Twin Tower: कुछ दिनों पहले आपने ट्विन टावर (Twin Tower) गिरने की वीडियो देखी होगी. सोचा है इस तरह की इमारत ध्वस्त करने के लिए कौन सा कोर्स करना होता है? इस कोर्स को करने के बाद कहां कहां काम करने का माका मिलता है? कितनी सैलरी होती है? जानिए इस खबर में.
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Explosive Engineering Course: आपने नोएडा में स्थित 40 मंजिला ट्विन टावर्स (Noida Twin Tower) को गिरते हुए देखा होगा. सिर्फ एक बटन दबाते ही 40 मंजिला इमारत 9 सेकण्ड में धूल में बदल गई. इस काम को करने की इजाजत एडिफिस कंपनी (Edifice company) के इंडियन ब्लास्टर चेतन दत्ता के हाथों में थी. क्या आपने सोचा है कि ये ब्लास्टर (Blaster) कौन सा कोर्स करते है, जिससे इनको इमारत गिराने, सुरंग खोदने और खदानों में विस्फोट करने का काम मिलता है. इस कोर्स में क्या ऑपर्च्युनिटी है जानिए?
एक्सप्लोसिव इंजीनियर क्या होता है ब्लास्टर?
इन ब्लास्टर्स को एक्सप्लोसिव इंजीनियर कहते हैं. इनका काम माइनिंग और बड़े-बड़े निर्माणों के लिए विस्फोटकों की देखभाल करना होता है. इनकी जरूरत खदानों, पहाड़ों को काटना, इमारतों को ध्वस्त करना, ग्रेनाइट पत्थर जैसे कामों में होता है. ब्लास्टर का काम बेहद खौफनाक होता है. ये ब्लास्टर्स कई मशीनों से घिरे हुए होते है. इसलिए एक्सप्लोसिव इंजीनियर बनने के लिए मशीनरी और सिविल से जुड़े विषयों की पढ़ाई करनी होती है.
ऐसे बने ब्लास्टर
1. ब्लास्टर डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्रोग्राम
2. झारखंड राय यूनिवर्सिटी से डिप्लोमा इन माइनिंग इंजीनियरिंग
3. इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ एक्सप्लोसिव इंजीनियर्स ISEE से प्रैक्टिकल ब्लास्टिंग फंडामेंटल्स कोर्स
इसके अलावा आप नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कर्नाटक, सुरथकल से बी.टेक.(Mining Engineering) कोर्स कर सकते है. इसके लिए कई अन्य डिप्लोमा प्रोग्राम और सर्टिफिकेट कोर्स भी चलाए जाते है. पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन PESO की वेबसाइट- peso.gov.in से इस कोर्स के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
10वीं पास होना जरूरी
कई संस्थान इस कोर्स को 10वीं के बाद भी कराते हैं. अगर आप डिप्लोमा करना चाहते हैं तो 10वीं के बाद यह कोर्स किया जा सकता है. इसके बाद आपको किसी संस्थान में कम से कम 1 साल काम सीखना होता है. इसके अलावा आपके पास वैलिड ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी है. इस कोर्स को करने के लिए 18 साल से ज्यादा की उम्र होनी चाहिए.
क्या काम होता है ब्लास्टर का?
एक एक्सप्लोसिव इंजीनियर जिसे ब्लास्टर भी कहा जाता है. इन्हें कई तरह के कार्य करने पड़ते हैं. ये विस्फोटक मशीनों को सही जगह लगाने से लेकर विस्फोटक की निगरानी करने का काम भी करते हैं. इसके अलावा ये विस्फोट के लिए तारों और डिवाइसों को आपस में जोड़ने, ब्लास्ट लाइनों के बीच तारों को बिछाने और ब्लास्टिंग के समय कंट्रोल रूम से निगरानी करते हैं.
कितना होता है सालाना पैकेज?
एक ब्लास्टर का वेतन उसके अनुभव और योग्यता के आधार पर होता है. अगर ब्लास्टर की बेसिक सैलरी की बात करें तो सालाना लगभग 3 लाख से 6 लाख हो सकता है. इसके अलावा इन्हें कई तरह के बेनिफिट्स होते है जैसे हैल्थ इंश्योरेंस, डेंटल इंश्योरेंस, विजन इंश्योरेंस और वॉलंटरी इंश्योरेंस की सुविधा भी दी जाती है.
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