IAS Work: पोस्टिंग के बाद IAS के जिम्मे होते हैं ये सारे काम, सिर्फ राष्ट्रपति ही कर सकते हैं निलंबित
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IAS Work: पोस्टिंग के बाद IAS के जिम्मे होते हैं ये सारे काम, सिर्फ राष्ट्रपति ही कर सकते हैं निलंबित

IAS Roles: केंद्र व राज्य सचिवालय के पदों पर भी IAS अधिकारी ही नियुक्त किए जाते हैं. वहां ये अफसर PSU प्रमुख के रूप में काम करते हैं. आईएएस अफसर डिस्ट्रिक्ट लेवल पर काम करने के अलावा एक कैबिनेट सचिव के साथ-साथ संयुक्त सचिव, उपसचिव और अवर सचिव के रूप में भी काम करता है.

प्रतीकात्मक इमेज

What is IAS Work and His Power: हर साल यूपीएससी का रिजल्ट मीडिया की सुर्खियां बनता है. इसमें टॉप पर रहने वालों को आईएएस और आईपीएस बनने पर भी खूब बात होती है. 1 साल की ट्रेनिंग के बाद ये सफल अभ्यर्थी फील्ड में काम भी करने लगते हैं, लेकिन खबर यहीं तक सिमट कर रही जाती है. हम में से अधिकतर लोग आईएएस और आईपीएस शब्द खूब सुनते हैं, इनके रुतबे को भी जानते हैं, लेकिन इनसे जुड़ी कुछ बातें ऐसी होती हैं जिनकी जानकारी हर किसी को नहीं होती है. इसमें सबसे प्रमुख है इनके काम. आज हम आपको बताएंगे कि आईएएस के जिम्मे कौन-कौन से काम होते हैं.

  1. आईएएस सिविल सर्विस का सर्वोच्च पद होता है, ट्रेनिंग के बाद आईएएस को कैडर में भेजा जाता है
  2. वहां उन्हें किसी विशेष क्षेत्र या विभाग का चार्ज सौंपा जाता है. यहां कुछ दिन काम करना होता है
  3. आईएएस अफसर को पहली पोस्टिंग सब डिविजनल मैजिस्ट्रेट के रूप में मिलती है

पहले पोस्टिंग का फॉर्म्युला जानें

आईएएस सिविल सर्विस का सर्वोच्च पद होता है. ट्रेनिंग के बाद आईएएस को उनके कैडर में भेजा जाता है और वहां उन्हें किसी विशेष क्षेत्र या विभाग का चार्ज सौंपा जाता है. आईएएस अफसर को पहली पोस्टिंग सब डिविजनल मैजिस्ट्रेट के रूप में मिलती है. इसके बाद उन्हें डीएम और उपायुक्त के पोस्टस पर तैनात किया जाता है. केंद्र व राज्य सचिवालय के पदों पर भी IAS अधिकारी ही नियुक्त किए जाते हैं. वहां ये अफसर PSU प्रमुख के रूप में काम करते हैं. आईएएस अफसर डिस्ट्रिक्ट लेवल पर काम करने के अलावा एक कैबिनेट सचिव के साथ-साथ संयुक्त सचिव, उपसचिव और अवर सचिव के रूप में भी काम करता है.

क्या हैं काम और पावर

आईएएस अफसर को राजस्व से सम्बंधित कार्य करने होते हैं, जैसे राजस्व का संग्रह आदि. उसके जिम्मे जिले में कानून और व्यवस्था को बनाए रखना, एक कार्यकारी मैजिस्ट्रेट के रूप में कार्य करना, मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) या जिला विकास आयुक्त के रूप में कार्य करना, जिले में राज्य सरकार और केंद्र सरकार की नीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करवाने, नीतियों की निगरानी के लिए औचक निरीक्षण करने, सरकारी नीति बनाने में संयुक्त सचिव, उप सचिव के रूप में सलाह देने और नीतियों को अंतिम आकार देने का काम भी करना होता है. आईएस जब डीएम के रोल में होता है तो उसके पास जिले के सभी विभाग की जिम्मेदारी होती है. वह डीएम के रूप में पुलिस विभाग के साथ साथ अन्य विभागों का भी मुखिया होता है. जिले में निषेधाज्ञा, धारा 144 व लॉ एंड आर्डर से जुड़े सभी निर्णय वही लेता है. भीड़ पर कार्रवाई करने या फायरिंग जैसे आर्डर भी डीएम दे सकता है. डीएम को जिले में अगर किसी कार्य में कोई लापरवाही दिखती है तो वह कर्मचारियों को निलंबित भी कर सकता है उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा सकता है. वहीं आईएएस के निलंबन की शक्ति केवल राष्ट्रपति के पास होती है. अन्य कोई भी यह एक्शन नहीं ले सकता.

आईएएस को मिलने वाले पद

एक आईएएस अफसर को एसडीओ, एसडीएम, संयुक्त कलेक्टर, मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ), डीएम, डीसी, डिप्टी कमिश्नर, विभागीय आयुक्त, सदस्य बोर्ड ऑफ राजस्व व राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष जैसे पद मिल सकते हैं. आईएएस की तैनाती अनुभव के आधार पर केंद्र में भी हो सकती है.

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