Robert Vadra Interview: जो कोई छोटा सा मेनिफेस्टो है, उस पर फोकस नहीं करना चाहिए; रॉबर्ट वाड्रा ने ये क्‍या कह दिया
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Robert Vadra Interview: जो कोई छोटा सा मेनिफेस्टो है, उस पर फोकस नहीं करना चाहिए; रॉबर्ट वाड्रा ने ये क्‍या कह दिया

Robert Vadra Interview: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा ने राजनीति में आने, अमेठी से चुनाव लड़ने, कांग्रेस नेताओं के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं होने और फ्रीबीज समेत कई मुद्दों पर जवाब दिया है.

Robert Vadra Interview: जो कोई छोटा सा मेनिफेस्टो है, उस पर फोकस नहीं करना चाहिए; रॉबर्ट वाड्रा ने ये क्‍या कह दिया

Lok Sabha Chunav 2024 Amethi: लोकसभा चुनाव के लिए तीसरे चरण का नामांकन शुरू होने वाला है. इस बीच सबसे ज्यादा चर्चा अमेठी लोकसभा सीट (Amethi Lok Sabha Seat) को लेकर है. अमेठी को लेकर सबसे बड़ा सवाल ये है कि कांग्रेस की तरफ से चुनाव कौन लड़ेगा. रॉबर्ट वाड्रा से लेकर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) तक के नाम की चर्चा है. अब इस पर रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra Interview) ने खुद जवाब दिया है. इसके अलावा उन्होंने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस नेताओं द्वारा निमंत्रण स्वीकार नहीं करने से लेकर फ्रीबीज और अन्य मुद्दों पर जवाब दिया है.

क्या अमेठी से चुनाव लड़ेंगे रॉबर्ट वाड्रा?

रॉबर्ट वाड्रा ने न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में अमेठी से चुनाव लड़ने के सवाल के जवाब में कहा कि केवल अमेठी ही नहीं पूरे देश से राजनीतिक पुकार आ रही है कि मैं सक्रिय राजनीति में आऊं. अमेठी से बात ज्यादा इसलिए उठ रही है, क्योंकि मैंने 1999 से वहां लोगों के बीच प्रचार किया और वहां पोस्टर भी लगने शुरू हुए. अब दूसरी जगह भी पोस्टर लग रहे हैं, क्योंकि सबको लग रहा है कि आप हमारी तरफ से आइए, हमारे क्षेत्र से आइए क्योंकि हमने आपकी मेहनत देखी है. आप गांधी परिवार के सदस्य हैं, उन्होंने देखा है कि गांधी परिवार ने इस देश के लिए कितना किया है, करते आए हैं और करते रहेंगे.

रॉबर्ट वाड्रा ने आगे कहा कि लोगों को लगा कि अगर इस चुनाव में मैं अमेठी से लडूं तो वहां जो उन्होंने गलतियां की हैं. स्मृति ईरानी को सांसद बनाने की जो भूल चूक हुई है. उससे वो आगे बढ़ेंगे और मुझे भारी बहुमत से जिताएंगे. लेकिन, मैं किसी को चुनौती देने के लिए नहीं लडूंगा. हालांकि, स्मृति ईरानी ने संसद में मेरे नाम का गलत इस्तेमाल किया और बेबुनियाद आरोप लगाए. वह महिला हैं, मैं उनका आदर करता हूं पर अगर कोई भी ऐसे आरोप लगाते हैं तो साबित करना बहुत जरूरी है. वाड्रा ने आगे कहा कि अमेठी के लोगों को लगा कि अगर मैं राजनीति में आता हूं तो मैं उन्हें उन्हीं के लेवल पर जवाब दे पाऊंगा. मेरी मेहनत जारी है और आगे अगर लोगों को लगेगा कि मैं बदलाव ला सकता हूं और कांग्रेस को लगेगा कि मुझे आना चाहिए, परिवार का आशीर्वाद रहेगा तो मैं जरूर सक्रिय राजनीति में आऊंगा.

मेनिफेस्टो पर इतना जोर देने से उन्हें लाभ नहीं होगा: वाड्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस के घोषणापत्र (Congress Manifesto 2024) में मुस्लिम लीग की छाप वाले बयान पर रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि आप किसी के घोषणापत्र पर कुछ भी कहोगे, लेकिन अब लोग प्रगति की ओर देख रहे हैं. लोग चाहते हैं कि जो लीडर हैं, वो प्रगति की बात करें, जो मुश्किलें हैं, उसके सुधार की बात करें. जो कोई छोटा सा मेनिफेस्टो है, जो भी मेनिफेस्टो है, हमें उस पर ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहिए. मेनिफेस्टो पर इतना जोर देने से उन्हें लाभ नहीं होने वाला.

फ्रीबीज के सवाल पर रॉबर्ट वाड्रा का जवाब

फ्रीबीज के सवाल पर रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि अगर आप खाली इलेक्शन से पहले इन चीजों का जिक्र करेंगे, उसी एरिया में जाएंगे जहां इलेक्शन है, वहां 10 हजार करोड़, 15 हजार करोड़ जैसी बड़ी घोषणाएं करेंगे. फिर जब असल में जमीन पर कुछ दिखाई नहीं देगा या पता नहीं चलेगा तो इससे क्या फायदा.
उन्होंने आगे कहा कि अगर आप सर्वे करोगे कि असल में काम हुआ है? लोगों को खुशी हुई? उनको काम मिला है? क्यों बेरोजगारी का प्रतिशत बढ़ता जा रहा है? असल में जो घोषणा हुई है उस पर काम हो भी रहा है या नहीं या ये खाली बातें हैं.

उन्होंने कहा कि गरीबी बढ़ रही है, उसके ऊपर ध्यान देना बहुत जरूरी है. इसलिए लोगों को लगता है कि अगर मैं सक्रिय राजनीति में आता हूं तो लोगों को भरोसा है कि मैं जो काम कर रहा हूं, वह बड़े पैमाने पर कर पाऊंगा. सरकार के फिट इंडिया मूवमेंट को लेकर उन्होंने कहा कि अगर फिट इंडिया की बात करें तो सिर्फ एक दिन नहीं, हर रोज उन्हें करके दिखाना पड़ेगा और अपने यूथ को अपने साथ रखना पड़ेगा. फिट बुलाने के लिए हर रोज मेहनत करनी होती है, सिर्फ एक दिन की मेहनत या योगा से नहीं होगा और जरूरी नहीं है किसी बॉलीवुड स्टार जैसे बनना है, अपनी मेहनत से बनो और वहां पहुंचो और इसके लिए बाहर से ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत बनना जरूरी है.

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस नेताओं के ना जाने पर वाड्रा का जवाब

जब रॉबर्ट वाड्रा से राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कांग्रेस नेताओं द्वारा निमंत्रण स्वीकार नहीं करने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक सेक्युलर पार्टी है और हर मजहब का सम्मान करती है. रॉबर्ट वाड्रा ने आगे कहा कि मुझे यही लगता है कि कांग्रेस धर्म की राजनीति से दूर रहती है. ऐसे में कांग्रेस के नेता नहीं चाहते हैं कि देश टूटे. वाड्रा ने आगे कहा कि जब लोग मुश्किल में होते हैं तो वो भगवान के पास जाते हैं. अगर उनको बांटा जाएगा कि आपको मंदिर आना है या मस्जिद आना है या गुरुद्वारे आना है तो ये गलत होगा.

क्या राहुल गांधी बनेंगे पीएम उम्मीदवार?

रॉबर्ट वाड्रा ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में देखने के सवाल पर कहा कि इंडिया गठबंधन जो भी चाहेगा, साथ ही देश के लोग जो चाहते हैं, वही प्रधानमंत्री बनेगा. लेकिन, इसके साथ ही वह यह भी कह गए कि राहुल में बहुत समझदारी है. उन्होंने अपनी दादी से, पिता जी से, सोनिया जी से बहुत सीखा है तो वो जरूर उसके लायक हैं. उन्होंने राहुल गांधी को लेकर कहा कि अगर वह प्रधानमंत्री बनते हैं तो देश में जरूर प्रगति होगी और देश में जो सांप्रदायिक तनाव है, ये दूर होगा. कांग्रेस से बड़े नेताओं के मोहभंग होने के सवाल पर रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि मुझे लगता है कि जो भी नेता छोड़कर जा रहे हैं या तो उनमें मेहनत करने की क्षमता नहीं है या कोई लालच देकर उनको खींचा जा रहा है या जो मंत्री पद उनको मिलता है, वो अगर मंत्री नहीं है तो उससे उनको परेशानी है. ऐसे नेताओं को बस टिकट चाहिए या पद चाहिए तभी उस पार्टी में रहेंगे.

इंडिया गठबंधन की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर राहुल गांधी को पेश नहीं किए जाने के सवाल के जवाब में रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि लोग उनको चाहते हैं और उनकी मेहनत को समझ रहे हैं. कोई भी ऐसा नेता नहीं होगा जो कन्याकुमारी से कश्मीर तक पहुंचे हैं, फिर उन्होंने न्याय यात्रा भी की, जिसे पूरे देश ने देखा कि कितनी मेहनत की और मैं खुद उनके साथ उनकी यात्रा में था. जहां मैंने देखा कि लोग बहुत ही प्रेम से उनसे मिले. उनकी मुश्किलों को राहुल ने समझा और ये एक प्रचार नहीं था, ये लोगों से मिलने की जरूरत उनको लगी और उन्होंने मेहनत की लोगों से मिले और उनके दुख-दर्द को समझा. वो जरूर अपनी मेहनत से देश में आगे प्रगति लाएंगे. जो गठबंधन बना है, बहुत ही समझदार लोगों के साथ बना है. यही गठबंधन है, जिससे मुझे लगता है कि देश में जो बदलाव की जरूरत है, वो लेकर आएंगे और ये मेरा खुद का अनुभव है. मैं कोई इंडिया गठबंधन का प्रवक्ता नहीं हूं लेकिन, ये मेरा अनुभव है. मैं बहुत लोगों से मिलता हूं दफ्तर के बाहर और घर के बाहर बहुत सारे लोग आते हैं और वो अपने दर्द और मुश्किलें बताते हैं, तो उससे मेरा अनुभव है कि लोगों को बदलाव चाहिए.

क्या राहुल गांधी अमेठी या रायबरेली से लड़ेंगे चुनाव?

राहुल गांधी के वायनाड के साथ अमेठी या रायबरेली से चुनाव लड़ने को लेकर पूछे गए सवाल पर रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी को लगेगा कि मैं सक्षम हूं या बदलाव ला सकता हूं, जो लोग चाहते हैं और देखते हैं कि जहां भी मैं रहूंगा जिस भी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करूंगा, उसमें बदलाव रहेगा और जरूर एक सेक्युलर एरिया रहेगा. जो बेरोजगारी के मुद्दे हैं, महिला सुरक्षा या जब भी कोई ऐसा मुद्दा आता है देश में, तो मैं जरूर लोगों के बीच जाकर उनकी आवाज बुलंद करता हूं. अपने सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचता हूं या अपने धार्मिक दौरे या चैरिटी के दौरे जो देशभर में करता हूं, उसमें जाकर लोगों से मिलता हूं.

ऐसे में उन्होंने कहा कि अगर राहुल को लगेगा कि वायनाड के बाद उनको अमेठी से आना चाहिए तो मैं उनको मुबारकबाद देता हूं और खुश होता हूं कि वो एक बार फिर अमेठी से सांसद बनें, मैं उनके साथ प्रचार में रहूंगा और अमेठी क्या पूरे देशभर में रहूंगा. अगर जरूरत पड़ेगी तो मैं बहुत खुश हूं, अगर वो रहेंगे. यही नहीं कि इस चुनाव में, आगे भी बहुत चुनाव आएंगे. मुझे राजनीति में रहने की नहीं लोगों के बीच में रहने की जरूरत है. अगर कभी राहुल या प्रियंका से नहीं मिल पाते हैं तो वो लोग मुझसे मिलते हैं, अपनी बात रखते हैं और मैं अपने परिवार से जिक्र करता हूं, उनके बारे में. ऐसे में जो भी है, परिवार का सदस्य होने के नाते मैं जरूर मेहनत करता हूं, लोगों से मिलता हूं और उनकी बात आगे तक ले जाता हूं.

रायबरेली से कांग्रेस की ओर से कौन लड़ेगा चुनाव?

रॉबर्ट वाड्रा से जब पूछा गया कि कांग्रेस ने रायबरेली में बहुत मेहनत भी की है बहुत लंबे समय तक, तो आपको क्या लगता है कि वहां से कौन आ सकता है?
इससे जवाब में उन्होंने कहा कि वहां के लोग बहुत खुश हैं गांधी परिवार से, रायबरेली कई बार मैं गया हूं. सोनिया जी बहुत मेहनती हैं, लेकिन उनकी एक उम्र है, अब और उनको लग रहा है कि कोई और वहां से उनकी जगह उतनी ही मेहनत करे. उस लायक जो भी होगा वो रायबरेली को रिप्रेजेंट करेगा और वहां मेहनत उतनी ही करेगा. राहुल और प्रियंका भी देखेंगे कि रायबरेली में कैसा माहौल है, क्या जरूरतें हैं और उनकी जरूरतें पूरी करेंगे. जो भी होगा पूरे परिवार की मेहनत उतनी ही रहेगी, देखने के लिए कि रायबरेली और अमेठी और प्रगति करें. अगर स्मृति ईरानी या जो भी हैं, वो नहीं कर पा रहे तो पूरा परिवार लगेगा मेहनत करने में और देखेंगे कि वहां के लोग खुश रहें और सेक्युलर रहें.

क्या घर पर होती है पार्टी और राजनीति की बात?

पार्टी की राजनीति में कोई भी परेशानी आती होगी तो क्या आपस में कुछ सलाह या मशवरा होता है? इसके जवाब में रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि हम कोशिश करते हैं कि अपने घर पर ज्यादातर राजनीतिक बात न करें, लेकिन अगर कोई मुश्किल होगी तो मैं, मेरे बच्चे बात करते हैं. क्योंकि, हम प्रियंका की मेहनत को समझते हैं. राहुल गांधी की मेहनत रहती है, लेकिन हम ज्यादातर ये नहीं कहते कि क्या सही और क्या गलत है, क्योंकि उन्हें समझ है कि कांग्रेस पार्टी की विचारधारा क्या है, नेताओं की क्या सोच है तो उसमें हम बस अपनी सीमा पार नहीं करते हैं.

जहां प्रियंका गांधी की बात आती है राजनीति में तो आप किस तरह से सपोर्ट करते हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मैं हमेशा राजनीति से दूर रहा हूं और कुछ साल से मुझ पर अलग-अलग पार्टियों ने बेबुनियाद आरोप लगाए और उसका जवाब देने के लिए मुझे राजनीतिक तौर तरीके अपनाने पड़े. मैंने 10 साल में काफी सीखा है, अपनी मेहनत से सीखा है. मैंने राहुल, सोनिया जी और प्रियंका के साथ भी मेहनत की है और मैंने देखा है कि इस परिवार ने अपने प्यारों को खोया. इस देश के लिए तो मैं अपनी राय रखता हूं पर दखलंदाजी नहीं करता हूं, मैं मतलब समझता हूं कि मेरी एक सीमा है, उसको मैं पार नहीं करता हूं.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस)

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