Ratan Tata Education: रतन टाटा ने कहां से और कितनी की थी पढ़ाई, जानते हैं कितनी थीं उनके पास डिग्रियां?
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Ratan Tata Education: रतन टाटा ने कहां से और कितनी की थी पढ़ाई, जानते हैं कितनी थीं उनके पास डिग्रियां?

Ratan Tata: रतन टाटा का जीवन हर भारतीय के लिए एक मोटिवेशन है. उनकी शिक्षा यात्रा, समर्पण, अनुशासन और दूरदर्शिता उन्हें एक ऐसा व्यक्तित्व बनाते हैं, जिन्हें हमेशा याद किया जाएगा. आइए जानते हैं उन्होंने कितनी शिक्षा हासिल की थी...

Ratan Tata Education: रतन टाटा ने कहां से और कितनी की थी पढ़ाई, जानते हैं कितनी थीं उनके पास डिग्रियां?

Ratan Tata Education: प्रसिद्ध भारतीय उद्योगपति रतन नवल टाटा ने 9 अक्टूबर 2024 को आखिरी सांसें ली. 86 साल की आयु में उनका निधन हो गया. वह, वर्तमान में टाटा ग्रुप के चेयरमैन एमेरिट्स के रूप में कार्यरत थे. रतन टाटा अपनी दूरदर्शिता, लीडरशिप और परोपकार के लिए पूरे दुनिया में जाने जाते हैं. उन्होंने टाटा समूह को नई बुलंदियों पर पहुंचाया. उनकी मौत से एक युग का अंत हुआ. रतन टाटा की मौत पर पूरा देश आंसू बहा रहा है. आइए जानते हैं उन्होंने कितनी और कहां से पढ़ाई-लिखाई की थी...

रतन टाटा की पढ़ाई
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को नवल और सूनू टाटा के घर हुआ था. जब वह केवल 10 साल के थे, तब उनके माता-पिता का तलाक हो गया. इसके बाद रतन और उनके भाई का पालन-पोषण उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने किया. उन्होंने शुरुआती शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल से ली. यहां से उन्होंने 8वीं तक की पढ़ाई की. फिर आगे की शिक्षा लेने के लिए वह मुंबई में कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल और शिमला में बिशप कॉटन स्कूल गए. बचपन में कई कठिनाईयों के बावजूद रतन टाटा ने अपनी शिक्षा और कड़ी मेहनत की बदौलत एक मजबूत व्यक्तित्व का निर्माण किया. 

अमेरिका से किया ग्रेजुएशन
इसके बाद रतन टाटा 17 साल की उम्र में अमेरिका चले गए. यहां 1962 में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर की डिग्री हासिल की. इसके बाद रतन ने टाटा समूह में 1962 में एक असिस्टेंट के रूप में अपना करियर शुरू किया. इसी साल उन्होंने टाटा मोटर्स (उस समय टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी) के जमशेदपुर प्लांट में 6 महीने की ट्रेनिंग की. 

यूके से किया हायर एजुकेशन
ग्रेजुएशन के बाद शिक्षा यात्रा यहीं नहीं और उन्होंने साल 1975 में यूनाइटेड किंगडम के हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम किया. साल 1981 में रतन टाटा को टाटा इंडस्ट्रीज का चेयरमैन बनाया गया. इसके बाद 1991 में उन्हें जेआरडी टाटा से टाटा संस और टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन पद की जिम्मेदारी सौंप दी गई. 

उल्लेखनीय उपलब्धियां
रतन टाटा की लीटरशिप में ग्रुप का रेवेन्यू कई गुना बढ़ गया. टाटा ग्रुप ने अपनी ग्लोबल प्रेजेंस को बढ़ाया और स्टील, ऑटोमोटिव, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, टेलीकम्युनिकेशन और हॉस्पिटैलिटी जैसे अनेक उद्योगों में धाक जमाई. रतन टाटा के नेतृत्व और परोपकारी प्रयासों के लिए उन्हें भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण (2000) और पद्म विभूषण (2008) से भी सम्मानित किए जा चुका है.

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