पानीपत की पहली, दूसरी या तीसरी नहीं, बल्कि UPSC पूछता है सारी लड़ाई पानीपत में ही क्यों लड़ी गई? जानें जवाब
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पानीपत की पहली, दूसरी या तीसरी नहीं, बल्कि UPSC पूछता है सारी लड़ाई पानीपत में ही क्यों लड़ी गई? जानें जवाब

Battle of Panipat: यूपीएससी सिविल सेवा की मेंस परीक्षा या इंटरव्यू के दौरान आपसे यह नहीं पूछा जाएगा कि पानीपत की पहली, दूसरी या तीसरी लड़ाई कब हुई थी, बल्कि यूपीएससी आपसे यह पूछेगा कि ज्यादातर लड़ाईयां पानीपत में ही क्यों हुई थीं. इसका जवाब आप हमारी इस खबर में जान सकते हैं.

पानीपत की पहली, दूसरी या तीसरी नहीं, बल्कि UPSC पूछता है सारी लड़ाई पानीपत में ही क्यों लड़ी गई? जानें जवाब

Why Many Battles Were Fought in Panipat: पानीपत की लड़ाईयों को इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है, और UPSC सिविल सेवा की परीक्षाओं में यह सवाल अक्सर पूछा जाता है कि आखिरकार सारी प्रमुख लड़ाइयां पानीपत में ही क्यों लड़ी गईं. दरअसल, इसके पीछे कई भूगोलिक, सैन्य, और रणनीतिक कारण हैं.

1. भूगोलिक स्थिति: पानीपत का स्थान दिल्ली से लगभग 90 किलोमीटर उत्तर में है, जो एक प्रमुख सामरिक बिंदु (Strategic Point) बनाता है. यह इलाका दिल्ली के करीब होने के कारण महत्वपूर्ण था, क्योंकि दिल्ली उस समय की सत्ता का केंद्र था. पानीपत की समतल भूमि और खुला मैदान इसे सेना के बड़े पैमाने पर संचालन के लिए उपयुक्त बनाता था. 

2. रणनीतिक महत्व: पानीपत दिल्ली के उत्तरी मार्ग पर स्थित है, जो कि अफगानिस्तान और पंजाब से आने वाले आक्रमणकारियों के लिए प्रमुख मार्ग था. आक्रमणकारी सेना पहले पानीपत के मैदानों में लड़ाई लड़ती थी, ताकि दिल्ली पर कब्जा जमाने से पहले स्थानीय शासकों की ताकत को परख सके. पानीपत का खुला मैदान बड़े पैमाने पर सैनिकों और घुड़सवारों के लिए अनुकूल था, जहां घातक लड़ाइयां लड़ी जा सकती थीं.

3. संसाधनों की उपलब्धता: पानीपत के पास पर्याप्त जल संसाधन थे, जो सेना के ठहराव और लंबी लड़ाईयों के दौरान आवश्यक थे. साथ ही, यह क्षेत्र आपूर्ति की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण था, क्योंकि आस-पास के क्षेत्र से सैन्य आपूर्ति आसानी से पहुंचाई जा सकती थी.

4. इतिहास की परंपरा: एक बार जब पहली लड़ाई 1526 में पानीपत में बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच लड़ी गई और बाबर ने जीत हासिल की, तो इस क्षेत्र की महत्ता स्थापित हो गई. इसके बाद कई अन्य प्रमुख लड़ाइयां भी यहीं लड़ी गईं, क्योंकि यह माना गया कि दिल्ली पर कब्जा जमाने का मार्ग पानीपत के मैदानों से होकर गुजरता है. इस प्रकार, पानीपत में लड़ाई एक परंपरा बन गई, जहां शासक अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते थे.

पानीपत की प्रमुख लड़ाइयां

1. पहली पानीपत की लड़ाई (1526): बाबर ने इब्राहिम लोदी को हराकर भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखी.

2. दूसरी पानीपत की लड़ाई (1556): अकबर ने हेमू को हराकर मुगलों के साम्राज्य को फिर से स्थापित किया.

3. तीसरी पानीपत की लड़ाई (1761): मराठाओं और अहमद शाह अब्दाली के बीच लड़ी गई, जिसमें मराठाओं की पराजय हुई, लेकिन उत्तर भारत में मुगलों का प्रभाव खत्म हो गया.

इन कारणों से, पानीपत का मैदान इतिहास में महत्वपूर्ण लड़ाइयों के लिए चुना गया और यह स्थान सैन्य रणनीतियों और सत्ता संघर्षों का केंद्र बना.

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