Lok Sabha Speaker 2024: 18वीं लोकसभा में स्पीकर यानी अध्यक्ष कौन होगा? रेस में आंध्र प्रदेश की बीजेपी प्रभारी दग्गुबाती पुरंदेश्वरी (Daggubati Purandeswari) का नाम सबसे आगे है. वह TDP संस्थापक एनटी रामा राव की बेटी हैं.
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Lok Sabha Speaker News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार एनडीए की सरकार बनी है. रविवार को पीएम समेत 72 मंत्रियों ने शपथ ली. मंत्रियों की लिस्ट से आंध्र प्रदेश का एक बड़ा नाम गायब रहा तो बड़ी हैरानी हुई. वह नाम था आंध्र प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष और राजमुंदरी सांसद दग्गुबाती पुरंदेश्वरी (Daggubati Purandeswari) का. हालांकि, अब लगता है कि बीजेपी ने पुरंदेश्वरी को कहीं बड़ी जिम्मेदारी देने की योजना बना रखी थी. टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि पुरंदेश्वरी को 18वीं लोकसभा में अध्यक्ष बनाया जा सकता है. वह लोकसभा स्पीकर (LS Speaker) बनने की रेस में सबसे आगे हैं.
अगर पुरंदेश्वरी को लोकसभा अध्यक्ष चुना जाता है तो वह इस पद को संभालने वाले आंध्र की दूसरी सांसद होंगी. उनसे पहले, अमलापुरम के पूर्व सांसद गंति मोहन चंद्र (GMC) बालयोगी 12वीं लोकसभा में अध्यक्ष रह चुके हैं. 2002 में लोकसभा स्पीकर रहते हुए बालयोगी की एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी.
दग्गुबाती पुरंदेश्वरी 2023 से आंध्र प्रदेश बीजेपी की अध्यक्ष हैं. वह तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के संस्थापक एनटीआर की बेटी हैं. पुरंदेश्वरी तीन बार सांसद रही हैं. 2024 में चुनाव के लिए आंध्र में बीजेपी का TDP और जनसेना से गठबंधन कराने में पुरंदेश्वरी की अहम भूमिका रही. लोकसभा चुनाव में आंध्र से NDA के 21 सांसद चुनकर आए. इनमें 16 TDP के, तीन बीजेपी और दो जनसेना के हैं. विधानसभा चुनाव में भी NDA ने 175 में 164 सीटें जीती हैं.
राजमुंदरी से सांसद चुने जाने से पहले, पुरंदेश्वरी ने कांग्रेस की ओर से 2004 में बापटला और 2009 में विशाखापट्टनम का प्रतिनिधित्व किया है. 2014 में जब आंध्र का बंटवारा हुआ, तब उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गईं. जब बीजेपी को आंध्र प्रदेश में पैठ जमाने में मुश्किल पेश आ रही थी, तब पुरंदेश्वरी को जिम्मेदारी सौंपी गई. पुरंदेश्वरी ने पार्टी को आठ विधानसभा सीटों (बीजेपी 10 पर लड़ी) और तीन लोकसभा सीटों (बीजेपी छह पर लड़ी) पर जीत दिलाई.
दग्गुबाती पुरंदेश्वरी धाराप्रवाह बोलती हैं, पूरे अधिकार से बोलती हैं. उनके भाषणों में भावुकता का पुट होता है. मीडिया उन्हें 'दक्षिण की सुषमा स्वराज' कहता है.