Dilip Ghosh: वो नेता जिसने बंगाल में बीजेपी को खड़ा किया.. इस बार सीट बदली गई, क्या है सोशल स्कोर
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Dilip Ghosh: वो नेता जिसने बंगाल में बीजेपी को खड़ा किया.. इस बार सीट बदली गई, क्या है सोशल स्कोर

Vardhman Seat: जी न्यूज ने नेताओं के सोशल मीडिया प्रोफाइल्स का आंकलन किया है. जी न्यूज का लीडर सोशल स्कोर (LSS) बताता है कि कोई नेता सोशल मीडिया पर कैसा परफॉर्म कर रहा है. इसी कड़ी में हम बंगाल बीजेपी के दिग्गज और बर्दवान-दुर्गापुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी दिलीप घोष का स्कोर लेकर आए हैं.

Dilip Ghosh: वो नेता जिसने बंगाल में बीजेपी को खड़ा किया.. इस बार सीट बदली गई, क्या है सोशल स्कोर

Dilip Ghosh News: लोकसभा चुनाव में नेता चुनाव प्रचार में बिजी हैं. सोशल मीडिया पर भी तमाम नेता तूफानी प्रचार कर रहे हैं. इसी बीच जी न्यूज ने नेताओं के सोशल मीडिया प्रोफाइल्स का आंकलन किया है. जी न्यूज का लीडर सोशल स्कोर (LSS) बताता है कि कोई नेता सोशल मीडिया पर कैसा परफॉर्म कर रहा है. इसी कड़ी में हम बंगाल बीजेपी के दिग्गज और बर्दवान-दुर्गापुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी दिलीप घोष का भी 'लीडर सोशल स्कोर' जानेंगे. 

असल में दिलीप घोष ही वो नेता हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने हाल-फिलहाल बंगाल में बीजेपी को खड़ा किया है. मेदिनीपुर सीट से लोकसभा सांसद रहे दिलीप घोष का टिकट इस बार वहां से काटकर उन्हें बर्दवान-दुर्गापुर लोकसभा सीट से खड़ा कर दिया गया है. राज्य के एक्सपर्ट्स का मानना है किवे इस समय अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं क्योंकि बंगाल में बीजेपी के पास अब दिग्गज नेताओं की फौज खड़ी हो गई है. 

दिलीप घोष संघ से जुड़े हुए नेता रहे हैं. उनका जन्म 1 अगस्त 1964 को स्वर्गीय भोलानाथ घोष के घर में हुआ और उनके तीन भाई हैं। दिलीप घोष ने अपनी स्कूली शिक्षा खत्म करने के बाद (आरएसएस) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में एक प्रचारक के रूप में शामिल हो गए. वे आर्थिक रूप से पिछड़े इलाके जंगल महल के निम्न वर्गीय परिवार से आते हैं. बंगाली हिंदुओं की मान्यता के हिसाब से पिछड़ी सदगोप जाति से ताल्लुक रखने वाले घोष ने इंजीनियरिंग का डिप्लोमा किया, उनकी डिग्री को लेकर हालांकि विवाद भी हैं. 

कोरोना के समय बयानों की थी चर्चा.. 
2020 में घोष ने कहा था कि गाय के मूत्र के सेवन से कोरोना वायरस का इलाज संभव है. बाद में वे खुद कोरोना पॉज़िटिव पाए गए थे. सीएए का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के लिए कई बार घोष ने आपत्तिजनक बयान दिए थे. घोष के खिलाफ पुलिस ने एक बार सेक्सुअल हैरसमेंट का भी केस दर्ज किया था. 

वैसे उनका राजनीतिक सफर 1984 में संघ प्रचारक के तौर पर शुरू हुआ और 1999 में वो अंडमान में आरएसएस के इनचार्ज रहे. 2015 में वे बंगाल भाजपा के चीफ बने. 2016 में खडगपुर सदर सीट से उन्होंने विधानसभा चुनाव जीता. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 18 लोकसभा सीटें जीतीं. 2020 में वे फिर प्रदेशाध्यक्ष बने.

लेकिन अब उनके सामने चुनौती है क्योंकि उन्हें बर्दवान-दुर्गापुर लोकसभा सीट से खड़ा कर दिया गया है, जबकि वे मेदिनीपुर सीट से सांसद है. अगर सोशल मीडिया पर सक्रियता की बात करें तो दिलीप घोष अपनी सभाओं और लोगों से मेल-मिलाप वाली तस्वीरें शेयर करते रहते हैं. साथ ही वे बड़े नेताओं की भी तस्वीरें और वीडियो शेयर करते हैं. उनके ट्विटर पर 395.9K Followers हैं. 

डिस्क्लेमर: लीडर्स सोशल स्कोर (LSS) मशीन लर्निंग पर आधारित है. फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े 55 से ज्यादा पैरामीटर्स के आधार पर इसे निकाला गया है.

Dilip Ghosh

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