UPSC Success Story: साल 2017 में इन तीनों दोस्तों ने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की. इतना ही नहीं साद खान ने 25वीं, गौरव ने 34वीं और विशाल ने 49वीं रैंक के साथ यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम में क्वालिफाई किया.
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UPSC Success Story: दोस्ती-यारी को हमेशा पढ़ाई में रुकावट ही माना जाता है. अक्सर आपने मां-बाप को अपने बच्चों से कहते हुए सुना होगा कि दोस्तों के साथ ज्यादा समय न बिताएं और पढ़ाई-लिखाई में ध्यान दें, नहीं तो परीक्षा में फेल हो जाएंगे. वहीं, दुनिया में कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो लोगों की इस धारणा को बदलकर रख देते हैं. आज हम आपके लिए जो सक्सेस स्टोरी लेकर आए हैं, वह ऐसे ही तीन जिगरी यारों की है. इन्होंने एक साथ मिलकर यूपीएससी का एग्जाम भी दिया और उसके सफलता भी हासिल की. यहां पढ़िए यह अनोखी सफलता की कहानी...
ये तीन जिगरी यार इस बात ही बहुत अच्छी मिसाल बने कि अगर संगत अच्छी हो तो दोस्ती सफलता हासिल करने में बहुत मददगार होती है. ये तीन दोस्त साद मियां खान, विशाल मिश्रा और गौरव विजयराम हैं. तीनों ने साल 2017 में यूपीएससी की परीक्षा दी थी और उसमें क्वालिफाई किया. इसके बाद साद ने आईपीएस ऑफिसर की जिम्मेदारी संभाली हैं. जबकि, विशाल और विजय आईएएस ऑफिसर हैं.
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के रहने वाले साद मियां खान ने विशाल मिश्रा के साथ ही बीटेक की डिग्री ली थी. जबकि, आईएएस विशाल मिश्रा उत्तराखंड से हैं. उन्होंने आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग की है.
कई बार हुए असफल
साद और विशाल मिश्रा साल ग्रेजुएशन के बाद यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली चले आए. जहां इन दोनों की मुलाकात गौरव विजयराम से हुई, जिसके बाद ये तीनों अच्छे दोस्त बन गए. तीनों ने दिल्ली में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी एक साथ शुरू कर दी. हालांकि, इन तीनो दोस्तों ने पहले भी यूपीएससी के एग्जाम दिए, लेकिन कामयाब नहीं हो सके. फिर तीनों ने लगकर एकसाथ मेहनत की और नतीजों ने किसी को भी निराश नहीं होने दिया.
तीनों को एक साथ मिली सफलता
साद मियां खान ने अपना पहला अटैम्प्ट 2013 में दिया था, जिसमें असफल रहे. इसके बाद उन्होंने लगातार चार बार यूपीएससी का एग्जाम दिया, लेकिन उन्हें अपने पांचवें प्रयास में सफलता मिली. जहां कई एस्पिरेंट अच्छा स्कोर न कर पाने पर रैंक सुधारने के लिए दूसरी बार यूपीएससी का एग्जाम देते हैं.
वहीं, परीक्षा में ऑल इंडिया 25वीं रैंक हासिल करने वाले साद ने आईएएस नहीं, बल्कि आईपीएस को चुना. वहीं, गौरव भी अपने तीन अटैम्प्ट में फेल हुए, उन्हें चौथी बार में यूपीएससी में सफलता मिली. साल 2017 में विशाल यूपीएससी में 49वीं रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बने.