इंडस्ट्री संगठन CII के साथ एक बातचीत के दौरान कही है.
उद्योग संगठन Confederation of Indian Industries (CII) की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भरोसा दिया कि इंडस्ट्री की ओर से दिया गया ये एक बेहतर सुझाव है, इसलिए टू-व्हीलर की GST दरों में बदलाव पर विचार किया जाएगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का ये बयान GST काउंसिल की 19 सितंबर को होने वाली बैठक से पहले आया है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इसी बैठक में टू-व्हीलर पर GST घटाने का फैसला हो सकता है. अगर ऐसा हुआ तो फेस्टिव सीजन में टू-व्हीलर्स की मांग बढ़ेगी और बिक्री में इजाफा भी देखने को मिल सकता है. फिलहाल लॉकडाउन और कोरोना वायरस संकट की वजह से टू-व्हीलर्स की बिक्री ठप पड़ी है.
पिछले साल देश के सबसे बड़े टू-व्हीलर निर्माता हीरो मोटोकॉर्प (Hero MotoCorp) ने सरकार से चरणबद्ध तरीके से GST घटाने की अपील की थी. हीरो मोटोकॉर्प ने सुझाव दिया था कि इसकी शुरुआत 1500 सीसी वाली टू-व्हीलर्स को पहले 18 परसेंट GST के स्लैब में लाया जाए. आपको बता दें कि अभी मोटरसाइकिल, मोपेड और छोटे मोटर वाली साइकिल जैसे टू-व्हीलर्स सबसे ऊंचे GST ब्रैकेट 28 के दायरे में आते हैं.
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इंडस्ट्री का कहना है कि टू-व्हीलर आम आदमी की सवारी है, इसको तंबाकू, सिगार, रिवॉल्वर, पिस्तौल जैसे अहितकारी सामानों की कैटेगरी में कैसे रखा जा सकता है. साथ ही इसे रेसिंग कार, निजी एयरक्राफ्ट, यॉट की श्रेणी में भी नहीं रखा जा सकता, जिस पर 28 परसेंट GST लगता है.
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