UPSC Success Story: एक सवाल और हो गया UPSC में सिलेक्शन, ऐसी है वैष्णवी के IAS बनने की कहानी
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UPSC Success Story: एक सवाल और हो गया UPSC में सिलेक्शन, ऐसी है वैष्णवी के IAS बनने की कहानी

UPSC Success Story: जब हम बड़े होते हैं और आप चीजों को देखते हैं, आपको लगता है कि हां आपके पास एक सपोर्ट सिस्टम है, तब आप कड़ी मेहनत करते हैं और प्रशासन का हिस्सा बनने की कोशिश करते हैं.

UPSC Success Story: एक सवाल और हो गया UPSC में सिलेक्शन, ऐसी है वैष्णवी के IAS बनने की कहानी

IAS Vaishnavi Paul: यूपी के गोंडा की वैष्णवी पॉल ने यूपीएससी सिविल सर्विसेज 2022 में 62वीं रैंक हासिल कर अपने माता-पिता और जिले का नाम रोशन किया है. वैष्णवी ने गोंडा में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की. यूपीएससी में यह उनका चौथा अटेंप्ट था, जिसमें उन्हें सफलता मिली. उनकी मां एक टीचर हैं.

वैष्णवी ने कहा कि उन्होंने खुद से आईएएस बनने का वादा किया था जिसमें वह सफल रहीं. उन्होंने बताया कि शिक्षा को हमेशा आगे रखना चाहिए. बचपन से ही मेरी मुख्य प्रेरणा अखबार पढ़ने से मिली. उन्होंने कहा कि अगर आपका कोई सपना है और आपके पास सपोर्ट सिस्टम है तो मेहनत करें, डरें नहीं. वैष्णवी ने इस सफलता का क्रेडिट अपने माता-पिता, शिक्षकों और दोस्तों को दिया है.

जिले के फातिमा स्कूल से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई करने वाली वैष्णवी ने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल की है. जब उन्होंने यूपीएससी क्लियर किया तब वह जेएनयू से मास्टर्स कर रही थीं. अपनी सफलता पर उन्होंने कहा, 'मेरी सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 62 आई है. मैं बहुत खुश हूं कि मैंने जो करने की योजना बनाई थी उसे करने का मौका मिलेगा.'

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उन्होंने कहा, 'बचपन में मेरे पिता ने मुझमें अखबार पढ़ने की आदत डाली और जब आप अखबार खोलते हैं तो ज्यादातर लोकल न्यूज देखते हैं कि कैसे जिलाधिकारी ने यह किया, एसपी ने यह किया. ऐसे में मेरा मन भी इसी दिशा में चला गया. फिर जब हम बड़े होते हैं और आप चीजों को देखते हैं, आपको लगता है कि हां आपके पास एक सपोर्ट सिस्टम है, तब आप कड़ी मेहनत करते हैं और प्रशासन का हिस्सा बनने की कोशिश करते हैं. शुक्र है कि मेरे पास एक सपोर्ट सिस्टम भी है. मेरे माता-पिता, मेरी बहन, मेरे मायके का परिवार, मेरे सभी शिक्षक, मेरे सभी दोस्त मेरे साथ थे.

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उन्होंने आगे कहा, 'इंटरव्यू में मुझसे काफी सवाल पूछे गए. इसमें एक सिचुएशनल सवाल बहुत अच्छा था कि अगर आप जिलाधिकारी बनकर आते हैं और पिछले डीएम का वहां के एसपी से बहुत अच्छा तालमेल नहीं रहा तो आप क्या करेंगे. मैंने आत्मविश्वास से जवाब दिया कि मैं पॉजिटिव अप्रोच के साथ उसके साथ नई शुरुआत करूंगी.'

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