Indian Railways: वंदे भारत के एल्‍युम‍िन‍ियम कोच वाली डील से पीछे क्‍यों हटा रेलवे? पढ़‍िए इनसाइड स्‍टोरी
Advertisement
trendingNow12383762

Indian Railways: वंदे भारत के एल्‍युम‍िन‍ियम कोच वाली डील से पीछे क्‍यों हटा रेलवे? पढ़‍िए इनसाइड स्‍टोरी

Alumininum Body Coach: एल्युमिनियम से बनी ट्रेन स्टेनलेस स्टील के मुकाबले हल्की और पावर बचाने वाली होती हैं. रेलवे का प्‍लान है क‍ि उसकी तरफ से वंदे भारत ट्रेनों का पहला स्लीपर वर्जन 2025 की पहली तिमाही तक शुरू कर द‍िया जाएगा.

Indian Railways: वंदे भारत के एल्‍युम‍िन‍ियम कोच वाली डील से पीछे क्‍यों हटा रेलवे? पढ़‍िए इनसाइड स्‍टोरी

Vande Bharat Train Coach: भारतीय रेलवे की तरफ से वंदे भारत ट्रेनों के संचालन पर तेजी से काम क‍िया जा रहा है. एक द‍िन पहले खबर आई थी क‍ि रेलवे की तरफ से 30000 करोड़ रुपये की डील से तैयार होने वाली 100 वंदे भारत ट्रेन के करार को रद्द कर द‍िया गया है. बताया जा रहा है क‍ि रेलवे की तरफ से एल्युमिनियम से बनने वाली वंदे भारत ट्रेन में स्लीपर कोच लगाने की योजना पर फिर से विचार कर रहा है. दरअसल, ऐसा इसलिए क्योंकि इन ट्रेनों को बनाने में ज्‍यादा खर्च आता है और देश में ऐसी ट्रेनें बनाने की सही जानकारी या तकनीक अभी मौजूदा नहीं है.

30,000 करोड़ रुपये का टेंडर रद्द करना पड़ा

भारतीय रेलवे को 100 एल्युमिनियम से बनी वंदे भारत ट्रेन खरीदने के लिए 30,000 करोड़ रुपये का टेंडर रद्द करना पड़ा. ऐसा इसलिए क्योंकि सबसे कम कीमत लगाने वाली कंपनी, एलस्‍टॉम इंडिया ने एक ट्रेन की कीमत 150.9 करोड़ रुपये बताई थी. पहले बताया गया क‍ि एल्युमिनियम से कोच बनाने का आइड‍िया इसल‍िये द‍िया गया ताक‍ि यह ट्रेन हल्‍की होने के कारण ज्‍यादा तेज रफ्तार से चल सकेगी. एल्युमिनियम से बनी ट्रेनें स्टील की ट्रेन के मुकाबले हल्की होती हैं और इनमें बिजली की कम खपत होती है. अभी रेलवे ने 102 चेयर कार वाली वंदे भारत ट्रेन और 200 स्लीपर वाली वंदे भारत ट्रेन खरीदने के लिए टेंडर फाइनल क‍िया है.

ट्रेन बनाने के लिए विदेश से तकनीक लानी पड़ती
टाइम्‍स ऑफ इंड‍िया में प्रकाश‍ित खबर के अनुसार एल्युमिनियम बॉडी वाली ट्रेन बनाने के लिए विदेश से तकनीक लानी पड़ती है, जिसकी कीमत बहुत ज्यादा है. इसलिए भारतीय रेलवे अब दूसरे विकल्प खोज रहा है. अब ध्यान इस बात पर है कि एक 24 कोच वाली स्लीपर वंदे भारत ट्रेन बनाई जाए जो ज्यादा तेज चल सके. साथ ही, लागत कम करने और देश की तकनीक का इस्तेमाल करने पर भी फोकस क‍िया जा रहा है.

पहले 120 करोड़ रुपये प्रति रैक पर हुआ था न‍िर्माण
रेलवे की टेंडर समिति ने अधिकतम कीमत 140 करोड़ रुपये तय की थी. लेकिन एलस्‍टॉम इंडिया ने करीब 145 करोड़ रुपये प्रति ट्रेन सेट पर सौदा करने की इच्छा दिखाई. फिर भी कोई समझौता नहीं हो सका और टेंडर रद्द हो गया. इससे पहले रेलवे ने 200 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनसेट का निर्माण 120 करोड़ रुपये प्रति रैक की कीमत पर करने का ठेका दिया था. एलस्‍टॉम इंडिया के प्रवक्‍ता का कहना है कि उन्होंने जो कीमत दी थी, वह सबसे कम थी और बाजार में मिलने वाली ऐसी ही दूसरी ट्रेनों से सस्ती थी.

Trending news