University Of Southampton: दुनिया में 81वें नंबर पर है ये यूनिवर्सिटी, अब भारत में खुल रहा इसका कैंपस
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University Of Southampton: दुनिया में 81वें नंबर पर है ये यूनिवर्सिटी, अब भारत में खुल रहा इसका कैंपस

University of Southampton in India: साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय दिल्ली-एनसीआर (कैंपस) भारत में पहला व्यापक इंटरनेशनल कैंपस होगा. साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के अध्यक्ष और कुलपति मार्क ई. स्मिथ ने कहा कि भारत के साथ जुड़े बिना 21वीं सदी में कोई भी विश्वविद्यालय वास्तव में वैश्विक नहीं हो सकता है.

University Of Southampton: दुनिया में 81वें नंबर पर है ये यूनिवर्सिटी, अब भारत में खुल रहा इसका कैंपस

University Of Southampton Campus in India: साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी भारत सरकार से देश में एक कैंपस स्थापित करने की मंजूरी प्राप्त करने वाला पहला यूके विश्वविद्यालय बन गया है. यह कदम भारतीय शिक्षा क्षेत्र में एक अहम मील का पत्थर है, जो यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) की पहल का हिस्सा है, जिसमें टॉप 500 विदेशी यूनिवर्सिटीज को भारत में कैंपस स्थापित करने के लिए इनवाइट किया गया है.

साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय को एक लेटर ऑफ इंटेंट (LoI) सौंपा गया, जो इस सहयोग की औपचारिक शुरुआत को मार्क करता है. यह कार्यक्रम विदेश मंत्री एस जयशंकर की उपस्थिति में हुआ, जिन्होंने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के तहत इस विकास के महत्व पर जोर दिया. 

कहां बनेगा कैंपस

वर्ल्ड लेवल पर 100 यूनिवर्सिटीज में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय, दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में अपना कैंपस बनाएगी. यह कैंपस एजुकेशन, रिसर्च, नॉलेज एक्सचेंज और इंटरप्राइज एक्टिविटीज पर फोकस करेगा, जो साउथेम्प्टन की वर्ल्ड लेवल एक्सपर्टीज को ग्लोबल एजुकेशन सेंटर के रूप में भारत की उभरती क्षमता के साथ इंटीग्रेट करेगा.

साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष और कुलपति मार्क ई स्मिथ ने इस पहल के महत्व के बारे में बताया. उन्होंने कहा, "21वीं सदी में, भारत के साथ जुड़े बिना कोई भी यूनिवर्सिटी वास्तव में ग्लोबल नहीं हो सकती. हमारा इरादा एक ऐसा कैंपस स्थापित करने का है जो एजुकेशन, रिसर्च और नॉलेज के आदान-प्रदान और इंडस्ट्री में साउथेम्प्टन की ग्लोबल लेवल एक्टिविटीज को एक साथ लाकर भारत और यूनिवर्सिटी को सामाजिक मूल्य और आर्थिक प्रभाव प्रदान करे, जिसमें उभरती वैश्विक महाशक्ति भारत की सभी प्रतिभाएं शामिल हों." 

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कब शुरू होगी पढ़ाई

साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय, यूके, एनसीआर में एक परिसर स्थापित करने और जुलाई 2025 में अपने एकेडमिक प्रोग्राम शुरू करने के लिए तैयार है, जो अंडर ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट दोनों कोर्सेज की पेशकश करेगा, जिससे यह भारत में कैंपस स्थापित करने वाला तीसरा विदेशी विश्वविद्यालय बन जाएगा.

यूनिवर्सिटी का दुनिया में 81वां स्थान

क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 में यूनिवर्सिटी को 81वां स्थान दिया गया है, और टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 में 97वां स्थान दिया गया है. यूजीसी ने गुरुवार को एक प्रोग्राम में विश्वविद्यालय को आशय पत्र (एलओआई) जारी किया, जिससे यह विदेशी विश्वविद्यालयों के भारतीय परिसरों की स्थापना पर यूजीसी के नियमों के तहत इस तरह का एलओआई जारी करने वाला पहला विदेशी विश्वविद्यालय बन गया. पिछले साल नवंबर में नोटिफाई किया गया था.

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इनके पहले ही खुल चुके हैं कैंपस

एनईपी 2020 की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए कि विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में संचालन स्थापित करने की सुविधा दी जाए और भारतीय विश्वविद्यालयों को अन्य देशों में परिसर स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए, दो ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय - डीकिन विश्वविद्यालय और वोलोंगोंग विश्वविद्यालय - पहले ही अपने परिसर स्थापित कर चुके हैं. गिफ्ट सिटी ने गुजरात में, और आईआईटी दिल्ली ने अबू धाबी में एक कैंपस स्थापित किया है, जबकि आईआईटी मद्रास ने अपना परिसर ज़ांज़ीबार में स्थापित किया है. साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के यूके में साउथेम्प्टन और विनचेस्टर में और मलेशिया में कैंपस हैं.

क्या है 10 साल का प्लान?

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, विश्वविद्यालय ने "10-साल अनुमानित कोर्स रोलआउट प्लान" प्रस्तुत किया है. अपने पहले साल में, यह बीएससी (कंप्यूटर विज्ञान), बीएससी (व्यवसाय प्रबंधन), बीएससी (अकाउंटिंग एंड फाइनेंस), बीएससी (इकोनॉमिक्स), एमएससी (इंटरनेशनल मैनेजमेंट), और एमएससी (फाइनेंस) की पेशकश करेगा. जबकि बीएससी (सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग), बीएससी (क्रिएटिव कंप्यूटिंग), और एमएससी (इकोनॉमिक्स) दूसरे साल में पेश किया जाएगा, एलएलबी और बी इंजीनियरिंग (मैकेनिकल इंजीनियरिंग) तीसरे साल में पेश किया जाएगा.

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विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि यह भारत के शैक्षिक मानकों को उच्चतम वैश्विक स्तर तक बढ़ाने और भारत-ब्रिटेन के बीच शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर कदम को दर्शाता है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), 2020 में परिकल्पित "स्वदेश में अंतरराष्ट्रीयकरण" के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक कदम बताया.

यूजीसी अध्यक्ष जगदीश कुमार ने कहा, "साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के भारत परिसर द्वारा प्रदान की जाने वाली डिग्रियां मेजबान विश्वविद्यालय के समान ही होंगी. भारत में साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय की ब्रांच कैंपस में पेश किए जाने वाले प्रोग्राम में समान शैक्षणिक और क्वालिटी मानक होंगे."

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