IAS Success story: अपने गांव और स्कूल से पहली आईएएस अफसर हैं वंदना, क्या है सफलता का राज
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IAS Success story: अपने गांव और स्कूल से पहली आईएएस अफसर हैं वंदना, क्या है सफलता का राज

IAS Vandana Meena Success Story: वंदना अपने गांव की लड़कियों के लिए सबसे बड़ी प्रेरणा हैं. यूपीएससी परीक्षा में सफल होने के बाद वह अपने गांव गई थीं, जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया था. 

IAS Success story: अपने गांव और स्कूल से पहली आईएएस अफसर हैं वंदना, क्या है सफलता का राज

IAS Vandana Meena UPSC: पढ़ाई करने वाले ज्यादातर युवाओं का सपना होता है कि वह आईएएस-आईपीएस अफसर बनें. लेकिन सभी का अधिकारी बन पाना मुमकिन नहीं है. आज हम बात कर रहे हैं राजस्थान की वंदना मीणा की, जिन्होंने पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से की है. वंदना के पिता पुलिस में हैं. वंदना मीणा ने देश की सबसे कठिन परीक्षा पास करके सिर्फ अपने परिवार का ही नहीं, बल्कि पूरे गांव का नाम रोशन किया है.

IAS वंदना मीणा राजस्थान के एक छोटे से गांव टोकसी की रहने वाली हैं. वंदना शुरुआती कुछ साल गांव में बिताने के बाद अपने माता-पिता के साथ दिल्ली शिफ्ट हो गई थीं. उनके पिता पृथ्वीराज मीणा दिल्ली पुलिस में हैं और मां हाउसवाइफ हैं. वंदना मीणा की बचपन से ही पढ़ाई में काफी दिलचस्पी थी और अपनी प्रतिभा के दम पर ही वह आईएएस ऑफिसर बन पाईं.

वंदना मीणा ने सवाई माधोपुर से प्राइमरी एजुकेशन की शुरुआत की थी. दिल्ली में उन्होंने सेंट कोलंबस स्कूल से पढ़ाई की थी. वंदना ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के आचार्य नरेंद्र जैन कॉलेज से मैथ ऑनर्स की डिग्री हासिल की है. अपने दोनों ही स्कूलों से वह पहली आईएएस ऑफिसर हैं. 

वंदना का मानना है कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है. इस मुकाम को हासिल करने के लिए परीक्षा के दौरान वह रोजाना 15-16 घंटे पढ़ाई करती थीं. साल के बाकी दिनों में भी उन्होंने रोजाना 10 घंटे तक पढ़ाई की. स्कूल-कॉलेज में भी उन्होंने हमेशा बेहतरीन नंबर हासिल किए थे. 

वंदना ने साल 2021 की यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 331 हासिल की थी. यूपीएससी परीक्षा का रिजल्ट घोषित हो जाने के बाद वह अपने दोनों स्कूलों में विज़िट करने गई थीं, जहां उनका काफी सम्मान हुआ. वह अपने गांव की पहली आईएएस ऑफिसर हैं. 

वंदना अपने गांव की लड़कियों के लिए सबसे बड़ी प्रेरणा हैं. यूपीएससी परीक्षा में सफल होने के बाद वह अपने गांव गई थीं, जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया था. उनके परिजनों ने उनको तौलकर उनके वजन के बराबर फल और मिठाइयां गांव में बांटी थीं. वंदना सोशल मीडिया पर भी एक्टिव रहती हैं. वह अपनी जिंदगी के पन्ने इंस्टाग्राम पर शेयर करती रहती हैं. 

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