UPSC Success Story: मुस्कान डागर ने बिना कोचिंग के यूपीएससी परीक्षा पास करके यह साबित कर दिया कि मेहनत और पूरी लगन से आप कठिन से कठिन लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं. यहां पढ़िए उनकी सफलता की कहानी की कहानी...
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IAS Muskan Dagar Success Story: हर साल लाखों एस्पिरेंट्स यूपीएससी की तैयारी करते हैं और परीक्षा में शामिल होते हैं. हालांकि, कुछ लोग ही इस परीक्षा को पास करके अपने सपने को पूरा कर पाते हैं. इन्हीं कुछ कैंडिडेट्स में महिलाओं की भी हिस्सेदारी है. महिलाएं भी यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में पास होने के अपने सपने को पूरा करने लिए कड़ी मेहनत करती हैं. ऐसी ही एक महिला आईएएस अधिकारी की सफलता की कहानी आज हम आपको बताने जा रहे हैं.
हरियाणा से हैं नाता
हम बात कर रहे हैं आईएएस मुस्कान डागर के बारे में, उनकी सक्सेस स्टोरी दिलचस्प होने के साथ बेहद इंस्पायरिंग भी है. हरियाणा में झज्जर के सेहलंगा गांव की रहने वाली हैं. मुस्कान ने अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली के हिंदू कॉलेज से बीएससी में ग्रेजुएशन किया है. इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी.
रैंक सुधारने के लिए दोबारा दिया एग्जाम
मुस्कान ने UPSC CSE 2021 में 474 रैंक हासिल हुई थी, लेकिन वह अपनी रैंक से बिल्कुल भी खुश नहीं थी. यूपीएससी में रैंक में सुधार हो इसलिए उन्होंने एक साल और मेहनत की और दोबारा यूपीएससी का एग्जाम दिया. इस तरह मुस्कान की मेहनत रंग लाई और उन्होंने ऑल इंडिया 72वीं रैंक हासिल की.
ऐसे की यूपीएससी की तैयारी
एक इंटरव्यू के दौरान मुस्कान ने बताया था कि उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग तो जॉइन की थी, लेकिन चार माह बाद उन्होंने सेल्फ-स्टडी करने का फैसला लिया और कोचिंग छोड़ दी. वह पढ़ाई के घंटे हमेशा एक तरह से फिक्स नहीं करती थी. ज्यादातर 8 से 10 घंटे पढ़ाई करने वालीं मुस्कान एग्जाम नजदीक होने पर अपने पढ़ाई के घंटे बढ़ा देती थीं.
मुस्कान ने इंटरव्यू में यह भी बताया कि उनके परिवार ने उन्हें हर तरह से सपोर्ट किया. इतना ही नहीं रैंक आशा के अनुरूप न आने पर दोबारा यूपीएससी एग्जाम देने के लिए भी परिवार ने ही उन्हें प्रेरित किया था.
सफलता का मूलमंत्र
मुस्कान ने बताया कि उन्होंने एनसीआरटी, लक्ष्मीकांत और कुछ बेसिक बुक्स से यूपीएससी तैयारी की थी. उनका कहना है कि इस मुश्किल लक्ष्य को साधने के लिए सही दिशा और गाइडेंस मिलने पर सफलता निश्चित है.