JEE Main Toppers 2023: रोजाना 7 घंटे की पढ़ाई और फॉलो किया ये रूल, फिर जेईई एग्जाम में स्कोर किया 100 परसेंटाइल
Advertisement
trendingNow11562982

JEE Main Toppers 2023: रोजाना 7 घंटे की पढ़ाई और फॉलो किया ये रूल, फिर जेईई एग्जाम में स्कोर किया 100 परसेंटाइल

JEE Main Result 2023: जेईई मेन 2023 के रिजल्‍ट आ चुके हैं और इस बार कुल 20 बच्‍चों ने 100 परसेंटाइल स्‍कोर किया है. उसमें से एक हैं ज्ञानेश ​​​​​​​हेमेंद्र, आप भी जान लीजिए उन्‍होंने इस परीक्षा की तैयारी कैसे की है?     

फाइल फोटो

JEE Main Topper Hemendra Shinde: अगर सक्‍सेस इंजीनियर बनना है तो इसके लिए अच्‍छे कॉलेज से ग्रेजुएशन करना होता है और देश के बेस्‍ट इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन मिलना आसान नहीं है. ये बात बताने की जरूरत नहीं है कि आज भारत के IIT दुनिया में कितने फेमस हैं. इन IIT से पास होने वाले बच्‍चे भारत ही नहीं दुनिया की मल्‍टीनेशनल कंपनियों में बड़े-बड़े पदों पर काम कर रहे हैं और इन IIT में प्रवेश लेने के लिए JEE मेन और एडवांस परीक्षा पास करनी होती है. JEE 2023 के रिजल्‍ट घोषित हो चुके हैं और इसमें 20 बच्‍चे ऐसे हैं, जिन्‍होंने 100 परसेंटाइल स्‍कोर किया है. आइए जानते हैं ज्ञानेश शिंदे ने पढ़ाई के दौरान किन बातों का ध्‍यान रखा?      

इन बातों का रखा ध्‍यान

  • क्‍लास में टीचर्स जो भी पढ़ाते थे, उसका रिवीजन करता था. 

  • कहीं भी दिक्‍क्‍त आती थी, तो बिना किसी टेंशन के क्‍लास में ही उस बारे में डिस्‍कस कर लेता था. 

  • रोजाना घर पर 6 से 7 घंटे सेल्फ स्टडी करता था. 

  • खुद को रिलेक्स रखना बहुत जरूरी है. इसके लिए मैं गिटार बजाता था. मुझे गिटार का शुरू से ही शौक रहा है. जब मैं कोटा आया था तभी अपना गिटार यहां लेकर आया था. 

ज्ञानेश शिंदे ने कही ये बात 

वे कहते हैं कि कोटा में पढाई का माहौल अलग होता है. यहां जिस तरह कॉन्सेप्ट क्लीयर कराए जाते है, मैंने ऐसा माहौल कहीं नहीं देखा. यहां टीचर्स का सपोर्ट रहता है. अभी आगे JEE Advance की तैयारी करना है. उनका कहना है कि मैंने जेईई की तैयारी करने के लिए एलन ज्‍वॉइन करने का निर्णय लिया और ये मेरे लिए टर्निंग पॉइंट रहा. उनका कहना है कि वे IIT मुंबई के CS ब्रांच से बीटेक करना चाहते हैं. 

कीपैड मोबाइल किया यूज  

ज्ञानेश की मां बताती हैं कि वह पढ़ने में शुरू से ही अच्छा है. वह अपनी बहन के साथ 8वीं कक्षा में ही कोटा आ गया था, तब से ही कोटा में तैयारी कर रहा है. बहन का मेडिकल में सलेक्शन हो गया है. ज्ञानेश ​​​​​​​हेमेंद्र कभी इंटरनेट और स्मार्ट फोन का इस्‍तेमाल नहीं करता है. वह घर से दूर रहता है. इसलिए उसके पास कीपैड वाला मोबाइल है. ज्ञानेश की मां कहती हैं कि वह ज्‍यादा टेंशन न ले. इसके लिए, मैं उससे खाली समय में बात करती हूं.      

नई नौकरी की तलाश में हैं तो तुरंत क्लिक करें

पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की जरूरत नहीं

Trending news