Success Story: फुल टाइम जॉब के साथ क्रैक किया UPSC, बन गईं IAS, सिर्फ एक चीज पर किया फोकस
IAS Yashni Nagarajan: यशनी यह भी बताती हैं कि निबंध और नैतिकता के पेपर सबसे अच्छे स्कोरिंग मौके देते हैं, इसलिए उन्हें भी प्रॉपर इंपोर्टेंस देना जरूरी है.
IAS Yashni Nagarajan Rank:अगर आप IAS बनने की इच्छा रखते हैं, तो यशनी नागराजन की सफलता की कहानी ऐसी है जिसे आपको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. सबसे खास बात यह है कि यशनी UPSC परीक्षा की तैयारी के दौरान फुल टाइम जॉब भी कर रही थीं. उन्होंने 2019 में ऑल इंडिया रैंक 57 हासिल करके IAS अधिकारी बनने का अपना सपना पूरा किया. परीक्षा पास करने में उन्हें चार अटेंप्ट लगे और वह अपनी सफलता का क्रेडिट टाइम मैनेजमेंट को देती हैं. यशनी के मुताबिक, UPSC की तैयारी के लिए नौकरी छोड़ना जरूरी नहीं है. समर्पण और स्मार्ट टाइम मैनेजमेंट के साथ, आप काम और तैयारी दोनों को सफलतापूर्वक बैलेंस कर सकते हैं.
यशनी नागराजन ने अपनी स्कूली शिक्षा नाहरलागुन के केंद्रीय विद्यालय से पूरी की. इसके बाद उन्होंने युपिया के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग (ईईई) में बी.टेक की डिग्री हासिल की और 2014 में ग्रेजुएशन पूरी कर ली.
उनके पिता थंगावेल नागराजन राज्य के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) से रिटायर इंजीनियर हैं, जबकि उनकी मां रिटायर होने से पहले गुवाहाटी उच्च न्यायालय रजिस्ट्री की ईटानगर ब्रांच में अधीक्षक के रूप में कार्यरत थीं.
यशनी ने अपनी पढ़ाई के लिए रोजाना 4 से 5 घंटे समर्पित किए और वीकेंड में, वह अक्सर पूरे दिन पढ़ाई करती थीं. वह तैयारी के लिए वीकेंड का उपयोग करने के महत्व पर जोर देती है, खासकर यदि आप यूपीएससी परीक्षाओं की तैयारी करते हुए फुल टाइम काम कर रहे हैं. उनका मानना है कि इफेक्टिव स्टडी के लिए पर्याप्त घंटे अलग रखने के लिए अच्छा टाइम मैनेजमेंट जरूरी है.
शुरुआत में, यशनी ने दूसरों से प्रभावित होकर भूगोल को अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट चुना, जिसका असर उनके शुरुआती प्रयासों में उनके प्रदर्शन पर पड़ा. अपनी गलती का एहसास होने पर, उन्होंने सब्जेक्ट बदल दिया और सलाह दी कि ऐसा विषय चुनना बहुत जरूरी है जिसके बारे में आप भावुक हों. अगर आपको वह सब्जेक्ट पसंद है, तो आप उस सब्जेक्ट को और गहराई से समझ पाएंगे. वह इस बात पर जोर देती हैं कि ऑप्शनल सब्जेक्ट यूपीएससी परीक्षा में आपके स्कोर को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है.
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यशनी यह भी बताती हैं कि निबंध और नैतिकता के पेपर सबसे अच्छे स्कोरिंग मौके देते हैं, इसलिए उन्हें भी प्रॉपर इंपोर्टेंस देना जरूरी है. हालांकि यूपीएससी की तैयारी को फुल टाइम जॉब के साथ बैलेंस करना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन वह कहती हैं कि नौकरी करने से तनाव कम हो सकता है. भले ही आप परीक्षा में सफल न हों, लेकिन रोजगार की सुरक्षा आपके करियर के बारे में चिंताओं को कम करने में मदद करती है. कड़ी मेहनत और उचित टाइम मैनेजमेंट के साथ, उनका मानना है कि कोई भी आईएएस या आईपीएस अधिकारी बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है.
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