ग्रेजुएशन में फेल होने वाले ने दो बार क्रैक की UPSC परीक्षा, हासिल की ऑल इंडिया 48वीं रैंक,बने IAS अफसर
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ग्रेजुएशन में फेल होने वाले ने दो बार क्रैक की UPSC परीक्षा, हासिल की ऑल इंडिया 48वीं रैंक,बने IAS अफसर

IAS Anurag Kumar: आईएएस अनुराग कुमार ग्रेजुएशन के दौरान कई विषयों में फेल हो गए थे, लेकिन उन्होंने फिर भी यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने की सोची और दो बार लगातार परीक्षा पास कर आईएस ऑफिसर बन गए.

ग्रेजुएशन में फेल होने वाले ने दो बार क्रैक की UPSC परीक्षा, हासिल की ऑल इंडिया 48वीं रैंक,बने IAS अफसर

IAS Anurag Kumar Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों का आत्म-संदेह, असफलताओं, जिज्ञासा और बहुत सी कठिनाईयों के साथ अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए आगे बढ़ना पड़ता है. हालांकि, जो चीज उन्हें सबसे अलग बनाती है, वह है उनकी दृढ़ता और समर्पण. इसलिए इतनी कठिनाइयों से जूझने के बाद भी जो आखिर तक टिका रहता है वही विजयी होता है.

ऐसे ही समर्पण का एक उदाहरण हैं आईएएस ऑफिसर अनुराग कुमार. आईएएस अनुराग को तब असफलता का सामना करना पड़ा था, जब वह ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे थे. हालांकि, उन्होंने इसे अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और इस असफलता का उपयोग उन्होंने खुद को प्रेरित करने के लिए किया.

अनुराग ने ग्रेजुएशन में फेल होने के बाद भी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी और कई लोगों को यह देखकर आश्चर्य भी हुआ कि जो लड़का ग्रेजुएशन के दौरान फेल हो गया था, उसने देश की सबसे कठिन भर्ती परीक्षा की तैयारी शुरू की है. बता दें कि अनुराग ने ग्रेजुएशन में फेल होने के बाद भी यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को दो बार क्रैक कर डाला था. अनुराग साल 2018 में ऑल इंडिया 48वीं रैंक के साथ आईएएस अधिकारी बन गए थे.

बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले अनुराग कुमार ने कक्षा 8 तक की पढ़ाई हिंदी मीडियम स्कूल में की है. इसके बाद उनका एडमिशन इंग्लिश मीडिया स्कूल में हो गया. हालांकि, इस दौरान उन्हें पढ़ाई में काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा.

अनुराग ने कई इंटरव्यू में बताया है कि वह शुरू से ही एक औसत छात्र थे, लेकिन एक बार जब वह कुछ करने की ठान लेते हैं, तो उसे हासिल करके ही दम लेते हैं.

अनुराग कुमार ने 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की और उनमें 90 प्रतिशत अंक हासिल किए थे. हालांकि, 12वीं कक्षा में उन्होंने 90 प्रतिशत से भी अधिक अंक हासिल किए थे. इसके बाद उन्होंने दिल्ली के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में सीट हासिल की.

हालांकि, कॉलेज में उनके लिए आगे की राह आसान नहीं थी. ग्रेजुएशन में वह कई विषयों में फेल हो गए थे, जिसके बाद में उन्होंने किसी तरह ग्रेजुएशन पूरा किया और पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए एडमिशन लिया.

अनुराग कुमार ने फिर से अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू कर दिया और पोस्ट-ग्रेजुएशन के दौरान उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया. पीजी पूरा करने के बाद उन्होंने पूरी लगन और मेहनत से यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी.

उन्होंने कड़ी मेहनत से पढ़ाई की, नोट्स बनाए और अपना 100 प्रतिशत दिया. उन्होंने साल 2017 में अपने पहले ही प्रयास में ऑल इंडिया 677वीं रैंक के साथ यूपीएससी के लिए क्वालीफाई कर लिया, लेकिन कुमार अपनी रैंक से संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने फिर से अपनी तैयारी शुरू कर दी. अपने दूसरे प्रयास में, उन्होंने 2018 की यूपीएससी सीएसई परीक्षा में ऑल इंडिया 48वीं रैंक हासिल की. बता दें कि अनुराग कुमार वर्तमान में बेतिया जिले में सहायक जिला अधिकारी के रूप में तैनात हैं.

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