Swati Maliwal: स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट का विवाद लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. आइए जानते हैं कि स्वाति ने कहां तक पढ़ाई की है और उन्होंने कैसे और कब राजनीति में कदम रखा.
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Swati Maliwal Qualification: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव (PS) पर मारपीट का आरोप लगाया है. स्वाति के साथ मारपीट के मामले में लगातार नए-नए खुलासे हो रहे हैं. इन खुलासों के बीच इस मुद्दे को लेकर अब सोशल मीडिया पर भी जुबानी जंग शुरू हो गई है.
एक तरफ स्वाति मालीवाल ने मोर्चा खोल रखा, तो दूसरी ओर आप भी खुलकर स्वाति के खिलाफ बयानबाजी कर रही है. अब यह बवाल, सवाल और सियासी उठापटक पता नहीं कब तक चलेगी, इस बारे में तो किसी को नहीं पता, लेकिन आज हम जानेंगे स्वाति मालीवाल के बारे में कि वह आप से जुड़ने से पहले क्या करती थीं और उनकी एजुकेशन क्या है....
इतनी पढ़-लिखी हैं स्वाति
15 अक्टूबर 1984 को गाजियाबाद में जन्मीं स्वाति ने एमिटी इंटरनेशनल स्कूल से अपनी पढ़ाई की है. इसके बाद JSS एकेडमी ऑफ टेक्निकल एजुकेशन से इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी में बीटेक की डिग्री हासिल की और एक मल्टीनेशनल कंपनी का जॉब ऑफर एक्सेप्ट कर लिया.
CM केजरीवाल को काफी समय से जानती हैं
स्वाति करीब 15 साल से सीएम केजरीवाल से जुड़ी हुई हैं. जब केजरीवाल ने इंडियन रेवेन्यू सर्विस की नौकरी छोड़कर एनजीओ ओपन किया, तब स्वाति ने नौकरी एनजीओ 'परिवर्तन' को जॉइन कर लिया. इसके बाद उन्होंने अन्ना हजारे के आंदोलन में भी हिस्सा लिया था.
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नवीन जयहिंद से की थी शादी
आंदोलन के बाद साल 2012 में जब आम आदमी पार्टी बनी तो स्वाति ने संगठन छोड़ने का फैसला लिया. इस दौरान उन्होंने 23 जनवरी 2012 को नवीन जयहिंद से शादी कर ली. दोनों की मुलाकात 2011 में अन्ना हजारे के नेतृत्व वाले भारतीय भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के शुरुआती दिनों में हुई थी. हालांकि, यह शादी महज 8 साल ही चली और दोनों के रास्ते अलग हो गए.
ऐसे हुईं राजनीति में शामिल
साल 2013 में आप ने अपना पहला चुनाव लड़ा. इसके बाद 2015 में आप जीतकर दिल्ली की सत्ता में आई, तब स्वाति ने पार्टी में वापसी की. सीएम केजरीवाल ने स्वाति को दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी. 9 साल बाद जनवरी 2024 में पार्टी ने स्वाति को राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया और राज्यसभा भेजा. प्राप्त जानकारी के मुताबिक आपको जानकर हैरानी होगी कि इस दौरान स्वाति ने कभी भी पार्टी की सदस्यता ग्रहण नहीं की.