Rewa Seat Lok Sabha Election 2024: रीवा सीट से बीजेपी के जनार्दन मिश्रा ने हासिल की जीत
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Rewa Seat Lok Sabha Election 2024: रीवा सीट से बीजेपी के जनार्दन मिश्रा ने हासिल की जीत

Rewa Loksabha Seat Elections News: रीवा सीट पर पहला चुनाव 1957 में हुआ था. यह एमपी की उन चंद सीटों में से एक है जिस पर किसी एक पार्टी का दबदबा नहीं रहा है. रीवा लोकसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी का भी अच्छा खासा प्रभाव रहा है.

Rewa Seat Lok Sabha Election 2024: रीवा सीट से बीजेपी के जनार्दन मिश्रा ने हासिल की जीत

Rewa Loksabha Seat Chunav 2024: रीवा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, मध्य प्रदेश के 29 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक, 1951 में अस्तित्व में आया. विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है. रीवा, टोंस, बीहड़ और बिछिया नदियों के बीच स्थित यह क्षेत्र उत्तर प्रदेश से अपनी सीमा साझा करता है.

यहां के जंगलों में सफेद बाघों का निवास स्थान है, और कई जगहों पर गिरते झरने इस क्षेत्र की सुंदरता को और बढ़ाते हैं. जिले के ताला नामक जंगल में स्थित बांधवगढ़ का ऐतिहासिक किला यहाँ का महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्र है.

विंध्य की गोद में बसा प्राकृतिक सौंदर्य का खजाना
रीवा में प्रकृति प्रेमियों के लिए बहुत कुछ है. घने जंगल, शांत झीलें, ऊंचे पहाड़ और प्राचीन मंदिर इस क्षेत्र को आकर्षक बनाते हैं. 1957 में हुए पहले आम चुनाव में कांग्रेस ने यहां जीत का परचम लहराया और 1962 और 1967 में भी अपना कब्जा बरकरार रखा. 1977 में भारतीय लोकदल ने यहां जीत हासिल की, जबकि 1980 में महाराजा मार्तंड सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विजयी हुए. 

बसपा ने सफलता का स्वाद चखा..
1984 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता और अपना राज जारी रखा. 1989 में जनता पार्टी ने यहां जीत हासिल की, जिसके बाद 1991 में बसपा ने सफलता का स्वाद चखा. 1996 में बसपा ने फिर से जीत हासिल की, लेकिन 1998 में, बीजेपी ने चंद्रमणि त्रिपाठी के नेतृत्व में यहां जीत हासिल की.

1999 में कांग्रेस ने यहां जीत हासिल की, लेकिन 2004 में, बीजेपी ने चंद्रमणि त्रिपाठी के नेतृत्व में वापसी की. 2009 में कांग्रेस ने फिर से जीत हासिल की, लेकिन 2014 में जनार्दन मिश्रा ने, बीजेपी के लिए जीत हासिल की.

रीवा लोकसभा में आठ विधानसभा सीटें
रीवा लोकसभा सीट में आठ विधानसभा सीटे हैं. सिरमौर, सेमरिया, त्योंथर, मऊगंज, देवतालाब, मनगवां, रीवा और गुढ़. रीवा लोकसभा सीट पर कांग्रेस को 6 बार, बसपा को 3 बार और बीजेपी को 4 बार जीत मिली है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही इस सीट पर ब्राह्मण चेहरे पर दांव खेलते आए हैं. बीजेपी यहां तीनों बार ब्राह्मण चेहरे के दम पर ही चुनाव जीत पाई है.

रीवा के महाराजा को ही मिली थी हार, दृष्टिहीन यमुना प्रसाद शास्त्री ने हराया था
इस सीट के कई किस्से हैं. इनमें से एक यह भी कि यमुना प्रसाद शास्त्री जो दृष्टिहीन थे, गोवा मुक्ति आंदोलन में पुर्तगालियों ने उन्हें काफी नुक्सान पहुँचाया था. लेकिन वे गोवा की आजादी के लिए डटे रहे. वे 1977 के लोकसभा चुनाव में भारतीय लोकदल पार्टी के टिकट पर रीवा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़े. विपक्षी उम्मीदवार के रूप में मैदान में थे रीवा रियासत के महाराजा मार्तण्ड सिंह थे और निर्दलीय थे. उन्हें यमुना प्रसाद शास्त्री ने हरा दिया था. 

जब पीएम नेहरू के रसोइए ने जीत लिया था चुनाव
मध्य प्रदेश की रीवा लोकसभा सीट से दूसरे लोकसभा चुनाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उनके स्टाफ में रसोइया रहे शिवदत्त उपाध्याय को रीवा लोकसभा सीट से कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया था. शिवदत्त चुनाव जीत गए. इतना ही नहीं वे अगले चुनाव 1962 में भी विजयी हुए. 

रीवा सीट का चुनाव इतिहास भी जान लीजिए...
1952- राजभान तिवारी, कांग्रेस
1957 व 1962- शिवदत्त उपाध्याय कांग्रेस
1967- शंभूनाथ शुक्ला कांग्रेस,
1971- मार्तण्ड सिंह जूदेव निर्दलीय
1977 यमुना प्रसाद शास्त्री भारतीय लोकदल
1980 मार्तण्ड सिंह जूदेव निर्दलीय
1984 मार्तण्ड सिंह जूदेव कांग्रेस
1989 यमुना प्रसाद शास्त्री जनता पार्टी
1991 भीम सिंह पटेल बसपा
1996 बुद्धसेन पटेल बसपा
1998 चंद्रमणि त्रिपाठी, बीजेपी
1999 सुंदरलाल तिवारी कांग्रेस
2004 चंद्रमणि त्रिपाठी, बीजेपी
2009 देवराज सिंह पटेल बसपा
2014 जनार्दन मिश्रा, बीजेपी
2019 जनार्दन मिश्रा, बीजेपी

Candidates in 2024 Party Votes Result
  BJP    
  Congress    
       
       

2024 का समीकरण क्या है?
लोकसभा चुनाव 2024 में रीवा सीट पर समीकरण काफी रोचक होने की उम्मीद है. यहां मुख्य रूप से बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला होना था लेकिन इस बार देखना होगा कि क्या परिणाम आएगा. 

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