IAF Pilot Success Story: ऐसी है इंडियन एयरफोर्स में पहली महिला पायलट की कहानी, जानिए क्यों जॉइन की IAF?
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IAF Pilot Success Story: ऐसी है इंडियन एयरफोर्स में पहली महिला पायलट की कहानी, जानिए क्यों जॉइन की IAF?

Rafale Pilot shivangi Singh: शिवांगी सिंह 2017 में भारतीय वायु सेना में शामिल हुईं और भारतीय वायुसेना के महिला लड़ाकू पायलटों के दूसरे बैच में शामिल हुईं. राफेल उड़ाने से पहले शिवांगी ने मिग-21 बाइसन विमान उड़ाया था.

IAF Pilot Success Story: ऐसी है इंडियन एयरफोर्स में पहली महिला पायलट की कहानी, जानिए क्यों जॉइन की IAF?

Shivangi Singh Rafale Pilot: जब इरादे बुलंद होते हैं तो आसमान में उड़ना भी आसान लगता है. ऐसी ही कहानी है इंडियन एयरफोर्स में पहली महिला फाइटरजेट पायलट शिवांगी सिंह की. शिवांगी की शुरुआती पढ़ाई वाराणसी से ही हुई है. वाराणसी में कैंटोनमेंट के सेंट मेरीज स्कूल से 8वीं तक की पढ़ाई के बाद उन्होंने शिवपुर के सेंट जोजर्स कॉन्वेंट स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की. शिवांगी के 12वीं में 89 फीसदी नंबर आए थे.

पायलट शिवांगी सिंह के पिता का नाम कुमारेश्वर सिंह है और उनकी मां का नाम सीमा सिंह है. फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह के दो भाई हैं, बड़े भाई का नाम मयंक और छोटे भाई का नाम शुभांशु हैं. शिवांगी की बहन का नाम हिमांशी सिंह है.

राफेल फाइटर जेट उड़ाने वाली भारत की पहली महिला पायलट शिवांगी सिंह इस साल गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय वायु सेना की झांकी का हिस्सा थीं. शिवांगी भारतीय वायुसेना की झांकी का हिस्सा बनने वाली दूसरी महिला फाइटर जेट पायलट हैं, भावना कंठ के बाद, जो भारतीय वायुसेना की झांकी का हिस्सा बनने वाली पहली महिला फाइटर जेट पायलट बनीं.

शिवांगी सिंह 2017 में भारतीय वायु सेना में शामिल हुईं और भारतीय वायुसेना के महिला लड़ाकू पायलटों के दूसरे बैच में शामिल हुईं. राफेल उड़ाने से पहले शिवांगी ने मिग-21 बाइसन विमान उड़ाया था. शिवांगी वाराणसी से हैं और पंजाब के अंबाला में स्थित IAF के गोल्डन एरो स्क्वाड्रन का हिस्सा हैं. साल 2020 में शिवांगी सिंह एक चयन प्रक्रिया के बाद राफेल पायलट के रूप में चुने जाने के बाद राफेल उड़ाने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनीं.

शिवांगी सिंह को स्पोर्ट्स में भी इंट्रेस्ट है उन्होंने जैकलिन थ्रो में नेशनल लेवल पर गोल्ड मेडल जीता था. शिवांगी के नाना सेना में कर्नल थे तो वो शिवांगी को एयरफोर्स म्यूजियम लेकर गए, वहां शिवांगी ने एयरफोर्स के विमान और एयरफोर्स की यूनिफॉर्म देखी थी. इसके बाद उन्होंने एयरफोर्स में जाने की ठान ली थी.

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