जेटली का भ्रष्टाचार मुक्त, उचित व्यावसायिक परिवेश का वादा
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जेटली का भ्रष्टाचार मुक्त, उचित व्यावसायिक परिवेश का वादा

देश में भ्रष्टाचार मिटाने और सुधारों को आगे बढ़ाने का वादा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि नई सरकार ने उचित और पारदर्शी व्यावसायिक परिवेश बनाने तथा साठगांठ वाले पूंजीवाद को समाप्त करने की दिशा में कदम उठाये हैं।

जेटली का भ्रष्टाचार मुक्त, उचित व्यावसायिक परिवेश का वादा

नई दिल्ली : देश में भ्रष्टाचार मिटाने और सुधारों को आगे बढ़ाने का वादा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि नई सरकार ने उचित और पारदर्शी व्यावसायिक परिवेश बनाने तथा साठगांठ वाले पूंजीवाद को समाप्त करने की दिशा में कदम उठाये हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार श्रम सुधारों, कुछ सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण और भूमि अधिग्रहण कानून में सुधारों को आगे बढ़ाने पर भी गौर कर रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि आर्थिक सुधार कोई एक सनसनीखेज विचार नहीं हो सकता। वह आज यहां भारत आर्थिक शिखर सम्मेलन में बोल रहे थे।

विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) द्वारा आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा, आज एक गलत विचार से पूरी अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर सकते हैं। पिछली तिथि से कर लगाना एक ऐसा ही गलत विचार था जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा। कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़ी समस्या को दूर करने के लिये राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार द्वारा उठाये गये कदमों का जिक्र करते हुये जेटली ने कहा, इसके परिणामस्वरूप इस मामले में निर्णय लेने के जो तत्व थे वह करीब करीब नदारद थे और जब आप एक बार इस तरह के निर्णय ले लेते हैं तो इससे भ्रष्टाचार, गठजोड़ के विचार या फिर साठगांठ वाला पूंजीवाद जैसी भ्रष्टाचार की संभावनायें समाप्त हो जाती हैं।

वित्त मंत्री ने कहा, निवेशकों को एक ऐसी शासन व्यवस्था चाहिये जो सही हो। उन्हें ऐसी व्यवस्था नहीं चाहिये जहां उन्हें पूरी तरह से राजनीतिज्ञों और मंत्रियों की दया पर निर्भर रहना पड़े। कोयला क्षेत्र में उठाये गये कदमों का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि इसी तरह के कदम दूसरे प्राकृतिक संसाधनों और अन्य खनिजों के मामले में भी उठाये जायेंगे।

जेटली ने कहा, सुधारों को बढ़ाना लंबी यात्रा है। कुछ लोग यह उम्मीद करते हैं कि भारत में दूसरी पीढ़ी के सुधारों को बढ़ाने के लिये वास्तव में एक या दो बड़े विचारों की जरूरत है जो कि संभवत: इसका जवाब नहीं है। वित्त मंत्री ने कहा कि केवल पिछले गलत कार्यों को ही ठीक करने से सभी समस्यायें समाप्त नहीं हो जाती हैं, हमने आगे बढ़ना शुरू किया है और मुझे लगता है कि गहराई काफी ज्यादा है, इसलिये इसमें सुधार लाने में काफी समय लगेगा।

भ्रष्टाचार और साठगांठ वाले पूंजीवाद को समाप्त करने की दिशा में उठाये कदमों के बारे में विस्तार पूर्वक बताते हुये जेटली ने कहा कि जो देश को चला रहे हैं उन्हें अपनी सोच बदलनी होगी। उन्होंने कहा, हम इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं। नई सरकार द्वारा पिछले पांच-छह माह के दौरान लिये गये निर्णयों का लक्ष्य है कि निणर्यों में मनमानी की संभावना खत्म हो। वित्त मंत्री ने बीते समय में कोयला प्रखंडों और दूरसंचार स्पेक्ट्रम आवंटन में उत्पन्न विवादों का उल्लेख करते हुए कहा कि इनमें प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन में साठगांठ वाला पूंजीवाद दिखाई दिया। जेटली ने कहा कि नई सरकार ने अब कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में अध्यादेश जारी किया है ताकि इस क्षेत्र में मनमाने निर्णयों की गुंजाइश दूर हो तथा फैसले निष्पक्षता से हों।

वित्त मंत्री ने कहा, कोयले के वास्तविक उपभोक्ता इसे ई--नीलामी प्रणाली के जरिये प्राप्त करेंगे और उसके बाद यदि सरकार चाहेगी तो इसे वाणिज्यिक खनन के लिये भी खोल सकेगी। दूसरे खनिजों के बारे में भी मैं आपको बता सकता हूं कि हम इसी तरह की सुधार प्रक्रिया शुरू करना चाहते हैं। सुधारों की रफ्तार के बारे में पूछे सवाल पर

जेटली ने कहा, हमने जो शुरुआत की है कि उससे में पूरी तरह संतुष्ट हूं। अगले कुछ महीनों में हम, मेरा मानना है कि देश में इसका असर हमें दिखने लगेगा। जेटली ने माना कि कई तरह की चुनौतियां हैं, लेकिन देश को पूरी दृढ़ता के साथ आर्थिक सुधार एजेंडे को आगे बढ़ाना चाहिये। उन्होंने कहा, कुछ अड़चनें आ सकती हैं, लेकिन इसमें परेशान होने की जरूरत नहीं है। मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था और सरकारी ढांचे में काफी कुछ किया जा सकता है, लेकिन एक बात जो स्पष्ट तौर पर दिमाग में आती है वह यह कि ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाना चाहिये जिससे गलत संकेत जाये। उन्होंने कहा कि छोटे बड़े, जो भी विचार हों, वे एक ही दिशा में होने चाहिए। सरकार यही कर रही है।

 

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