UPSC Success Story: एक करोड़ की नौकरी छोड़ शुरू की IAS एग्‍जाम की तैयारी, फर्स्‍ट अटेम्‍प में ही झटक ल‍िया AIR-1
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UPSC Success Story: एक करोड़ की नौकरी छोड़ शुरू की IAS एग्‍जाम की तैयारी, फर्स्‍ट अटेम्‍प में ही झटक ल‍िया AIR-1

कनिष्क कटारिया ने UPSC स‍िव‍िल सेवा परीक्षा की तैयारी के ल‍िए विदेश में 1 करोड़ रुपये की सैलरी वाली नौकरी छोड़ दी और भारत लौट आए. अपने पहले ही प्रयास में कन‍िष्‍क ने AIR-1 हास‍िल कर औरों के ल‍िए प्रेरणा के श्रोत बन गए. 

 

UPSC Success Story: एक करोड़ की नौकरी छोड़ शुरू की IAS एग्‍जाम की तैयारी, फर्स्‍ट अटेम्‍प में ही झटक ल‍िया AIR-1

Success Story of Kanishak Kataria : भारत की सिलिकॉन वैली, बैंगलोर में काम करने वाले डेटा साइंट‍िस्‍ट कनिष्क कटारिया ने साल 2018 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंड‍िया रैंक 1 हासिल की. ​​IIT बॉम्बे से पढ़ाई कर चुके कटारिया अपने पहले ही प्रयास में देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक को पास करने में सफल रहे. आपको ये जानकर हैरानी होगी क‍ि जब उन्‍होंने स‍िव‍िल सेवा परीक्षा के ल‍िए मन बनाया तब वो विदेश में 1 करोड़ रुपये की सैलरी वाली नौकरी कर रहे थे और स‍िर्फ यूपीएससी परीक्षा के ल‍िए वो भारत लौट आए. आइये जानत हैं यूपीएससी टॉपर कनिष्क कटारिया ने पहले ही अटेम्‍प में इतनी मुश्‍क‍िल परीक्षा को कैसे पास कर ल‍िया. 

पर‍िवार से प्रेर‍ित 
यूपीएससी टॉपर 2018 (UPSC topper 2018) कनिष्क कटारिया जयपुर, राजस्थान के रहने वाले हैं. उनके प‍िता और चाचा भी सिविल सेवा में हैं. उनके पिता सांवर मल वर्मा, एक आईएएस अधिकारी हैं, जो अभी राजस्थान में सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के निदेशक हैं. उनके चाचा के सी वर्मा जयपुर में संभागीय आयुक्त हैं. कनिष्क कटारिया ने बताया कि बचपन से ही मैं अपने पिता और चाचा को देश के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के रूप में काम करते देखता आया हूं. मैं भी वैसा ही बनना चाहता था. 

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एजुकेशन  
कनिष्क कटारिया ने कोटा के सेंट पॉल सीनियर सेकेंडरी स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की. 2010 में, उन्होंने IIT JEE में 44वीं रैंक हासिल की थी. इसके बाद, उन्होंने IIT बॉम्बे में दाखिला लिया, जहां उन्होंने कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में बीटेक किया. उन्होंने 2014 में अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की. 

वर्क एक्‍सपीर‍िएंस 
साल 2016 तक कनिष्क कटारिया दक्षिण कोरिया में सैमसंग के साथ सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम करते थे. वहां, कथित तौर पर उन्हें एक करोड़ रुपये का मोटा वेतन मिल रहा था. पैसे के लिए काम करना उन्हें संतुष्ट नहीं करता था कन‍िष्‍क के अनुसार वो देश के व‍िकास की कहानी का ह‍िस्‍सा बनना चाहते थे. 

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IAS बनने का सफर 
यहां तक ​​कि अच्छी तनख्वाह और अच्छी नौकरी भी उन्हें अपने वतन से दूर नहीं रख सकी. कनिष्क कटारिया भारत लौट आए और IAS की तैयारी शुरू कर दी. उन्होंने डेटा साइंटिस्ट के तौर पर बैंगलोर में QPLUM में काम करना भी शुरू कर दिया. चूंकि उन्हें परीक्षा और इसकी चुनौतियों के बारे में ज्‍यादा जानकारी नहीं थी, इसलिए वे दिल्ली में ही रहे और करीब 7-8 महीने तक कोचिंग ली. लेकिन मार्च 2018 से वे घर पर ही रहे और सेल्फ स्टडी में लग गए. 
 
प्रारंभिक परीक्षा के लिए, कटारिया ने पिछले वर्षों के यूपीएससी प्रश्नपत्रों को देखा और टेस्ट सीरीज़ दिया. कनिष्क कटारिया ने गणित को अपने ऑप्‍शनल सबजेक्‍ट रखा था, क्योंकि उन्हें इस विषय से बहुत प्यार था. उन्होंने अपने वैकल्पिक विषय के लिए अधिक समय बिताया क्योंकि इसका सिलेबस बहुत बड़ा है. 
 
मुख्य परीक्षा के लिए, कटारिया ने हर दिन 13-14 घंटे पढ़ाई की. मुख्य परीक्षा से लगभग 2 महीने पहले, उन्होंने खुद को सोशल मीडिया से पूरी तरह से दूर कर लिया था. उन्होंने परिणामों के बारे में ज्यादा नहीं सोचा और केवल परीक्षा और तैयारी पर ध्यान दिया. 

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