H1-B Visa: ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से भारतीयों को आ सकती है अमेरिका में दिक्कत, क्या है वजह?
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H1-B Visa: ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से भारतीयों को आ सकती है अमेरिका में दिक्कत, क्या है वजह?

Kamala Harris Or Donald Trump: ट्रंप सरकार ने H-1B के लिए 'खास व्यवसायों' की परिभाषा को सीमित करने का प्रस्ताव दिया था.

H1-B Visa: ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से भारतीयों को आ सकती है अमेरिका में दिक्कत, क्या है वजह?

America Election 2024: अमेरिकी चुनावों के साथ, एच-1बी वीजा चर्चा का एक मुद्दा बना हुआ है, जिससे यह सवाल उठता है कि अगर डोनाल्ड ट्रम्प सत्ता में आते हैं तो 85,000 एच-1बी वीजा के सालाना आवंटन का क्या होगा?

एच-1बी वीजा पॉलिसी में बदलाव एक संवेदनशील मामला क्यों है?
एच-1बी वीजा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), इंफोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और विप्रो जैसी आईटी कंपनियों को अपने कर्मचारियों को अमेरिका भेजने की इजाजत देता है. हालांकि, रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे अपने राजस्व के 50 फीसदी से ज्यादा के लिए अमेरिकी ग्राहकों पर निर्भर हैं. हालांकि, अब अमेरिका के इस वीजा को लेकर हालात बदल सकते हैं.  

डोनाल्ड ट्रम्प H-1B वीजा पर
डोनाल्ड ट्रंप ने पहले H1-B वीजा को अमेरिकी कर्मचारियों के लिए "बहुत खराब" और "अनुचित" बताया था. संभावना है कि अगर वे सत्ता में आते हैं तो वे इसमें बदलाव कर सकते हैं. जब वे 2020 में राष्ट्रपति थे, तो अमेरिकी श्रम विभाग ने H1-B वीजा धारक के न्यूनतम सैलरी को स्टैंडर्ड अमेरिकी कर्मचारी के बराबर बढ़ाने के लिए एक नया नियम प्रस्तावित किया था, लेकिन बाद में इसे रोक दिया गया था. अगर ट्रंप को जीत मिलती है तो ऐसा हो सकता है कि वह कंपनियों पर दबाव बनाएं कि स्थानीय लोगों को भर्ती किया जाए. साथ ही साथ सैलरी की लिमिट भी बढ़ाई जा सकती है.

ट्रंप के पिछले कार्यकाल में H-1B वीजा के लिए एप्लिकेशन को एक्सेप्ट करने की दर घट गई थी. एलिजिबिलिटी क्राइटीरिया और कड़ा कर दिया गया था. ज्यादा सैलरी होने पर ही वीजा देने की शर्त रख दी गई थी. वीजा प्रोसेसिंग का टाइम भी बढ़ा दिया गया था, जिसकी वजह से लोगों के लिए H-1B वीजा हासिल करना बहुत ही मुश्किल हो गया था.

कमला हैरिस H-1B वीजा पर
कमला हैरिस ने H-1B जीवनसाथी के लिए लगातार वर्क अथॉरिटीज समेत ओपन इमीग्रेशन पॉलिसीज का सपोर्ट किया है, वे ग्रीन कार्ड के लिए कंट्री-स्पेशिफिक सीमा के बारे में चुप रही हैं. हालांकि, उन्होंने 2019 के डेमोक्रेटिक नोमिनेशन के दौरान H-1B वर्क्स के लिए एंप्लॉयमेंट-बेस्ड ग्रीन कार्ड पर देश-वाइज लिमिट हटाने का सपोर्ट किया था.

उनके कैंपेन स्टेटमेंट में कहा गया था, "कमला का मानना ​​है कि हमें भेदभावपूर्ण लंबित मामलों को खत्म करने और इमीग्रेंट वर्क्स की सुरक्षा के लिए और ज्यादा प्रयास करने चाहिए ताकि वे हमारे देश में रह सकें और अर्थव्यवस्था में योगदान देना जारी रख सकें." उन्होंने यह भी बताया कि ग्रीन कार्ड के लिए लाइन में लगे 95 फीसदी लोग चीन, भारत, फिलीपींस और वियतनाम से हैं.

एच-1बी वीजा क्या है?
एच-1बी एक गैर-आप्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स (एसटीईएम) और आईटी जैसी खास नौकरियों के लिए विदेशी वर्क्स को हायर करने और नौकरी देने की अनुमति देता है.

वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में भावी होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी द्वारा एक आदेश पर साइन करने की प्लानिंग का भी खुलासा किया गया है, जो लीगल इमिग्रेशन रूट्स को बैन करता है. यह ट्रम्प के पूर्व अधिकारियों और कैंपेन ग्रुप्स के साथ इंटरव्यू पर आधारित था. रिपोर्ट के अनुसार, स्टीफन मिलर और अमेरिका फर्स्ट पॉलिसी इंस्टीट्यूट सहित सलाहकार भी इसके लिए कार्यकारी आदेश, विनियम और ज्ञापन तैयार कर रहे हैं.

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