Supaul Lok Sabha Chunav Result 2024: सुपौल में चला जदयू का तीर, दिलेश्वर ने 595038 वोट हासिल कर दर्ज की जीत
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Supaul Lok Sabha Chunav Result 2024: सुपौल में चला जदयू का तीर, दिलेश्वर ने 595038 वोट हासिल कर दर्ज की जीत

Supaul Lok Sabha Chunav Result 2024 News: प्राचीन काल में मिथिला राज्‍य का हिस्‍सा रहा सुपौल को जिले के तौर पर पहचान साल 1991 में ही मिली, लेकिन लोकसभा क्षेत्र के रूप में 2008 में हुए नए परिसीमन के बाद अस्तित्‍व में आया. लोकसभा चुनाव 2024 में तीसरे चरण में सात मई को मतदान किया जाएगा.

 Supaul Lok Sabha Chunav Result 2024: सुपौल में चला जदयू का तीर, दिलेश्वर ने 595038 वोट हासिल कर दर्ज की जीत

Supaul Lok Sabha Election 2024: बिहार की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीटों में एक सुपौल पूर्वी हिस्से में पड़ता है. बिहार में एनडीए की सीट शेयरिंग में सुपौल सीट इस बार भी जदयू के खाते में आई है. सुपौल से जदयू नेता दिलेश्‍वर कामत निवर्तमान सांसद हैं. प्राचीन काल में मिथिला राज्‍य का हिस्‍सा रहे सुपौल को जिले के तौर पर पहचान 1991 में ही मिली, लेकिन 2008 में हुए नए परिसीमन के बाद लोकसभा सीट के रूप में अस्तित्‍व में आया था. 

जदयू के दिलेश्‍वर कामत के सामने इंडी अलायंस की ओर से कौन

सुपौल लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस की दिग्गज नेता रंजीत रंजन चुनाव लड़ती रही हैं. हालांकि 2019 लोकसभा चुनाव में वो, दिलेश्वर कामत से हार गई थीं. वो कांग्रेस की राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता भी हैं और AICC की सचिव भी. लोकसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी ने उनका कद कम नहीं होने दिया और उन्‍हें छत्तीसगढ़ से राज्‍यसभा भेजा. इस बार जदयू के दिलेश्‍वर कामत के सामने इंडी अलायंस की ओर से किसे चुनावी रणभूमि में उतारा जाएगा, ये तय नहीं है. लोकसभा चुनाव 2024 में चुनाव आयोग के शेड्यूल के मुताबिक तीसरे चरण में सात मई को मतदान किया जाएगा.

सुपौल लोकसभा क्षेत्र में 2019 चुनाव का जनादेश 

लोकसभा चुनाव 2019 में सुपौल सीट पर जदयू के दिलेश्वर कामत ने जीत दर्ज की. सुपौल में 65.72 फीसदी वोटिंग हुई थी. कुल 11,10,966 वोट पड़े थे. दिलेश्वर कामत ने कांग्रेस की दिग्गज नेता रंजीत रंजन को 2,66,853  वोटों से हराया था. जदयू के नेता दिलेश्वर कामत को 5,97,377 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस की उम्मीदवार रंजीत रंजन को 3,30,524 वोट मिले थे. दिलेश्वर कामत को NDA में जेडीयू-बीजेपी का एकमुश्‍त वोट मिलने का फायदा मिला था. इस बार भी एनडीए गठबंधन पूरी तैयारी से चुनाव लड़ रही है.

क्‍या है सुपौल लोकसभा क्षेत्र का चुनावी इतिहास

नए परिसीमन के बाद 2008 में सुपौल लोकसभा सीट अलग से अस्तित्व में आई. 2009 में हुए पहले आम चुनाव में यहां जदयू ने बाजी मार ली. जदयू नेता विश्व मोहन कुमार सांसद बने. रंजीत रंजन ने अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन डेढ़ लाख वोटों से हार गई थीं. इस सीट पर 54.5 फीसदी वोटिंग हुई थी. विश्व मोहन कुमार को इस चुनाव में 3,13,677 वोट मिले थे, जबकि रंजीत रंजन को इस चुनाव में 1,47,602 वोट मिले थे. लोजपा उम्मीदवार सूर्य नारायण यादव को इस सीट पर 93,094 वोट मिले थे और वो तीसरे नंबर पर रहे थे. 

2014 में एक बार फिर कांग्रेस ने रंजीत रंजन को उतारा और मोदी लहर के बावजूद वो जदयू के उम्मीदवार दिलेश्वर कामत को हरा कर सांसद बनीं. रंजीत रंजन ने जदयू के उम्मीदवार दिलेश्वर कामत को 23,562 वोटों से हराया था. उन्‍हें 3,32,927 वोट मिले थे, जबकि जदयू उम्मीदवार दिलेश्वर कामत को इस चुनाव में 2,73,255 वोट मिले थे. जदयू तब NDA का हिस्‍सा नहीं थी. इसलिए बीजेपी ने अलग से उम्मीदवार उतारा था. बीजेपी के उम्मीदवार कमलेश्वर चौपाल को उस चुनाव में 2,49,693 वोट मिले थे और वे तीसरे नंबर पर रहे थे.  

सुपौल का इतिहास और भौगोलिक स्थिति 

सुपौल प्राचीन काल में मिथिला राज्य का हिस्सा था. यहां कभी मगध साम्राज्‍य भी रहा और फिर मुगल शासकों ने भी यहां राज किया. लोकगायिका शारदा सिन्हा और पंडित ललित नारायण मिश्र इसी इलाके के रहे हैं. सुपौल को 1991 में जिला बनाया गया था. कोसी नदी से घिरे होने के चलते यह इलाका हर साल बाढ़ से प्रभावित होता रहता है. बाढ़ के अलावा रोजगार के लिए पलायन यहां की बड़ी समस्या है. 

सुपौल की सीमाएं उत्तर में पड़ोसी देश नेपाल से सटती हैं, इसलिए ये प्रदेश और देश, दोनों के लिए निगरानी वाला जिला है. दक्षिण में यह मधेपुरा, पश्चिम में मधुबनी और पूर्व में अररिया जिले से घिरा है. क्षेत्रफल के आधार पर यह कोसी प्रमंडल का सबसे बड़ा जिला है. इसके अंतर्गत 4 अनुमंडल वीरपुर, त्रिवेणीगंज, निर्मली और सुपौल में बंटा हुआ है. 

सुपौल लोकसभा सीट का मौजूदा सियासी समीकरण 

सुपौल लोकसभा सीट में 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इनमें से 5 विधानसभाएं सुपौल जिले में बाकी एक सिंहेश्‍वर विधानसभा, मधेपुरा जिले में आती है. 6 में से 4 विधानसभा क्षेत्र जदयू के पास हैं. एक में बीजेपी और एक में आरजेडी के विधायक हैं. त्रिवेणीगंज और सिंहेश्वर विधानसभा आरक्षित सीट है. 

सुपौल संसदीय क्षेत्र में वोटर्स की कुल संख्या 1,279,549 है. इनमें 6,72,904 पुरुष वोटर्स, जबकि 6,06,645 महिला वोटर्स हैं. चुनाव आयोग के शेड्यूल के मुताबिक, इस बार सुपौल में तीसरे चरण में 7 मई को वोटिंग होने वाली है. देखना होगा कि 2019 के बाद एक बार फिर NDA में बीजेपी के साथ शामिल होने के बाद जदयू इंडी अलायंस कितनी चुनौती दे पाता है. यह तो रिजल्‍ट आने के बाद ही तय हो पाएगा कि दिलेश्‍वर कामत अपनी कुर्सी बचा पाएंगे या नहीं.

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