Gwalior Lok Sabha Election 2024: ग्वालियर सीट पर फिर से खिला कमल, 70210 वोटों से जीते भारत सिंह कुशवाहा
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Gwalior Lok Sabha Election 2024: ग्वालियर सीट पर फिर से खिला कमल, 70210 वोटों से जीते भारत सिंह कुशवाहा

Gwalior loksabha seat: ग्वालियर सीट पर माधवराव से पहले, उनकी मां विजयाराजे सिंधिया और उनके बाद फिर विजयाराजे सिंधिया चुनाव जीत गईं. इसका मतलब साफ है कि इस सीट पर भी सिंधिया परिवार की तीन पीढ़ियों ने काम किया.

Gwalior Lok Sabha Election 2024: ग्वालियर सीट पर फिर से खिला कमल, 70210 वोटों से जीते भारत सिंह कुशवाहा

Guna Seat Lok Sabha Chunav 2024: गुना की तरह ही ग्वालियर भी सिंधिया राजघराने के प्रभाव में रहा है लेकिन यहां चुनावी बयार गुना से अलग बहती रही है. ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र अपनी अनिश्चित राजनीतिक हवाओं के लिए भी मशहूर है. यहां के लोग किसी एक पार्टी को लगातार समर्थन नहीं देते, बल्कि चुनाव दर चुनाव अपनी पसंद बदलते रहते हैं. ग्वालियर लोकसभा सीट के चुनावों में उतार-चढ़ाव का सिलसिला 1952 से जारी है. 1952 के पहले चुनाव में हिंदू महासभा से वीजी देशपांडे जीते लेकिन उन्होंने गुना सीट पर भी जीत दर्ज की थी इसलिए उसी साल ग्वालियर के उपचुनाव में हिंदू महासभा के नारायण खरे जीते. 

इसके बाद फिर सिंधिया परिवार का दबदबा इस सीट पर शुरू हुआ. 1957 में सूरज परिवार जीते लेकिन अगले चुनाव 1962 में विजयाराजे सिंधिया कांग्रेस से जीत गईं.

हालांकि 1967 में यह सीट कांग्रेस के हाथ से फिसलकर जनसंघ के खाते में चली गई. इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने यहां जीत हासिल की लेकिन 1984 में फिर से जनता ने कांग्रेस के माधवराव सिंधिया को अपना समर्थन दिया. 2001 में माधवराव सिंधिया के निधन के बाद साल 2007 और 2009 में यशोधराराजे सिंधिया ने यहां जीत हासिल की थी. 

ग्वालियर में सिंधिया परिवार का योगदान..
कहा जाता है कि ग्वालियर में सिंधिया परिवार का योगदान अतुलनीय रहा है. माधवराव सिंधिया, कांग्रेस के टिकट पर सबसे अधिक बार जीतने वाले सांसद थे, उन्होंने ग्वालियर में कांग्रेस के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 2001 में उनके निधन ने कांग्रेस को भारी झटका दिया.

माधवराव की बहन यशोधराराजे सिंधिया ने 2007 के उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल करके सिंधिया परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया. उन्होंने ग्वालियर में बीजेपी को मजबूत बनाने का काम किया.

साल विजयी उम्मीदवार​ पार्टी
1952 V. G. Deshpande / Narayan Khare Hindu Mahsabha
1957 Suraj Prasad Congress
1962 Vijaya Raje Scindia Congress
1967 Ram Awtar Sharma Jana Sangh
1971 Atal Bijar Vajpayee Jana Sangh
1977 Narayan Shejwalkar Janta Party
1980 Narayan Shejwalkar Janta Party
1984 Madhavrao Scindia Congress 
1989 Madhavrao Scindia Congress
1991 Madhavrao Scindia Congress 
1996 Madhavrao Scindia Congress(MP Faction)
1998 Madhavrao Scindia Congress
1999 Jaibhan Singh Pavaiya BJP
2004 Ramsevak Singh BJP
2007/09 Yashodhara Raje Scindia BJP
2014 Narendra Singh Tomar BJP
2019 Vivek Shejwalkar BJP
2024    

माधवराव से पहले, उनकी मां विजयाराजे सिंधिया और उनके बाद फिर विजयाराजे सिंधिया चुनाव जीत गईं. इसका मतलब साफ है कि इस सीट पर भी सिंधिया परिवार की तीन पीढ़ियों ने काम किया. यह बता अलग है कि उन्होंने अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़ा और विजय हासिल की थी.

इसके बाद फिर 2014 में ग्वालियर से बीजेपी दिग्गज नरेंद्र सिंह तोमर विजयी हुए और फिर पिछले 2019 के चुनाव में विजय शेजवलकर जीते. इस बार देखना होगा कि ऊंट किस करवट बैठेगा.

2024 का समीकरण क्या है?
लोकसभा चुनाव 2024 में ग्वालियर सीट पर समीकरण काफी रोचक होने की उम्मीद है. यहां मुख्य रूप से बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला होगा. लेकिन इस बार अभी तक दोनों ने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं. देखना होगा कौन किसको उतारता है.

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