Baramati News: ननद को चुनें या भाभी बेहतर? पवार की फैमिली सीट बारामती में वोटर भी होंगे कन्फ्यूज!
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Baramati News: ननद को चुनें या भाभी बेहतर? पवार की फैमिली सीट बारामती में वोटर भी होंगे कन्फ्यूज!

Baramati Lok Sabha: महाराष्ट्र के पुणे जिले में बारामती एक शहर है. इसी नाम से लोकसभा सीट भी है. आज की पीढ़ी ने बारामती को शरद पवार के ही नाम से जाना है. हालांकि इस बार चुनाव में पवार और पवार के बीच फाइट देखने को मिल रही है. आज नामांकन के समय सुप्रिया सुले और सुनेत्रा पवार का खेमा शक्ति प्रदर्शन कर सकता है. 

Baramati News: ननद को चुनें या भाभी बेहतर? पवार की फैमिली सीट बारामती में वोटर भी होंगे कन्फ्यूज!

Maharashtra Politics: वैसे तो महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटों के लिए मुकाबला है लेकिन बारामती की चर्चा कुछ ज्यादा हो रही है. यहां पवार vs पवार का सीन बनने से लोग भी विशेष रुचि ले रहे हैं. डिप्टी सीएम अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार NCP उम्मीदवार हैं तो दूसरी तरफ एनसीपी (शरद पवार गुट) की तरफ से सुनेत्रा की ननद और मौजूदा सांसद सुप्रिया सुले चुनाव लड़ रही हैं. सुले NCP के संस्थापक शरद पवार की बेटी हैं. जब बात रिश्तों की होती है तो सुनेत्रा पवार कहती हैं कि नहीं, यह विचारधारा की लड़ाई है. आज सुनेत्रा और सुप्रिया दोनों अपना नामांकन दाखिल करने वाली हैं. 

नामांकन से पहले आज सुबह-सुबह महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार और उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार ने गणपति मंदिर में पूजा की. बाद में सुनेत्रा ने कहा कि आज मेरे लिए बड़ा दिन है. मैं फॉर्म भरने जा रही हूं. भगवान से प्रार्थना करने आई थी. 

बारामती में आज नामांकन के दौरान दोनों उम्मीदवारों का शक्ति प्रदर्शन देखने को मिल सकता है. सुनेत्रा पवार की तरफ से बीजेपी, शिंदे कैंप और एनसीपी कैंप के कई बड़े नेता दिखाई दे सकते हैं. वहीं, सुप्रिया सुले के साथ भी शरद पवार और उनके सहयोगी पार्टियों के नेता मौजूद रह सकते हैं. बारामती में 7 मई को चुनाव है.

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35 साल से पवार लेकिन पवार ही बंट गए

35 साल से बारामती में पवार परिवार का दबदबा है. हालांकि इस बार परिवार में ही फूट पड़ गई. शरद पवार यहां से 6 बार सांसद रहे. सुप्रिया को भी 3 बार सांसद बनने का मौका मिला. अजीत पवार यहां से सिर्फ एक बार सांसद बने. ऐसे में यहां पवार परिवार का प्रभाव समझा जा सकता है. कुछ वोटर अब भी कन्फ्यूज हैं क्योंकि एनसीपी के दो हिस्से हो चुके हैं. 

पिछले लोकसभा चुनाव में सुप्रिया सुले को 52 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि भाजपा की कंचन को 40 प्रतिशत वोटों से ही संतोष करना पड़ेगा. जातीय समीकरण की बात करें तो यहां मुस्लिम आबादी करीब 8 फीसदी है. अनुसूचित जाति के वोटर 12 प्रतिशत, एसटी 4 फीसदी हैं. पवार वोटर 70 हजार हैं. मराठी वोटर्स का दबदबा है. ब्राह्मण 80 हजार से ज्यादा हैं. 

फंड देंगे बटन दबाओ...

इस बीच, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बयान पर उद्धव ठाकरे के गुट वाली शिवसेना ने आपत्ति जताई है. पवार ने कह दिया कि वह विकास के लिए उदारतापूर्वक फंड देने के लिए तैयार हैं, बशर्ते लोग सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को वोट देते समय भी उदारता दिखाएं. हल्के-फुल्के अंदाज में बोल रहे एनसीपी नेता ने बाद में कहा कि वह केवल लोगों से गठबंधन के लिए वोट करने की अपील कर रहे थे. पवार के पास गठबंधन सरकार में वित्त विभाग है. उन्होंने वकीलों और व्यापारियों की एक सभा को संबोधित करते हुए फंड देने वाली बात कह दी. उन्होंने लोगों से कहा कि अगर EVM का बटन ज्यादा दबाएंगे तो मुझे फंड जारी करने में अच्छा लगेगा वरना मुझे भी खुद को सीमित करना होगा.

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