Amethi Raebareli Lok Sabha Chunav: यूपी की दो लोकसभा सीटों पर सस्पेंस सबसे ज्यादा है. न अमेठी से कैंडिडेट फाइनल हुए हैं और न रायबरेली से. अब 24 घंटे के भीतर कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवार फाइनल हो ही जाएंगे. राहुल गांधी और प्रियंका को लेकर ऊहापोह समझ में आता है लेकिन भाजपा ने अब तक रायबरेली से कैंडिडेट क्यों नहीं उतारा?
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Amit Shah Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के दो चरण पूरे हो चुके हैं लेकिन अमेठी और रायबरेली की जनता में कैंडिडेट को लेकर सस्पेंस बना हुआ है. अमेठी से हारे राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से सांसद चुने गए थे. इस बार वहां मतदान हो चुका है. सवाल यह है कि क्या वह अमेठी से भी पर्चा दाखिल करेंगे? अमेठी से रॉबर्ट वाड्रा भी चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर कर चुके हैं. दूसरी तरफ, क्या गांधी परिवार की पारंपरिक सीट रायबरेली से प्रियंका गांधी चुनाव लड़ने वाली हैं? सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने के बाद कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं. आज दोनों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस अपने उम्मीदवार की घोषणा कर सकती है. हालांकि दिलचस्प यह है कि रायबरेली से अब तक भाजपा ने भी कैंडिडेट घोषित नहीं किया है. गृह मंत्री अमित शाह ने अब इसका जवाब दिया.
रायबरेली से भाजपा के पास 3 नाम
एक इंटरव्यू में शाह ने अपनी रणनीति सामने रखी. उन्होंने कहा कि रायबरेली में हमने तय किया है कि कांग्रेस का कैंडिडेट घोषित होने के बाद हम फैसला लेंगे. हमारे पास 3 कैंडिडेट्स हैं. जैसे ही वे घोषणा करते हैं, हम अपना उम्मीदवार घोषित कर देंगे. आगे उन्होंने तंज कसा कि वे ऐसा कैंडिडेट ढूंढ रहे हैं जो हारने के लिए तैयार हो.
दूसरे फेज के चुनाव के बाद उन्होंने 100 से ज्यादा लोकसभा सीटें जीतने का दावा किया. मतदान प्रतिशत घटने से चुनाव आयोग भी चिंतित था, हालांकि शाह ने दावा किया कि कांग्रेस को जमीनी हकीकत पता ही नहीं है. उसके सपोर्टर वोट करने के लिए बाहर ही नहीं निकले.
चुनाव में ध्रुवीकरण?
इस चुनाव में एक तरफ मंगलसूत्र और घुसपैठियों की चर्चा है तो दूसरी तरफ वोट जिहाद चर्चा में आ गया है. क्या लोकसभा चुनाव में ध्रुवीकरण हो रहा है? इस सवाल पर शाह ने कहा कि आप कौन सा मुद्दा उठाते हैं, यह आप पर है लेकिन यह चुनाव 3 करोड़ गरीबों को घर देने, 70 साल से अधिक उम्र के लोगों को 5 लाख का इंश्योरेंस देने, अगले पांच साल गरीबों को मुफ्त राशन देने का चुनाव है. भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की जरूरत है, एक देश- एक चुनाव के साथ ही समान नागरिक संहिता जरूरी है. हालांकि मीडिया क्रिएटिव एजेंडे को पसंद नहीं करता है, वह विवादों पर ही बात करता है.
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