UPSC क्वालिफाई करने वालों को फ्री में नहीं मिलती ट्रेनिंग, IAS बनने के लिए देनी पड़ती है इतनी फीस, मिलती हैं ये सुविधाएं
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UPSC क्वालिफाई करने वालों को फ्री में नहीं मिलती ट्रेनिंग, IAS बनने के लिए देनी पड़ती है इतनी फीस, मिलती हैं ये सुविधाएं

LBSNAA Fees: यूपीएससी टॉप रैंकर्स को आईएएस कैडर मिलता हैं. इन ऑफिसर्स को लबासना में ट्रेनिंग दी जाती हैं. अगर आप सोचते हैं कि उन्हें ट्रेनिंग फ्री में दी जाती हैं तो ऐसा नहीं हैं, उन्हें अपना रूम रेंट और मेस चार्ज देना पड़ता है. यहां पढ़िए पूरी डिटेल….

UPSC क्वालिफाई करने वालों को फ्री में नहीं मिलती ट्रेनिंग, IAS बनने के लिए देनी पड़ती है इतनी फीस, मिलती हैं ये सुविधाएं

IAS Officers LBSNAA Training Fees: यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले टॉप रैंकर्स को आईएएस कैडर मिलता है. कैंडिडेट्स को लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) में ट्रेनिंग दी जाती है, जो उत्तराखंड के मसूरी में स्थित है. लबासना में ट्रेनी ऑफिसर्स के लिए कड़े नियम फॉलो करने पड़ते हैं. अगर आप अब तक सोचते आए हैं कि ट्रेनी आइएएस को फ्री में ट्रेनिंग दी जाती है, तो ऐसा नहीं है. चलिए जानते हैं कि ट्रेनी ऑफिसर्स को कितनी फीस देनी पड़ती है और ट्रेनिंग के दौरान उन्हें कितनी सैलरी, सुविधाएं दी जाती है... 

शुरुआती ट्रेनिंग होती है एकसाथ
सबसे पहले लबासना में सभी आईएएस और आईपीएस  ट्रेनी ऑफिसर्स को एक साथ ही ट्रेनिंग दी जाती है, जो फाउंडेशन कोर्स कहलाता है. सभी ट्रेनी ऑफिसर्स को साथ में 4 महीने का फाउंडेशन कोर्स करना है, जिसमें आईएएस, आईपीएस, आईएफएस ट्रेनी होते हैं. यहां ट्रेनी ऑफिसर्स को फिजिकल और मेंटल दोनों ही तरह से तैयारी किया जाता है. शुरुआत में उन्हें प्रशासन की बेसिक चीजों की जानकारी दी जाती है. इसके 3 महीने के बाद आईपीएस ऑफिसर्स को आगे की ट्रेनिंग हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस एकेडमी जाना पड़ता है. 
  
ऐसा होता है ट्रेनिंग मॉड्यूल
ट्रेनिंग मॉड्यूल के पहले फेज में 15 हफ्तों का एजुकेशनल मॉड्यूल और भारत दर्शन शामिल, जो 40-45 दिनों का होता है. सेकंड फेज में जिला प्रशिक्षण शामिल है, जिसमें ट्रेनी ऑफिसर्स को फील्ड नॉलेज के लिए एक जिले में भेजा जाता है. यह ट्रेनिंग प्रोग्राम पूरे एक साल का होता है. इसके बाद आता है थर्ड फेज, जो 6  सप्ताह या 2 महीने का होता है. इस कोर्स के दौरान ट्रेनी ऑफिसर्स अपने अनुभवों एक-दूसरे से शेयर करते हैं. चौथे फेज में ट्रेनी आईएएस अधिकारी केंद्रीय सचिवालय में बतौर असिस्टेंट सेक्रेटरी काम करते हैं.
 
इतनी लगती है फीस
लबासना में ट्रेनी ऑफिसर्स को बहुत ही कम फीस देना पड़ता है. कमरे के लिए उनसे मंथली 350 रुपये चार्ज लिया जाता है. वहीं, दो व्यक्तियों को एक कमरे  175 रुपये प्रति व्यक्ति का किराया देना पड़ता है, जिसमें बिल और पानी जैसी चीजों चार्ज भी शामिल है. वहीं, मेस के लिए करीब 10,000 रुपये चुकाने पड़ते हैं.
 
सैलरी और सुविधाएं 
ट्रेनी आईएएस/आईपीएस को 56,000 रुपये मंथली सैलरी मिलती है. हालांकि, हॉस्टल, मेस आदि के चार्ज देने के बाद उनके पास 40,000 रुपये बचते हैं.
ट्रेनी ऑफिसर्स को हॉस्टल, भोजन, खेल, साइकिल ट्रैक, जिम, कॉम्प्लेक्स, लाइब्रेरी, आईटी सर्विस जैसी कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं. इसके अलावा उन्हें घुड़सवारी भी सिखाई जाती है. 

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