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PPF Loan: पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) निवेश का सिर्फ एक शानदार जरिया ही नहीं है, बल्कि इसके दूसरे कई फायदे भी हैं. जिसमें से एक बड़ा फायदा ये है कि आप अपने PPF अकाउंट पर लोन ले सकते हैं. जरूरत के वक्त में PPF पर लोन बहुत काम आता है क्योंकि ये बड़ी आसानी से मिल जाता है.
मुसीबत कभी भी आ सकती है. ऐसे में पैसों की किल्लत दूर करने के लिए हम लोन की जुगत में लग जाते हैं, लेकिन कोई भी लोन आपको बिना गारंटी के नहीं मिल सकता, उसके ऐवज में आपको बैंक को कुछ न कुछ तो देना होता है. लेकिन PPF पर लोने लेने के लिए आपको इसके बदले में कुछ गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती. PPF पर लोन लेना सस्ता भी पड़ता है, क्योंकि इसकी ब्याज दर काफी कम होती है.
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PPF पर जिस वित्त वर्ष में आपने अकाउंट खोला था, उसके खत्म होने से लेकर एक साल पूरा होने के बाद और 5 साल पूरे होने से पहले, इस पर लोन लिया जा सकता है. याद रहे कि PPF अकाउंट के 5 साल पूरे होने के बाद इससे पैसे निकाले जा सकते हैं. लेकिन एक बार जब आपने निकासी शुरू कर दी, इसके बाद PPF पर लोन नहीं लिया जा सकता. आप जिस साल में लोन के लिए अप्लाई कर रहे हैं, उसके पहले के दो साल पूरे होने के आखिर में PPF अकाउंट में जितनी राशि मौजूद है, उसका 25 परसेंट तक लोन लिया जा सकता है.
PPF पर लोन लेने पर पर पहले लोन का प्रिंसिपल अमाउंट यानी मूलधन चुकाना होता है, बाद में इसका ब्याज चुकाया जाता है. मूलधन अमाउंट को दो या इससे ज्यादा किस्तों या मासिक किस्तों में चुका सकते हैं. याद रहे कि लोन के प्रिंसिपल अमाउंट का भुगतान खाताधारक को जिस महीने में लोन लिया गया है, उसके पहले दिन से 36 महीने खत्म होने तक करना होता है.
लोन के लिए प्रभावी ब्याज दर PPF पर मिल रहे ब्याज से केवल 1 परसेंट ज्यादा है. PPF पर इस वक्त 7.1 परसेंट सालाना ब्याज मिल रहा है. यानी अगर लोन लेते हैं तो लोन की ब्याज दर 8.1 परसेंट रहेगी. ब्याज को दो EMI या एकमुश्त चुकाया जा सकता है. अगर समय पर प्रिंसिपल अमाउंट चुका दिया गया है, लेकिन ब्याज का कुछ हिस्सा बाकी है तो वह आपके PPF अकाउंट से काटा जाता है.
अगर 36 महीने की अवधि के अंदर लोन का भुगतान नहीं किया गया है या सिर्फ आंशिक तौर पर उसका भुगतान हुआ है, तो बचे हुए लोन की राशि पर सालाना 6 परसेंट की दर से ब्याज लगेगा. यह छह परसेंट ब्याज जिस महीने में लोन लिया है, उसके अगले महीने के पहले दिन से लेकर जिस महीने आखिरी किश्त का भुगतान होगा, उसके आखिरी दिन तक होगा. यानी लोन 36 महीने के अंदर चुकता नहीं कर पाने पर पहले जो ब्याज दर 1 परसेंट बन रही थी, वो 6 परसेंट हो जाएगी.
बकाया लोन पर ब्याज 36 महीने की अवधि खत्म होने से पहले नहीं चुकाया गया तो हर साल के आखिर में खाताधारक के खाते से काट लिया जाएगा. अगर खाताधारक की मृत्यु हो जाती है तो तो उसका नॉमिनी या वैध उत्तराधिकारी उसके लोन का ब्याज का भुगतान करेगा. अगर आपका पीपीएफ अकाउंट एक्टिव नहीं है तो आप उस पर लोन नहीं ले सकते. इसके अलावा जब तक पीपीएफ पर लिया गया पहला लोन चुकता नहीं हो जाता, उस पर दूसरा लोन नहीं लिया जा सकता.
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