काशी से घर नहीं लाना चाहिए गंगा जल और गीली मिट्टी, जानें क्या है इसके पीछे का रहस्य
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काशी से घर नहीं लाना चाहिए गंगा जल और गीली मिट्टी, जानें क्या है इसके पीछे का रहस्य

Kashi Gangajal Fact: मोक्ष की नगरी काशी में ऐसी मान्यता है कि वहां का गंगा जल और गीली मिट्टी किसी भी व्यक्ति को अपने घर लेकर नहीं आनी चाहिए. आप हमारी इस खबर में इस मान्यता के पीछे की वजह जान सकते हैं.

काशी से घर नहीं लाना चाहिए गंगा जल और गीली मिट्टी, जानें क्या है इसके पीछे का रहस्य

Kashi Gangajal Fact: काशी, बनारस या कहो वाराणसी, इस शहर के बहुत से नाम हैं. इस शहर को जिसे मोक्ष की नगरी या मोक्ष का द्वार भी कहते हैं. दरअसल, काशी इस शहर का प्राचीन (पुराना) नाम है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस शहर को देवों के देव महादेव ने बसाया था. ऐसी मान्यता है कि यह दुनिया का सबसे प्राचीन शहर है, जो महादेव के त्रिशूल पर टिका है. 

काशी से नहीं लेकर आना गंगा जल और गीली मिट्टी
वहीं, गंगा नदी के किनारे बसे इस शहर के बारे में मान्यता है कि यहां का गंगा जल और गीली मिट्टी किसी भी व्यक्ति को अपने घर लेकर नहीं जानी चाहिए. अक्सर लाखों लोग यहां आते हैं और गंगा जल भरकर अपने घर ले जाते हैं, जबकि ऐसा करना बिल्कुल गलत है. इस मान्यता के पीछे कई पौराणिक कारण है. आइये इसे समझते हैं, ताकि आप भविष्य में ऐसी गलती ना करें.

काशी से जुड़ी मान्यता
ऐसी मान्यता है कि मोक्ष की इस नगरी में जो भी जीव-जन्तु और इंसान आकर अपने प्राण त्यागता है, उसे जन्म-मरण के चक्र से छुटकारा मिल जाता है. यही कारण है कि काशी में कई मोक्ष आश्रम बने हुए हैं, जहां आकर लोग अपने जीवन का अंतिम समय बिताते हैं. वे यहां अपनी मृत्यु तक ठहरते हैं और मोक्ष की प्राप्ती करते हैं. यह भी मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति किसी को काशी आने के लिए प्रेरित करता है, उसे पुण्य प्राप्त होता है. वहीं, इस नगरी से किसी को अलग करने वाला व्यक्ति पाप का भागिदार माना जाता है.

इसलिए घर नहीं लाना चाहिए काशी का गंगा जल
हिंदू पौराणिक मान्यता के अनुसार एक व्यक्ति कहीं से भी गंगा जल अपने घर ले जा सकता है, लेकिन उसे काशी से गंगा जल अपने घर नहीं ले जाना चाहिए. दरअसल, जो लोग काशी से गंगा जल अपने साथ ले जाते हैं, वे जल में समाहित जीव-जन्तुओं को भी अपने घर ले जाते हैं. मान्यता है कि किसी भी जीव को काशी से अलग करने पर उस जीव का मृत्यु और पुनर्जन्म का चक्र बाधित होता है और ऐसा करना गलत माना जाता है.

गंगा जल घर लाने छूट जाती है मृतक की काशी
वहीं, काशी की मिट्टी, खासकर गंगा जल की गीली मिट्टी पर भी यही नियम लागू होता है. गंगा जल की गीली मिट्टी में भी हजारी जीव और कीटाणु उपस्थित होते हैं. इसके अलावा में रोजाना अनगिनत लोगों का दाह संस्कार भी होता है, जिनकी राख को गंगा में विसर्जित किया जाता है. ऐसे में काशी से गंगा जल ले जाने पर आप मृतक के अंश और राख को भी अपने साथ अपने घर ले आते हैं. इससे उस मृतक व्यक्ति की काशी छूट जाती है और उसे मोक्ष पाने में भी बाधा आती है.

यहीं वो कारण है जिस वजह से कहा जाता है कि काशी घूमने आए व्यक्ति को कभी भी अपने साथ काशी से गंगा जल और वहां की गीली मिट्टी अपने साथ घर लेकर नहीं आनी चाहिए.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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