30 साल की उम्र में देनी शुरू की सरकारी भर्ती परीक्षाएं, UPSC पास करने में गेम चेंजर साबित हुई ये एक आदत
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30 साल की उम्र में देनी शुरू की सरकारी भर्ती परीक्षाएं, UPSC पास करने में गेम चेंजर साबित हुई ये एक आदत

Success Story: पश्चिम बंगाल की रहने वालीं परमिता ने 12 घंटे की जॉब के साथ यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की. कभी खुद पर संदेह करने वाली परमिता ने इस कठिन परीक्षा में अपनी लगन और मेहनत के दम पर सफलता हासिल कर ही ली.

 

30 साल की उम्र में देनी शुरू की सरकारी भर्ती परीक्षाएं, UPSC पास करने में गेम चेंजर साबित हुई ये एक आदत

UPSC Success Story: आसान नहीं होता किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में क्वालिफाई करना और बात यूपीएससी की हो तो फिर कहना ही क्या... वहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिनके जुनून के सामने सिविल सेवा परीक्षा पास करके आईएएस-आईपीएस बनने की बात भी छोटी नजर आती है. ज्यादातार युवा यूपीएससी की तैयारी के लिए सब कुछ छोड़ देते हैं, लेकिन कुछ लोगों के पास नौकरी छोड़कर केवल तैयारी को समय देने का ऑप्शन मौजूद नहीं होता. ऐसी ही एक शख्सियत हैं परमिता मालाकार, जिन्होंने साल 2023 में यूपीएससी का एग्जाम क्रैक किया है. आइए जानते हैं उनके संघर्ष और सफलता की कहानी...

कहां से हुई है पढ़ाई-लिखाई?
परमिता ने साल 2012 में बीएससी (ऑनर्स) से फिजिक्स की डिग्री हासिल की थी. इसके बाद उन्होंने एक बीपीओ जॉइन कर लिया और परिवार को आर्थिक रूप से सपोर्ट करने का फैसला लिया. यहां कुछ ही महीनों के नौकरी के बाद परमिता ने कॉर्पोरेट सेक्टर में करियर बनाने के फैसला लिया और उन्हें टीसीएस में जॉब मिल गई. इसके बाद उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में काम किया. फिर परमिता साल 2020 में उप प्रभागीय सूचना एवं सांस्कृतिक अधिकारी (SDISO) की सरकारी नौकरी पाने में सफल रहीं.

जॉब साथ की UPSC की तैयारी
परमिता ने यूपीएससी की तैयारी पहली बार 2018 में टीसीएस की कठिन नौकरी के साथ शुरू की. परमिता ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि टीसीएस में उन्हें 12 घंटे का समय देना पड़ता था. इतने लंबे वर्किंग ऑवर्स के साथ भी उन्होंने एक्स्ट्रा मेहनत की और पढ़ाई के लिए समय निकाला. हालांकि, उन्हें 12 घंटे की नौकरी के बाद लिमिटेड टाइम ही मिलता था, जिसके कारण वह अपने पहले अटैम्प्ट में नाकाम रहीं. 

टूट गई थी हिम्मत
परमिता बताती है कि इस असफलता के बाद वह इतनी निराश हो गईं और उन्हें सरकारी परीक्षा पास करने की अपनी क्षमता पर ही संदेह होने लगा था. इसके बाद उन्होंने कई सरकारी भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने का फैसला लिया, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा. उन्होंने 30 साल की उम्र में एलआईसी, बैंक पीओ, रेलवे और पश्चिम बंगाल लोक सेवा आयोग की कई भर्ती परीक्षाओं में हिस्सा लिया. 

साल 2022 में परमिता के लिए बहुत खास था, जब उन्होंने न केवल एसडीआईसीओ की नौकरी पाई, बल्कि यूपीएससी सिविल सेवा मेन्स में भी क्वालिफाई कर लिया. इसके बाद यूपीएससी 2023 में परमिता का फाइनल सिलेक्शन हुआ और उनकी लाइफ ने एक अहम मोड़ ले लिया. आखिरकार देश की इतनी कठिन परीक्षा में अपनी लगन और मेहनत के दम पर सफलता हासिल कर ही ली.

गेम चेंजर
परमिता ने यूपीएससी मेन्स के लिए सबसे पहले सेल्फ स्टडी पर भरोसा किया, लेकिन इस वजह से उनके सामने ऐसी कई चुनौतियां आई, जिसके हल उन्हें नहीं पता था. हालांकि, उन्होंने यूपीएससी 2023 की मुख्य परीक्षा के लिए कोलकाता के एक कोचिंग सेंटर में एडमिशन ले लिया और उन्होंने हर हफ्ते मॉक टेस्ट दिए. इस तरह उन्होंने कुल 28 मॉक टेस्ट की प्रैक्टिस उनके लिए गेम चेंजर साबित हुआ. परमिता ने यूपीएससी 2023 में 812 रैंक हासिल की थी. 

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