PM Modi On Congress: सीनियर वकीलों की तरफ से भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को लिखी चिट्ठी वाले मामले में पीएम मोदी का भी बयान आया है. पीएम ने इस चिट्ठी का समर्थन करते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि दूसरों को डराना धमकाना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति है.
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Lawyers Letter To CJI: पिछले काफी समय से सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णय चर्चा में रहे हैं. कुछ निर्णय सत्ता पक्ष को पसंद आए हैं जबकि कुछ निर्णय विपक्ष को पसंद आए हैं. इसी बीच हाल ही में सुप्रीम कोर्ट और देश के 600 से ज्यादा सीनियर वकीलों ने भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को चिट्ठी लिखकर कहा है कि न्यायपालिका खतरे में है और इसे राजनीतिक और व्यवसायिक दबाव से बचाना होगा. अब इस मामले में पीएम मोदी ने भी अपनी बात रखते हुए कांग्रेस पर निशाना साध दिया है. पीएम ने इस चिट्ठी का समर्थन करते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि दूसरों को डराना धमकाना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति है.
असल में इस चिट्ठी को शेयर करते हुए पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि दूसरों को डराना धमकाना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति है. करीब 50 साल पहले उन्होंने बेहतर न्यायपालिका की बात कही थी. वे बेशर्मी से अपने स्वार्थों के लिए दूसरों से प्रतिबद्धता चाहते हैं लेकिन राष्ट्र के प्रति किसी भी प्रतिबद्धता से बचते हैं. कोई आश्चर्य नहीं कि 140 करोड़ भारतीय उन्हें अस्वीकार कर रहे हैं.
To browbeat and bully others is vintage Congress culture.
5 decades ago itself they had called for a "committed judiciary" - they shamelessly want commitment from others for their selfish interests but desist from any commitment towards the nation.
No wonder 140 crore Indians… https://t.co/dgLjuYONHH
— Narendra Modi (@narendramodi) March 28, 2024
सीनियर वकीलों की चीफ जस्टिस को चिट्ठी..
यह पूरा मामला ऐसा है कि देश के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे समेत 600 से ज्यादा सीनियर वकीलों ने भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को चिट्ठी लिखा है. इनमें हरीश साल्वे के अलावा चेतन मित्तल, पिंकी आनंद, हितेश जैन, मनन कुमार मिश्रा, आदिश अग्रवाल, उज्ज्वला पवार, उदय होल्ला और स्वरूपमा चतुर्वेदी भी हैं. चिट्ठी में न्यायपालिका पर खास समूह के दबाव को लेकर और न्यायपालिका की अखंडता को कम दिखाने की कोशिशों पर भी चिंता व्यक्त की गई है.
कांग्रेस और विपक्ष से जुड़े वकीलों पर निशाना..
इतना ही नहीं चिट्ठी में यह भी कहा गया कि न्यायपालिका खतरे में है और इसे राजनीतिक और व्यवसायिक दबाव से बचाना होगा. चिट्ठी में बिना नाम लिए वकीलों के एक ग्रुप पर निशाना साधा गया है. इसमें आरोप लगाया गया है कि वे दिन में नेताओं का बचाव करते हैं और फिर रात में मीडिया के जरिए जजों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं. जानकारों का कहना है कि इस चिट्ठी में उन वकीलों पर निशाना साधा गया है जो कांग्रेस और विपक्ष से जुड़े हैं और उनके नेताओं की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में उनका पक्ष रखते हैं.