Bharat Ratna: जननायक कर्पूरी ठाकुर को 'भारत रत्न' से सम्मानित किया जाएगा. देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान देने की शुरुआत 1954 में डॉ राजेंद्र प्रसाद ने की थी. जानिए सम्मानित व्यक्ति देश के लिए वीआईपी कैसे बन जाता है...
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Bharat Ratna Recipient Facilities: देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' (Bharat Ratna) कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा और खेल के क्षेत्र में देश के लिए उल्लेखनीय और असाधारण योगदान देने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है. पहली बार गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और सीवी वेंकटरमन को भारत रत्न से नवाजा गया था.
पीएम करते हैं नामों की सिफारिश
भारत रत्न के लिए नामों की सिफारिश प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति से की जाती है. इसमें राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक प्रमाण पत्र और पदक दिया जाता है. अवॉर्ड के साथ कोई धनराशि नहीं दी जाती है. साल 1954 में यह सम्मान केवल जीवित व्यक्तियों को दिया गया, लेकिन 1955 में मरणोपरांत भारत रत्न दिए जाने की घोषणा की गई. यह सम्मान गणतंत्र दिवस पर दिया जाता है.
इतने लोगों के मिल चुका यह सम्मान
अब तक 48 लोगों को यह सम्मान मिल चुका है. बिहार में दो बार मुख्यमंत्री रह चुके कर्पूरी ठाकुर 49वीं हस्ती होंगे, जिन्हें यह अवॉर्ड देने का ऐलान किया गया है, उन्हें (मरणोपरांत) सम्मानित किया जाएगा. कर्पूरी ठाकुर पिछड़े लोगों की आवाज उठाने के लिए जाने जाते थे.
भारत रत्न पाने वाले को मिलता है देश में वीआईपी दर्जा
भारत रत्न की उपाधि पाने वाले व्यक्ति को देश के वीआईपी का दर्जा हासिल होता है. अवॉर्डेड शख्स को प्रोटोकॉल के तहत देश के शीर्ष पदों पर आसीन लोगों के साथ गिना जाता है. देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा स्पीकर, कैबिनेट मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के बाद स्थान मिलता है.
भारत रत्न उपाधि धारक को मिलती हैं ये फैसिलिटी
भारत रत्न प्राप्त करने वाले व्यक्ति को कैबिनेट मंत्री के बराबर का वीआईपी दर्जा दिया जाता है.
इनकम टैक्स न भरने की छूट भी मिलती है.
भारत रत्न प्राप्त करने वाले व्यक्ति संसद की बैठकों और सत्र में शामिल हो सकते हैं.
देश के राष्ट्रीय त्योहारों स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों में विशेष अतिथि के तौर पर शामिल हो सकते हैं.
भारत रत्न प्राप्त करने वाले व्यक्ति प्लेन, ट्रेन और बस में निशुल्क यात्रा कर सकते हैं.
राज्य में घूमने जाने पर उन्हें राज्य अतिथि का दर्जा हासिल है.
इस अवॉर्ड से सम्मानित व्यक्ति को सरकार वॉरंट ऑफ प्रेसिडेंस में जगह देती है, जिसका इस्तेमाल सरकारी कार्यक्रमों में वरीयता देने के लिए होता है.
भारत रत्न पाने वाले लोगों को राज्य सरकारें सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं.
नाम के साथ नहीं लगा सकते 'भारत रत्न'
संविधान के अनुच्छेद 18 (1) के अनुसार यह सम्मान पाने वाले व्यक्ति अपने नाम के साथ उपसर्ग या प्रत्यय के तौर पर 'भारत रत्न' नहीं लगा सकते हैं, लेकिन विजिटिंग कार्ड, बॉयोडाटा, लेटर हेड आदि में राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित भारत रत्न या भारत रत्न पुरस्कार प्राप्तकर्ता जोड़ सकते हैं.