यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) को जोड़ने वाला 6.6 किलोमीटर का इंटरचेंज लूप आखिरकार बनने जा रहा है. यह इंटरचेंज ग्रेटर नोएडा, मेरठ, पानीपत, कुंडली और यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे के आवासीय क्षेत्रों के निवासियों के लिए जेवर में आने वाला इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक पहुंच को आसान बना देगा.
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यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) को जोड़ने वाला 6.6 किलोमीटर का इंटरचेंज लूप लगभग चार साल की देरी से आखिरकार बनने जा रहा है. मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने 122 करोड़ रुपये की इस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी. यह इंटरचेंज ग्रेटर नोएडा, मेरठ, पानीपत, कुंडली और यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे के आवासीय क्षेत्रों के निवासियों के लिए जेवर में आने वाला इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक पहुंच को आसान बना देगा और लगभग 15 किलोमीटर का सफर कम कर देगा.
18 महीने में पूरा होगा प्रोजेक्ट
वर्तमान में, मोटर चालकों को ईपीई तक पहुंचने के लिए कासना और घंगोला जैसे कई भीड़भाड़ वाले गांवों से होकर गुजरना पड़ता है. इससे यात्रा में देरी और असुविधा होती है. नया इंटरचेंज लूप इन गांवों से होकर गुजरने से बचाएगा और मोटर चालकों को सीधे ईपीई तक पहुंचने की अनुमति देगा. NHAI अधिकारियों के अनुसार, इंटरचेंज 78 हेक्टेयर में बनेगा और इसका निर्माण देव यश प्रोजेक्ट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 18 महीने में पूरा किया जाएगा.
मोटर चालकों को मिलेगी राहत
वर्तमान में, यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे गौतमबुद्ध नगर जिले के जगनपुर-अफजलपुर गांव के पास एक दूसरे के पैरेरल चलते हैं, लेकिन दोनों एक्सप्रेसवे के बीच कोई सीधा लिंक नहीं है. नया इंटरचेंज लूप इन दोनों एक्सप्रेसवे को जोड़ेगा और मोटर चालकों को सीधे एक से दूसरे तक जाने की अनुमति देगा. इंटरचेंज लूप में चार क्लोवरलीफ चौराहों और चार रैंपों का निर्माण शामिल होगा. MoU के रूल एंड रेगुलेशन्स के मुताबिक, यमुना अथॉरिटी कुल बजट का 21.1% योगदान देगा, जबकि एनएचएआई शेष 78.9% का भुगतान करेगा.
इसलिए हो रही थी देरी
इंटरचेंज लूप के निर्माण में देरी हुई क्योंकि किसानों को उनकी जमीन देने के लिए मनाने में समय लगा. किसानों को लगा कि उन्हें जो मुआवजा दिया जा रहा था वह पर्याप्त नहीं था, इसलिए उन्होंने अधिक मुआवजे की मांग की. हाल ही में, यमुना प्राधिकरण (YEIDA) ने किसानों की मांग मान ली. किसानों द्वारा मांगे गए 22.3 करोड़ रुपये के अतिरिक्त मुआवजे को मंजूरी मिली. साथ ही, किसानों को जगनपुर-अफजलपुर के पास 17 एकड़ भूमि पर पुनर्वासित करने पर भी सहमति व्यक्त की गई. इसके परिणामस्वरूप, इंटरचेंज लूप का निर्माण अब 2025 के मध्य तक पूरा होने की उम्मीद है.