Teachers Village: सरकारी टीचर के तौर पर यहां के ग्रामीण अपने राज्य उत्तर प्रदेश समेत दिल्ली और अन्य राज्यों में नौकरी कर रहे हैं. जानिए यूपी के उस गांव के बारे में मास्टरों वाला गांव के नाम से जाना जाता है.
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Teachers Village Of UP: आपको देश के एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे है, जो "मास्टरों वाला गांव" के नाम से जाना जाता है. यहां के ग्रामीण टीजीटी, पीजीटी टीचर, स्पेशल एजुकेटर, स्कूल प्रिंसिपल और स्कूल इंस्पेक्टर के तौर पर देश के कई हिस्सों में नौकरी कर रहे हैं. यहां ऐसे निवासियों की संख्या 300 से ज्यादा है. मास्टरों का ये गांव सांखनी उत्तर प्रदेश में स्थित है, जो जहांगीराबाद से करीब 3 किलोमीटर दूर है.
अगर सब मिलकर कुछ अच्छा की कोशिश करें तो नतीजा बेहतर ही निकलता है, ऐसी ही एक कोशिश सांखनी गांव के लोग कर रहे हैं. यहां के निवासी और पेशे से टीचर हुसैन अब्बास ने गांव के इतिहास पर 'तहकीकी दस्तावेज' नामक किताब लिखी है. उनके मुताबिक इस गांव के अब तक करीब 350 लोग सरकारी टीचर के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
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गांव के ज्यादातर लोग हैं डिग्री होल्डर
इस समय गांव में सरकारी और प्राइवेट मिलाकर टोटल 7 स्कूल संचालित किए जा रहे हैं. वर्तमान में यहां 600 से 700 घर हैं और इस गांव की आबादी 15 से 18 हजार है. पहले ज्यादातर गांव के पुरुष ही सरकारी नौकरियों में चयनित होत थे, लेकिन समय के साथ-साथ महिलाओं की भागादारी बढ़ी. अपनी मेहनत की बदौलत परीक्षाओं में सिलेक्ट होकर वे भी सरकारी नौकरियां कर रही हैं.
इन क्षेत्रों में भी लहराया परचम
इसके साथ ही अन्य प्रोफेशन जैसे इंजीनियर, डॉक्टर, फोटोग्राफी, जर्नलिज्म, एयर होस्टेस, वकील, पुलिस की नौकरी में भी गांव के लोगों ने परचम लहराया है. जानकारी के मुताबिक गांव के पहले सिविल इंजीनियर अकबर हुसैन थे, जो बंटवारे के बाद पाकिस्तान चले गए.
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गांव में है फ्री कोचिंग सेंटर
जानकारी के मुताबिक यहां ज्यादातर बच्चे AMU में दाखिले के लिए एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करते हैं. गांव के सांखनी लाइब्रेरी एंड कोचिंग सेंटर में बच्चों को फ्री कोचिंग दी जाती है, जिसकी शुरुआत साल 2019 में की गई थी. इस कोचिंग में पढ़ाने वाले कुछ टीचर्स भी ऐसे हैं, जो कोई मेहनताना नहीं लेते. इस कोचिंग सेंटर के मेंबर्स के अलावा गांव के मूल निवासी मोहम्मद अमीन आर्थिक सहायता करते हैं, वह अमेरिका में रहते हैं.