उत्तराखंड में लघु, मध्यम उद्योगों के लिए नई नीति मंजूर
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उत्तराखंड में लघु, मध्यम उद्योगों के लिए नई नीति मंजूर

उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने राज्य में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को प्रोत्साहित करने और टेक्सटाइल क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिये नयी नीतियों को मंजूरी दी है जबकि उर्जा नीति पर चर्चा के बाद उसे अगली बैठक में रखे जाने का फैसला लिया।

देहरादून : उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने राज्य में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को प्रोत्साहित करने और टेक्सटाइल क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिये नयी नीतियों को मंजूरी दी है जबकि उर्जा नीति पर चर्चा के बाद उसे अगली बैठक में रखे जाने का फैसला लिया।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में बुधवार देर रात तक चली मंत्रिमंडल की बैठक में निजी क्षेत्र सहित सभी चीनी मिलों पर बकाया गन्ना मूल्य पर देय ब्याज भी माफ करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल की बैठक में सूक्ष्म, लद्यु और मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिये मंजूर की गयी नीति के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में उद्योग लगाने पर ज्यादा सुविधायें दी जाएंगी।

दूरस्थ एवं पर्वतीय क्षेत्र को दो श्रेणियों, ए और बी में बांटा गया है। ए श्रेणी में पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली, चंपावत, रूद्रप्रयाग और बागेश्वर जिलों का संपूर्ण क्षेत्र रखा गया है जबकि बी श्रेणी में पौड़ी, टिहरी, अल्मोड़ा का पूरा क्षेत्र आच्छादित होगा। देहरादून और नैनीताल जिलों के समुद्रतल से 650 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले समस्त क्षेत्र भी श्रेणी बी में आएंगे।

इस नीति के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में पूंजी निवेश करने पर श्रेणी ए को 40 प्रतिशत जबकि श्रेणी बी को 20 फीसदी अनुदान दिया जाएगा। इसमें ब्याज घटक के तहत श्रेणी ए में 12 प्रतिशत, श्रेणी बी में 10 प्रतिशत और 650 मीटर से नीचे वाले जिलों में छह प्रतिशत सहायता दी जाएगी।

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