फिर हो जाएगा अपनी भाषा से प्यार, हिंदी से जुड़े ये ग्लोबल फैक्ट्स जानते हैं आप? जानिए कितनी है इसकी WW रैंकिंग
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फिर हो जाएगा अपनी भाषा से प्यार, हिंदी से जुड़े ये ग्लोबल फैक्ट्स जानते हैं आप? जानिए कितनी है इसकी WW रैंकिंग

Hindi Diwas 2024: हिंदी का साहित्यिक इतिहास बहुत समृद्ध है. वर्तमान में दुनियाभर में अंग्रेजी और मंदारिन के बाद हिंदी तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर जानिए इससे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें...

फिर हो जाएगा अपनी भाषा से प्यार, हिंदी से जुड़े ये ग्लोबल फैक्ट्स जानते हैं आप? जानिए कितनी है इसकी WW रैंकिंग

National Hindi Day 2024: भारतीयों के लिए हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि देश की सांस्कृतिक विरासत भी है. हिंदी प्राचीन भारतीय भाषा संस्कृत से उत्पन्न हुई है, जिसकी लिपि देवनागरी है. यह भारत के ज्यादातर राज्यों में बोली जाती है. आज, 14 सितंबर को देशभर में हिंदी दिवस मनाया जा रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस भाषा का महत्व समझाने के लिए आखिर इसी तारीख को क्यों चुना गया है? ऐसे कई सवालों के जवाब आपको यहां मिलेंगे... 

हिंदी भाषा का विकास
संस्कृत भाषा से पालि, पालि से प्राकृत, प्राकृत से अपभ्रंश, अपभ्रंश से अवहट्ट, अवहट्ट से पुरानी हिंदी और पुरानी हिंदी से आधुनिक हिंदी का विकास हुआ है, जिसे आज बोल-चाल में हम इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, इसे लेकर मतभेद है कि अपभ्रंश से हिंदी का विकास हुआ है या पुरानी हिंदी से, लेकिन वर्तमान भाषाविज्ञानी इसे अपभ्रंश से ही विकसित हुआ मानते है.

भारत की औपचारिक भाषा
दरअसल, 14 सितंबर 1949 को हिंदी को औपचारिक भाषा का दर्जा दिया गया था. दिन को खास बनाने के लिए भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया था. हिंदी को 1950 में आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला. इसके बाद 1953 से ही भाषा के विस्तार और लोगों को  इसका महत्व समझाने के लिए 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. इसके अलावा 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है.

हिंदी के साहित्यकारों की रही अहम भूमिका
माखनलाल चतुर्वेदी, मैथिलीशरण गुप्त, महादेवी वर्मा, सरोजिनी नायडू, मुंशी प्रेमचंद, रवींद्रनाथ टैगोर, रामधारी सिंह दिनकर, शरतचंद चट्टोपाध्याय और सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जैसे बेहतरीन कवियों और साहित्यकारों ने हिंदी साहित्य को पूरी दुनिया में एक खास पहचान दिलवाई है. देश-विदेश में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में हिंदी भाषा का विस्तार करने और भारतीय सांस्कृतिक झलक दिखाने के लिए इनकी रचनाओं की मदद ली जाता है. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को इन महान रचनाकारों की बदौलत कालजयी कहानियां मिली हैं. 

हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य
हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य हिंदी भाषा के इस्तेमाल को बढ़ावा देना और लोगों को इसके महत्व के बारे में जागरूक करना है. युवाओं में हिंदी के प्रति रुझान बढ़ाने के लिए स्कूल-कॉलेजों में निबंध, कविता पाठ, लेखन, नाटक जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

हिंदी की रैंकिंग
दुनियाभर में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में हिंदी तीसरे नंबर पर है. जबकि, पहले नंबर पर इंग्लिश और दूसरे पर मैंडरिन चाइनीज है. पूरी दुनिया में करीब 60.88 करोड़ लोग हिंदी को अपनी मूल भाषा की तरह इस्तेमाल करते हैं. कई विदेशी सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स हिंदी से इतने प्रभाव हैं कि इसी भाषा में वीडियो कंटेट बना रहे हैं. 

हिंदी दिवस का महत्व बढ़ाने वाले कुछ प्रमुख कारण-

  • हिंदी में पहली कविता प्रसिद्ध कवि अमीर खुसरो ने लिखी थी. 
  • हिंदी भाषा के इतिहास पर किताब लिखने वाले पहले लेखक एक फ्रांसीसी लेखक ग्रासिम डी तैसी थे.
  • साल 1977 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में भाषण देकर हिंदी के प्रति सम्मान दिखाया था.
  • साल 2009 में गूगल ने अपने सर्च इंजन में हिंदी को शामिल किया.
  • हिंदी मलेशिया, मॉरीशस, फिलीपींस, नेपाल, फिजी, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद, तिब्बत और पाकिस्तान में भी बोली जाती है.
  • अच्छा,  सूर्य नमस्कार, आधार, डब्बा, हड़ताल, शादी जैसे 26 हिंदी शब्दों को ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में शामिल किया गया है. जनवरी 2021 में लॉन्च हुई ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के 10वें एडिशन में 384 भारतीय अंग्रेजी शब्द हैं.

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