पिछले तीन लोकसभा चुनावों में 'सर' थे, इस बार 'मैडम' कहलाएंगी... इनकी कहानी बड़ी गजब है
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पिछले तीन लोकसभा चुनावों में 'सर' थे, इस बार 'मैडम' कहलाएंगी... इनकी कहानी बड़ी गजब है

Lok Sabha Chunav: गुजरात के एक अफसर ने 2020 में सेक्स चेंज सर्जरी कराई थी. एक महिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में यह उनका पहला लोकसभा चुनाव है.

पिछले तीन लोकसभा चुनावों में 'सर' थे, इस बार 'मैडम' कहलाएंगी... इनकी कहानी बड़ी गजब है

Lok Sabha Chunav 2024: एक निर्वाचन अधिकारी के रूप में निलेश महेता या यूं कहें कि बीजल महेता का यह चौथा लोकसभा चुनाव है. गुजरात सरकार के इस अधिकारी ने 2009 के बाद हुए हर लोकसभा चुनाव में मतदान कराया है. इससे पहले के तीन लोकसभा चुनावों में, जब वह जाते थे तो उन्हें 'सर' कहकर पुकारा जाता था. 2020 में उन्होंने सर्जरी के जरिए लिंग परिवर्तन करा लिया और महिला बन गए. एक महिला अधिकारी के रूप में 2024 के लोकसभा चुनाव उनके लिए पहले होंगे. अब उन्हें पोलिंग बूथ पर 'मैडम' कहा जाएगा. फिलहाल महेता की पोस्टिंग वडोदरा में डिप्टी मामलातदार (राजस्व अधिकारी) के पद पर है. वह वडोदरा कलेक्ट्रेट की चुनाव शाखा में तैनात हैं. उनके सिर पर नामांकन, कानून एवं व्यवस्था, संवेदनशील पोलिंग बूथ, वेबकास्टिंग और अन्य जिम्मेदारियां हैं. पहले उनकी पोस्टिंग पोरबंदर में  थी लेकिन इलाज के फॉलो-अप की वजह से उन्हें वडोदरा शिफ्ट होना पड़ा. महेता ने बताया, 'मैं इलाज के लिए अक्सर वडोदरा और अहमदाबाद आती थी, इसलिए वडोदरा शिफ्ट हो जाना सुविधाजनक रहा.'

महेता के साथ वडोदरा कलेक्ट्रेट की चुनाव शाखा में कुल छह अधिकारी हैं. उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि टीम ने उनका बड़ा साथ दिया है. महेता ने कहा, 'मैं एक महिला के रूप में अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए उत्साहित हूं. यहां मेरे साथ मेरे परिवार की तरह हैं और मुझे सहज रहने दिया है.' 

लंबी काउंसलिंग के बाद कराई सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी

2020 में सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी से पहले, महेता को चार साल तक काउंसलिंग और थेरेपी से गुजरना पड़ा. वह कक्षा 9 से अपनी जेंडर आइडेंटिटी को लेकर जूझ रही थीं. उन्होंने कहा, 'उस वक्त मेरे लिए किसी से कुछ भी कहना बड़ा मुश्किल था. 2012 के आसपास जाकर मैंने तय किया कि मैं एक महिला बनना चाहती हूं.'

सर्जरी के बाद महेता को लगा कि कहीं उनकी नौकरी न चली जाए. दूसरे राज्यों में ऐसा करने वालों को दिक्कतों के बारे में उन्होंने सुन रखा था. उन्होंने कहा, 'दूसरे राज्यों में सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी कराने वालों में से कुछ को अदालत तक जाना पड़ा. ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2020 ने मुझे बचाया और तब मैंने सर्जरी कराने का फैसला किया.'

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एक पुरुष के रूप में, निलेश परिवार के दबाव में आकर दो शदियां कर चुके थे. वे नाकाम रहीं. बीजल का मन भी शादी करने का है लेकिन वे समझती हैं कि पहले की शादियों में जो हुआ, उसके बाद इसमें  मुश्किल आएगी.

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