इंडियन आर्मी, एयर फोर्स और नेवी ऑफिसर्स का सैल्यूट अलग क्यों? जानें इसके पीछे छुपी खास वजह
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इंडियन आर्मी, एयर फोर्स और नेवी ऑफिसर्स का सैल्यूट अलग क्यों? जानें इसके पीछे छुपी खास वजह

Different Salutes in Indian Armed Forces: आप शायद जानते होंगे कि इंडियन आर्मी, इंडियन एयर फोर्स और इंडियन नेवी के ऑफिसर्स अलग-अलग तरह से सैल्यूट करते हैं. लेकिन आप यह नहीं जानते होंगे कि इसके पीछे क्या खास वजह है. आप हमारी इस खबर में भारतीय सेनाओं के अलग-अलग सैल्यूट के बारे में विस्तार से जान सकते हैं.

इंडियन आर्मी, एयर फोर्स और नेवी ऑफिसर्स का सैल्यूट अलग क्यों? जानें इसके पीछे छुपी खास वजह

Difference Between Indian Army Air Force and Navy Salutes: भारतीय सेना (Army), भारतीय वायु सेना (Air Force), और भारतीय नौसेना (Navy) के सैल्यूट करने के तरीके में काफी अंतर है. लेकिन बहुत से लोग इनके बीच के अंतर की वजह नहीं जानते. दरअसल, इसके पीछे खास कारण और परंपराएं जुड़ी हुई हैं. इन तीनों सेनाओं का सैल्यूट उनकी विशिष्टता, इतिहास, और परंपराओं को दर्शाता है. आइए जानते हैं इन सैल्यूट्स के बारे में:

1. भारतीय सेना (Indian Army) का सैल्यूट:

- भारतीय सेना में सैल्यूट हमेशा हथेली को सामने रखते हुए किया जाता है, जिसमें हथेली सामने दिखती है. 
- यह शैली उन दिनों से जुड़ी है जब सैनिक युद्ध में ढाल पहनते थे और हथियार रखते थे. हथेली को सामने रखने से वे यह संकेत देते थे कि उनके पास हथियार नहीं है और वे बिना शस्त्र के सम्मान प्रकट कर रहे हैं.
- यह सैल्यूट अनुशासन, साहस, और सम्मान का प्रतीक है, जो भारतीय सेना की परंपरा से जुड़ा है.

2. भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) का सैल्यूट:

- वायु सेना का सैल्यूट हथेली को 45 डिग्री के कोण पर रखते हुए किया जाता है. 
- इसका मतलब है कि हथेली साफ और खुली दिखाई देती है. यह सैल्यूट वायु सेना के खुले और पारदर्शी दृष्टिकोण का प्रतीक है.
- यह सैल्यूट उड़ान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और ईमानदारी का प्रतीक भी है, जो वायु सेना के आदर्शों को दर्शाता है.

3. भारतीय नौसेना (Indian Navy) का सैल्यूट:

- नौसेना का सैल्यूट हथेली को नीचे रखते हुए किया जाता है. इसकी वजह यह है कि पुराने समय में नाविकों के हाथ अक्सर तेल या ग्रीस से गंदे होते थे, इसलिए हथेली को नीचे रखकर सैल्यूट करने की परंपरा विकसित हुई.
- यह सैल्यूट सम्मान और अनुशासन का प्रतीक है, और इसे उन परंपराओं के अनुसार किया जाता है जो समुद्री जीवन के अनुशासन से जुड़ी हैं.

इस प्रकार, तीनों सेनाओं का सैल्यूट उनकी भूमिका, इतिहास और परंपराओं के अनुसार अलग-अलग होता है, और हर एक सैल्यूट का विशेष महत्व है.

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