50 फीसदी गिरा थोक भाव, फिर क्यों दिल्ली में 100 रुपये किलो हुआ प्याज, जानिए वजह...
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50 फीसदी गिरा थोक भाव, फिर क्यों दिल्ली में 100 रुपये किलो हुआ प्याज, जानिए वजह...

 एक दिन पहले केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने बताया कि प्याज आपूर्ति जल्द ही विदेशों से आरंभ होने वाली है, जिसके बाद कीमतें नियंत्रण में रहेंगी. केंद्र सरकार ने प्याज का आयात करने का फैसला लिया है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) की आजादपुर मंडी में दो दिन पहले प्याज का थोक भाव 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया था, लेकिन आवक बढ़ने और आयात से कीमतों पर नियंत्रण रखने के सरकार के फैसले के बाद बुधवार को प्याज (Onion) के थोक दाम में करीब 50 फीसदी की गिरावट आई, लेकिन खुदरा में लोग 100 रुपये प्रति किलो प्याज खरीद रहे थे. गौरतलब है कि एक दिन पहले केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने बताया कि प्याज आपूर्ति जल्द ही विदेशों से आरंभ होने वाली है, जिसके बाद कीमतें नियंत्रण में रहेंगी. केंद्र सरकार ने प्याज का आयात करने का फैसला लिया है.

आजादपुर ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन के प्रेसीडेंट राजेंद्र शर्मा ने बताया कि राजस्थान से प्याज की आवक बढ़ने से कीमतों में गिरावट आई है. उन्होंने बताया कि सोमवार को मंडी में प्याज का भाव 40-80 रुपये प्रति किलो हो गया था जोकि घटकर अब 20-45 रुपये प्रति किलो हो गया है. उन्होंने कहा कि बुधवार को मंडी में प्याज की आवक करीब 1,700 टन थी जोकि दो दिन पहले 1,000 टन से भी कम हो गई थी.

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आजादपुर एपीएमसी की कीमत सूची के अनुसार, दिल्ली में प्याज का भाव बुधवार को 17.50-50 रुपये प्रतिकिलो था और आवक 1126.5 टन थी. दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न इलाकों में खुदरा में प्याज 60-100 रुपये प्रति किलो बिक रहा था. कारोबारियों ने बताया कि सस्ता प्याज आएगा तो खुदरा भाव भी कम हो जाएगा.

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शर्मा ने बताया कि भारत में प्याज की किल्लत की वजह बेमौसम बरसात है. राजस्थान (Rajathan), महाराष्ट्र (Maharashtra) में हुई बेमौसम बरसात के कारण प्याज की आवक कम हो गई है. भारत प्याज की आपूर्ति में कमी को दूर करने के लिए अफगानिस्तान, मिस्र, तुर्की और ईरान से आयात करने पर विचार कर रहा है. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही 80 से 100 कंटेनरों में प्याज भारत पहुंचेगी. प्याज कारोबार से जुड़े एक व्यापारी ने बताया कि देश के प्रमुख प्याज उत्पादक प्रदेशों में बारिश के कारण फसल खराब हुई है, इसलिए आयात नहीं होने पर आपूर्ति का टोटा बना रहेगा.

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