Bijnor Lok Sabha Chunav Result 2024:बिजनौर में मोदी लहर के बावजूद RLD ने किया कब्ज़ा, परिणाम देख लोगो को हैरानी
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Bijnor Lok Sabha Chunav Result 2024:बिजनौर में मोदी लहर के बावजूद RLD ने किया कब्ज़ा, परिणाम देख लोगो को हैरानी

Bijnor Lok Sabha Chunav Result 2024: वर्ष 2019 में बिजनौर में मोदी लहर के बावजूद बीएसपी के मलूक नागर जीतने में कामयाब रहे थे. क्या बीजेपी इस बार बिजनौर में कमल खिलाने में कामयाब रहेगी.

 

Bijnor Lok Sabha Chunav Result 2024:बिजनौर में मोदी लहर के बावजूद RLD ने किया कब्ज़ा, परिणाम देख लोगो को हैरानी

Bijnor Lok Sabha Chunav Result 2024: बिजनौर यूपी की उन 17 लोकसभा सीटों में से एक है, जो 2019 के चुनाव में मोदी लहर के बावजूद बीजेपी ने गंवा दी थी. भरपूर कोशिशों के बावजूद इन 17 सीटों पर हारने की कसक आज भी है. इस कसक को दूर करने के लिए उसने पिछले 5 साल में एक के बाद एक कई तीर अपने तरकश से निकाले हैं. इनमें से दलित वोटर्स में अपना जनाधार बढ़ाना, जाट वोटर्स को लुभाने के लिए चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने और तमाम कल्याणकारी योजनाओं पर धार देने जैसे काम किए गए. अब देखने वाली बात ये होगी कि क्या उसके ये तीर सही निशाने पर लगे हैं या बीजेपी को फिर झटका लगने जा रहा है. आइए आज हम आपको बिजनौर लोकसभा सीट के इतिहास के बारे में विस्तार से बताते हैं.

बिजनौर लोकसभा चुनाव रिजल्ट 2024

बिजनौर में पिछली बार बीएसपी से मलूक नागर ने बड़ी जीत हासिल की थी. लेकिन इस बार बसपा ने अपने पुराने स्टाइल में उन्हें पार्टी से निकाल दिया. ऐसे में जंग बीजेपी और सपा-कांग्रेस गठबंधन के बीच आ गई है.

महात्मा विदुर से जुड़ा है बिजनौर का नाम

बिजनौर जिले की सीमा उत्तराखंड से लगती है. यह जिला अपनी काष्ठ कल यानी लकड़ी की नक्काशी के लिए चर्चित है. यह जिला गंगा नदी के किनारे बसा है. इस जिले की पहचान महाभारतकालीन महात्मा विदुर की धरती के रूप में भी है. कहा जाता है कि पांडवों और कौरवों के बीच युद्ध के दौरान, महात्मा विदुर ने दोनों पक्षों के सभी महिलाओं और बच्चों के परिवार के सदस्यों की रक्षा की थी. चूंकि उस वक्त पर्याप्त क्षेत्र की कमी हो गई थी, इसलिए विदुर ने महिलाओं और बच्चों के लिए एक विशेष क्षेत्र में रहने का फैसला किया. वर्तमान में इस क्षेत्र को दारानगर के नाम से जाना जाता है.

कई नामचीन हस्तियों ने लिया जन्म

बिजनौर जिले गंगा किनारे बसा है. कई नामचीन हस्तियों ने इसी जिले में जन्म लिया है. इनमें प्रसिद्ध निर्माता, निर्देशक- संगीतकार विशाल भारद्वाज, फ़िल्म निर्माता प्रकाश मेहरा, राजनेता चरन सिंह, फुटबॉल खिलाड़ी हरपाल सिंह और DMRC के MD रहे मंगू सिंह का नाम शामिल है. बिजनौर जिले की करीब 40 फीसदी खेती से जुड़ी हुई है. बाकी लोग छोटे- मोटे काम धंधों के जरिए अपना जीवनयापन कर रहे हैं. 

बिजनौर लोकसभा सीट में 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इनमें से 2 एससी सीटें हैं. इनमें से 2 सीटों पर बीजेपी, 2 पर आरएलडी और एक पर सपा काबिज है. 

बिजनौर लोकसभा क्षेत्र में शामिल असेंबली सीटें

असेंबली सीट मौजूदा विधायक पार्टी
पुरकाजी (एससी) अनिल कुमार आरएलडी
मीरापुर चंदन चौहान आरएलडी
बिजनौर सुचि मौसम चौधरी बीजेपी
चांदपुर स्वामी ओमवेश सपा
हस्तिनापुर (एससी) दिनेश खटीक बीजेपी

बिजनौर में करीब 13 लाख वोटर्स

बिजनौर लोकसभा सीट की बात करें तो इसमें करीब 13 लाख वोटर्स हैं. इनमें से 65 प्रतिशत हिंदू और करीब 35 फीसदी मुस्लिम हैं. अगर हिंदुओं में जातिगत आंकड़ों के आधार पर बताया जाए तो गुर्जरों की संख्या सबसे ज्यादा है. उनके अलावा, दलित, सैनी, जाट कश्यप और राजपूत वोटर भी बड़ी संख्या में हैं. हिंदुओं से काफी कम संख्या होने के बावजूद मुस्लिम मतदाता अपनी एकजुटता के बल पर यहां हमेशा किंग मेकर की भूमिका में रहते हैं और वे जिधर झुक जाते हैं, उस पार्टी की जीत के चांस बढ़ जाते हैं. 

कई बड़ी हस्तियां भी लड़ चुकी हैं चुनाव

इस सीट पर कई प्रसिद्ध हस्तियां भी चुनाव लड़ चुकी हैं. कांग्रेस नेता मीरा कुमार, बसपा मुखिया मायावती और लोकजनशक्ति पार्टी के सुप्रीमो रामविलास पासवान इसी सीट से चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंच चुके हैं. चर्चित वेटरन एक्टर जयाप्रदा ने भी 2014 में यहां से अपनी किस्मत आजमाई थी लेकिन मोदी लहर में उसे हार झेलनी पड़ी थी. 

मोदी लहर में भी हाथी ने चटा दी थी धूल

वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बिजनौर लोकसभा सीट पर बसपा के मलूक सिंह नागर ने जीत दर्ज की थी. उन्हें चुनाव 5 लाख 56 हजार से ज्यादा वोट मिले थे, जो कुल पड़े वोटों का 51 प्रतिशत से ज्यादा थे. उनकी जीत का आधार गुर्जर, मुस्लिम और दलित वोटों का धुव्रीकरण था. दूसरे नंबर पर बीजेपी के कुंवर भारतेंद्र सिंह को 4 लाख 86 हजार वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस के नसीमुद्दीन सिद्दीकी को केवल 25 हजार वोट पाकर करारी हार झेलनी पड़ी थी. 

बिजनौर लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास 

लोकसभा चुनाव विजेता पार्टी
2019 मलूक सिंह नागर बसपा
2014  भारतेंद्र सिंह बीजेपी
2009 संजय सिंह चौहान आरएलडी
2004 मुंशीराम सिंह आरएलडी
1999 शीशराम सिंह रवि बीजेपी

उम्मीदवारों के इंतजार में बिजनौर के वोटर्स

कांग्रेस और सपा के बीच हुए गठबंधन के तहत यह सीट सपा के खाते में गई है. पार्टी ने इस सीट पर अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. वहीं अपने दादा चरण सिंह को भारत रत्न मिलने की घोषणा के बाद आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी भी बीजेपी के करीब आ गए हैं. ऐसे में यहां पर चुनाव सीधे तौर पर दो 2 गठबंधनों के बीच होता नजर आ रहा है. इस सीट पर बीजेपी के मौजूदा उपाध्यक्ष मोहित बेनीवाल और पूर्व सांसद भारतेंद्र सिंह अपनी दावेदारी जता रहे हैं. वहीं आरएलडी के कई नेता भी अपनी दावेदारी में लगे हैं. ऐसे में देखना होगा कि यहां पर किस नेता की किस्मत चमकती है. 

क्या बीजेपी-आरएलडी मार जाएगा बाजी?

अगर बिजनौर लोकसभा सीट पर हार जीत के समीकरणों की बात की जाए तो दो गठबंधनों के आमने- सामने होने पर बसपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है. ऐसे में मुसलमान वोटर बीएसपी को छोड़कर सपा की ओर शिफ्ट हो सकते हैं. उनके ऐसा करने पर गुर्जर- जाट, राजपूत समेत तमाम हिंदू वोटर भी गोलबंद हो सकते हैं. ऐसे में बीजेपी- आरएलडी गठबंधन अगर यहां से बाजी मार ले तो कोई अचरज नहीं होना चाहिए. 

आरएलडी से उतर सकते हैं मलूक नागर?

सूत्रों के मुताबिक मौजूदा सांसद मलूक नागर की बसपा हाईकमान से खटपट और टिकट कटने की चर्चाएं हैं. मलूक नागर भी इन स्थितियों को समझ रहे हैं. इसीलिए उन्होंने हाल में आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी से मुलाकात की थी. माना जा रहा है कि अगर यह सीट आरएलडी के खाते में गई तो यहां से मलूक नागर को उतारा जा सकता है.

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