महंगाई के मोर्चे पर झटका! अगस्त में थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी, 11.39% रहा WPI
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महंगाई के मोर्चे पर झटका! अगस्त में थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी, 11.39% रहा WPI

अगस्त में मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट की थोक महंगाई जुलाई के11.2 परसेंट से बढ़कर 11.39 परसेंट पर पहुंच गई है. हालांकि इस अवधि में खाने-पीने की चीजों की महंगाई घटी है. 

महंगाई के मोर्चे पर झटका! अगस्त में थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी, 11.39% रहा WPI

नई दिल्ली: WPI Inflation in August : महंगाई से राहत मिलती हुई नहीं दिख रही है. अगस्त में थोक महंगाई के मोर्चे पर सरकार को फिर से झटका लगा है. अगस्त में थोक महंगाई दर (WPI) 11.39 परसेंट रही है. जबकि अनुमान 10.8 परसेंट का था. इसके पिछले महीने जुलाई में थोक महंगाई दर 11.16 परसेंट थी. 

  1. अगस्त में थोक महंगाई के मोर्चे पर सरकार को फिर से झटका लगा
  2. अगस्त में थोक महंगाई दर (WPI) 11.39 परसेंट रही
  3. पिछले महीने जुलाई में थोक महंगाई दर 11.16 परसेंट थी 

क्यों बढ़ी थोक महंगाई दर? 

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ईंधन और बिजली की कीमतों में तेज़ी के कारण थोक महंगाई में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसके साथ ही महंगाई की इस मार के लिए मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की कीमतों में आया उछाल भी जिम्मेदार हैं. तिमाही दर तिमाही आधार पर अगस्त में फ्यूल और पावर की थोक महंगाई 26.02 परसेंट से बढ़कर 26.09 परसेंट पर आ गई है.

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खाने-पीने की चीजों की महंगाई घटी

अगस्त में मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट की थोक महंगाई जुलाई के11.2 परसेंट से बढ़कर 11.39 परसेंट पर पहुंच गई है. हालांकि इस अवधि में खाने-पीने की चीजों की महंगाई घटी है. अगस्त में खाने-पीने की चीजों की थोक महंगाई जुलाई के 4.46 परसेंट से घटकर 3.43 परसेंट हो गई है. इसके अलावा महीने दर महीने आधार पर अगस्त में प्राइमरी आर्टिकल की थोक महंगाई दर 5.72 परसेंट से बढ़कर 6.20 परसेंट पर आ गई है. 

रीटेल महंगाई में राहत मिली थी

आपको बता दें कि थोक महंगाई दर में राहत नहीं मिली है लेकिन रीटेल महंगाई के मोर्चे पर लोगों को राहत मिली थी. अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) के आंकड़े जारी हुए थे. जिसमें पिछले महीने के मुकाबले कुछ नरमी देखने को मिली थी. सब्जियों और अनाज की कीमतों में कमी इसकी सबसे बड़ी वजह थी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्त, 2021 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित (CPI) रीटेल महंगाई 5.30 परसेंट थी. 

ऐसा दूसरी बार है जब CPI का आंकड़ा रिजर्व बैंक के 6 परसेंट की अधिकतम सीमा के नीचे आया है. इससे पहले, मई और जून में लगातार दो महीने CPI 6 परसेंट के ऊपर रहा था. इसके पिछले महीने जुलाई, 2021 में ये 6.69 परसेंट रही थी. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में कहा था कि महंगाई दर में धीरे-धीरे सुधार दर्ज होगा, उन्होंने उम्मीद जताई थी कि जल्द ही खुदरा महंगाई छह फीसदी के लक्ष्य के दायरे में आ जाएगी.

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