Amazon के बाद अब Flipkart पर भी मिलेंगे खादी के प्रोडक्ट
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Amazon के बाद अब Flipkart पर भी मिलेंगे खादी के प्रोडक्ट

उत्तर प्रदेश के कारीगरों द्वारा बनाए जाने वाले खादी के वस्त्रों की ऑनलाइन बिक्री का दायरा बढ़ रहा है. अमेजन के बाद अब फ्लिपकार्ट से भी यूपी के खादी प्रोडक्ट की ऑनलाइन बिक्री जल्द शुरू होने वाली है.

Amazon के बाद अब Flipkart पर भी मिलेंगे खादी के प्रोडक्ट

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के कारीगरों द्वारा बनाए जाने वाले खादी के वस्त्रों की ऑनलाइन बिक्री का दायरा बढ़ रहा है. अमेजन के बाद अब फ्लिपकार्ट से भी यूपी के खादी प्रोडक्ट की ऑनलाइन बिक्री जल्द शुरू होने वाली है. अमेजन इंडिया ने इसी वर्ष फरवरी में उत्तर प्रदेश के खादी एवं ग्राम उद्योग बोर्ड के साथ एमओयू साइन किया था, जिसके बाद अमेजन इंडिया यूपी के गांवों में रहने वाले खादी कारीगरों को देशभर के ग्राहकों को सीधे अपने उत्पाद बेचने के लिए शिक्षित एवं प्रशिक्षित कर सक्षम बना रहा है.

खादी को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे
प्रमुख सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग नवनीत सहगल ने बताया कि अमेजन पर खादी उत्पादों की भारी बिक्री से उत्साहित यूपी सरकार फ्लिपकार्ट से भी बातचीत कर रही है. उन्होंने बताया कि खादी एवं ग्रामोद्योग यूनिट के 40 उत्पादों का चयन कर उन्हें फ्लिपकार्ट की साइट पर अपलोड करने की कार्यवाही पूरी की जा चुकी है. जल्द ही ग्राहक इन उत्पादों को ऑनलाइन खरीद सकेंगे. इसके अलावा खादी को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने के लिए कई कदम उठाये जा रहे हैं.

ऑनलाइन मार्केटिंग पर विशेष फोकस दिया जा रहा
सहगल ने बताया कि प्रदेश में खादी एवं ग्रामोद्योग इकाइयों को विपणन सुविधा उपलब्ध कराने और जन सामान्य में खादी को लोकप्रिय और सर्वसुलभ बनाने के उद्देश्य से ऑनलाइन मार्केटिंग पर विशेष बल दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 'अमेजन' पर प्रदेश की 10 खादी इकाईयों के उत्पाद ऑनलाइन उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि रायबरेली स्थित राष्ट्रीय फैशन तकनीकी संस्थान के माध्यम से विगत दो वर्षों में 240 कामगारों को आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया चुका है.

उन्होंने बताया कि खादी में अधिक से अधिक स्वरोजगार सृजन के मकसद से सोलर चरखा प्रशिक्षण एवं वितरण योजना प्रस्तावित है. इसके प्रथम चरण में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के 400 चयनित लाभार्थियों को सोलर चरखा संचालन प्रशिक्षण प्रदान करते हुए खादी संस्थाओं के माध्यम से स्वरोजगार उपलब्ध कराये जाने का लक्ष्य रखा गया है.

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