Crude Oil: जल्द मिल सकती है महंगे पेट्रोल-डीजल से राहत, कच्चे तेल के अधिक उत्पादन से कीमतों में स्थिरता की उम्मीद
Advertisement
trendingNow12515910

Crude Oil: जल्द मिल सकती है महंगे पेट्रोल-डीजल से राहत, कच्चे तेल के अधिक उत्पादन से कीमतों में स्थिरता की उम्मीद

महंगे पेट्रोल-डीजल की कीमतों से राहत मिलने की उम्मीद बंधने लगी है. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उस स्थिति से रुबरू करवाया है, जिसके बाद तेल की कीमतों में गिरावट की संभावना बन रही है.

 Crude Oil: जल्द मिल सकती है महंगे पेट्रोल-डीजल से राहत, कच्चे तेल के अधिक उत्पादन से कीमतों में स्थिरता की उम्मीद

Crude Oil: महंगे पेट्रोल-डीजल की कीमतों से राहत मिलने की उम्मीद बंधने लगी है. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उस स्थिति से रुबरू करवाया है, जिसके बाद तेल की कीमतों में गिरावट की संभावना बन रही है. दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल उपभोक्ता और आयातक देश भारत उम्मीद कर रहा है कि अमेरिका और कनाडा जैसे पश्चिमी देशों में कच्चे तेल का अधिक उत्पादन होने से बाजार में स्थिरता आएगी और कीमत भी कम होंगे. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पश्चिमी देशों अधिक उत्पादन कर रहे हैं, जिससे पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ‘ओपेक’ को भी उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रभावित किया जा सकता है. इससे वे अधिक कमाई कर सकेंगे. 

तेल की कीमतों का असर 

तेल कीमतों में उतार-चढ़ाव अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर अर्थव्यवस्थाओं को परेशान करता है क्योंकि उन्हें न केवल ईंधन खरीदने पर अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है, बल्कि इससे मुद्रास्फीति भी आती है जो उनके लोगों की क्रय शक्ति को कम करती है. उन्होंने कहा, कि आज पश्चिमी गोलार्ध से वैश्विक बाजार में अधिक उत्पादन आ रहा है.  ब्राजील, गुयाना, कनाडा और अमेरिका अधिक उत्पादन कर रहे हैं. अधिक से अधिक तेल आने के कारण, उम्मीद है कि बाजार की स्थिति शांत हो जाएगी. 

कच्चे तेल की कीमत में स्थिरता की उम्मीद  

हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इससे कुछ हद तक उन उत्पादकों को भी लाभ होगा जिन्होंने तेल उत्पादन में कटौती की है, ताकि अधिक राजस्व अर्जित करने के लिए अधिक उत्पादन किया जा सके. कच्चे तेल निर्यातक देशों के संगठन और रूस के नेतृत्व वाले सहयोगी ने 2022 के अंत से कीमतों को बढ़ाने और मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन में भारी कटौती की है. ओपेक+ के सदस्य वर्तमान में कुल 58.6 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) या वैश्विक मांग का लगभग 5.7 प्रतिशत उत्पादन कटौती कर रहे हैं. इनपुट-भाषा 

Trending news