IPS Kartik Madhira: आज हम आपको एक ऐसे उम्मीदवार के बारे में बताएंगे, जिन्होंने खेल खेला तो ऐसा की क्रिकेट के अंडर-19 लेवल तक पहुंच गए, लेकिन क्रिकेट छोड़ पढ़ाई कि तो ऐसी की कि आईपीएस ही बन गए.
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IPS Kartik Madhira Success Story: दुनियाभर के माता-पिता का हमेशा से मानना रहा है कि खेल और पढ़ाई एक कठिन कॉम्बिनेशन है. उनका यह मानना है कि जो बच्चे खेल-कूद में व्यस्त रहते हैं, वे अपनी पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते हैं और हमने यह भी देखा है कि जो लोग खेलों में रुचि रखते हैं, वे किताबों को इतना पसंद नहीं करते हैं. हालांकि, आपके हिसाब से क्या यह बात पूरी तरह से सच है? अगर हां, तो बता दें कि आप पूरी तरह से गलत हैं.
हालांकि, यह जरूर देखा गया है कि जो बच्चे ज्यादा पढ़ाई-लिखाई में लगे रहते हैं, वे ज्यादा खेल-कूद में ध्यान नहीं दे पाते. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स की कहानी बताएंगे, जो अंडर 19 लेवल का क्रिकेटर था, पर जब उसने यूपीएससी की राह चुनी, तो वह पहले प्रयास में ही सिविल सेवा परीक्षा पास कर आईपीएस ऑफिसर बन गया.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं आईपीएस कार्तिक मधिरा की, जो हैदराबाद के रहने वाले हैं. कार्तिक के पास जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (JNTU) से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में डिग्री है.
बता दें कि कार्तिक को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक रहा है और उन्होंने इसे विभिन्न लेवल जैसे - अंडर 13, 15, 17 और 19 पर खेला है. हालांकि, क्रिकेट के दौरान चोट लगने के साथ-साथ कुछ व्यक्तिगत कारणों ने उन्हें अपने लिए दूसरा रास्ता चुनने के लिए मजबूर किया.
उन्होंने 6 महीने तक डेलॉइट (Deloitte) में काम किया, लेकिन जल्द ही उन्हें एहसास हुआ कि उनका दिल कहीं और है और फिर उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी.
कार्तिक ने शुरुआती निराशाओं को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया. अपने पहले तीन प्रयासों में प्रीलिम्स परीक्षा में असफल होने के बावजूद, उन्होंने पढ़ाई करना कभी नहीं छोड़ा, खासकर अपने ऑप्शनल समाजशास्त्र (Sociology) कोर्स के लिए. इसके बाद साल 2019 में, उन्होंने न केवल प्रीलिम्स बल्कि मेन्स और इंटरव्यू भी ऑल इंडिया 103 रैंक के साथ पास करके अपने चौथे प्रयास में सफलता हासिल की.
पुलिस सेवा में करियर बनाने के उनके फैसले को उनके आईपीएस ट्रेनिंग के दौरान मिली सफलता और अपनेपन की भावना से पुष्टि मिली और क्रिकेट से आईपीएस में ट्रांस्फर होने के बावजूद, उन्होंने खेल के प्रति जुनून कभी नहीं खोया. वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह फिलहाल महाराष्ट्र कैडर में तैनात हैं.