Sagar Seat Lok Sabha Election 2024: बीजेपी का एक और मजबूत किला, इस बार भी कांग्रेस नहीं दे पाई टक्कर
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Sagar Seat Lok Sabha Election 2024: बीजेपी का एक और मजबूत किला, इस बार भी कांग्रेस नहीं दे पाई टक्कर

Sagar Loksabha Seat Elections News 2024: यहां भी 1951 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ था. पिछले 6 चुनावों से बीजेपी का ही यहां कब्जा है. कांग्रेस को आखिरी बार इस सीट पर जीत 1991 में मिली थी.

Sagar Seat Lok Sabha Election 2024: बीजेपी का एक और मजबूत किला, इस बार भी कांग्रेस नहीं दे पाई टक्कर

Sagar Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश की सागर लोकसभा सीट भी कांग्रेस के लिए स्वप्न हो गई है. इस पर बीजेपी का एकछत्र राज पिछले करीब तीन दशकों से चल रहा है. सागर लोकसभा सीट पर पहला चुनाव 1951 में हुआ था. इस चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार सोढिया खूबचंद ने जीत हासिल की थी. उन्होंने जनसंघ के चिंतामनरॉव को 50 हजार से भी ज्यादा वोटों से हराया था.

1951-2004: 1951 के चुनाव में यह सीट सामान्य वर्ग के लिए थी. 1957 के चुनाव में यह सीट अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हो गई. 1962 में यह सीट एक बार फिर सामान्य वर्ग के लिए हो गई. 1967 से 2004 तक यह सीट एससी के लिए आरक्षित रही.

2009-वर्तमान: 2009 में परिसीमन के बाद यह सीट एक बार फिर सामान्य वर्ग के लिए हो गई.

आखिरी बार 1991 में जीती थी कांग्रेस
कांग्रेस को आखिरी बार इस सीट पर जीत 1991 में मिली थी. तब कांग्रेस के आनंद अहीरवार ने बीचेपी के राम प्रसाद अहीरवार को हराया था. इस समय भी इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. बीजेपी के राजबहादुर सिंह यहां के सांसद हैं. राजबहादुर सिंह इससे पहले पार्षद रहे. वे दो बार सागर नगर निगम में पार्षद रहे. पार्षद के साथ ही नगर निगम अध्यक्ष रहते हुए उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने का टिकट मिला और वे जीते भी.

विधानसभा चुनाव हारने वाले यहां से जीत गए चुनाव
2009 में भूपेंद्र सिंह ने सागर लोकसभा सीट से चुनाव जीता था, लेकिन कुछ महीने पहले दिसंबर 2008 में खुरई विधानसभा सीट से हार गए थे. इसके बाद उन्हें लोकसभा चुनाव का टिकट मिला और वे वहां भी जीत गए. उन्होंने 2013 में फिर से खुरई विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ा और विधायक बने. इसके बाद उन्होंने लगातार तीन बार से विधायक होने का गर्व किया. वे मंत्री भी रहे हैं.

सबसे ज्यादा वीरेंद्र खटीक चार बार रहे सांसद
वीरेंद्र खटीक, जो सागर का निवासी हैं, चार बार सागर लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं. 2009 के बाद, उन्हें टीकमगढ़ लोकसभा क्षेत्र से भी सांसद बनाया गया है. वर्तमान में, वे केंद्रीय राज्य मंत्री भी हैं.

जातिगत समीकरण भी समझ लीजिए.. 
सागर लोकसभा सीट की 72.01 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र और 27.99 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है, 22.35 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति वर्ग से आती है, जबकि  5.51 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) वर्ग की है

कैसे बदल गया यहां जातिगत समीकरण
1967 में, सागर लोकसभा क्षेत्र में एससी वर्ग के लिए आरक्षित रहने के कारण, यहां के जातिगत समीकरण में परिवर्तन हुआ. इसके कारण, ज्वाला प्रसाद ज्योतिषी को सागर से विधानसभा का चुनाव लड़ना पड़ा, और वह दो बार विधायक भी निर्वाचित हुए. 2009 में परिसीमन के बाद, यह सीट फिर से अनारक्षित घोषित हुई, और इसके बाद के तीन सांसद ओबीसी वर्ग से आते हैं.

बुंदेलखंड अंचल का केंद्रबिंदु
सागर लोकसभा सीट राज्य में बुंदेलखंड अंचल का केंद्र मानी जाती है. सागर लोकसभा सीट पर अब तक कुल 17 आम चुनाव हो चुके हैं, जिनमें से बीजेपी अब तक 8 लोकसभा चुनाव जीत चुकी है, जबकि कांग्रेस ने 7 बार जीत हासिल की है, इसके अलावा जनसंघ और भारतीय लोकदल को भी इस सीट पर एक-एक बार जीत मिली मिली थी. 

साल विजयी उम्मीदवार​ पार्टी
1952 Khubchand Sodia Congress
1957 Jawala Prasad Jyotishi Congress
1962 Jawala Prasad Jyotishi Congress
1967 Ramsingh Ayarwal Jan Sangh
1971 Sahodrabai Rai Congress
1977 Narmada Prasad Rai Janta Party
1980 Sahodrabai Rai (RP Ahirwar 1981 BJP-By Election) Congress (I)
1984 Nandlal Choudhary Congress 
1989 Shanker Lal Khatique BJP
1991 Anand Ahirwar Congress 
1996 Virendra Khatik BJP
1998 Virendra Khatik BJP
1999 Virendra Khatik BJP
2004 Virendra Khatik BJP
2009 Bhupendra Singh BJP
2014 Laxmi Narayan Yadav BJP
2019 Rajbahadur Singh BJP
2024    

2024 का समीकरण क्या है?
अब चूंकि लंबे समय से यहां बीजेपी जीत रही है और मौजूदा सांसद राजबहादुर सिंह का टिकट बीजेपी ने काट दिया है. उनकी जगह सागर लोकसभा सीट से लता वानखेड़े को सांसद प्रत्याशी बनाया गया है. 54 वर्षीय लता वानखेड़े पोस्ट ग्रेजुएट हैं. वे महिला सम्मान और उत्थान की दिशा में कार्य करती रही हैं. कई सामाजिक संगठनों से जुड़कर वे काम कर रही हैं. इतना ही नहीं वे कई पदों पर रही हैं. मध्य प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष रही हैं और कई बार सरपंच भी रही हैं. अब देखना होगा कि कांग्रेस किसको यहां से उतारती है.

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