Tuatari: यह घोषणा पार्टी के चुनाव निशान 'घड़ी' को चुनाव आयोग द्वारा अजित पवार गुट को आवंटित किए जाने के बाद की गई है. शरद पवार गुट ने कहा कि तुतारी पार्टी के नए युग का प्रतीक है और यह महाराष्ट्र के लोगों की आवाज को दिल्ली तक पहुंचाने का काम करेगा.
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Sharad Pawar NCP: महाराष्ट्र के दिग्गज क्षत्रप शरद पवार की नई पार्टी को नया चुनाव निशान मिल गया है. खुद उनकी पार्टी की तरफ से बताया गया है कि यह निशान तुतारी है. तुतारी को तुरही भी कहा जाता है. शरद पवार की पार्टी एनसीपी शरद चंद्र पवार ने बताया कि पार्टी के लिए एक नया प्रतीक चिन्ह तुतारी है, जो महाराष्ट्र के आदर्शों और छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता का प्रतीक है.
पार्टी ने आगे यह भी कहा कि महाराष्ट्र के आदर्श, फुले, शाहू, अम्बेडकर, छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रगतिशील विचारों के साथ, 'तुतारी' आदरणीय श्रीमान यह शरद चंद्र पवार साहब के साथ दिल्ली के सिंहासन को हिलाने के लिए एक बार फिर से बिगुल बजाने के लिए तैयार है.
असल में यह घोषणा पार्टी के चुनाव निशान 'घड़ी' को चुनाव आयोग द्वारा अजित पवार गुट को आवंटित किए जाने के बाद की गई है. शरद पवार गुट ने कहा कि तुतारी पार्टी के नए युग का प्रतीक है और यह महाराष्ट्र के लोगों की आवाज को दिल्ली तक पहुंचाने का काम करेगा.
'मुझे एक तुरही दे दो मैं..'
इतना ही नहीं पार्टी की तरफ से तुतारी को लेकर मराठी में कुछ लाइनें भी लिखी गई हैं. इसमें लिखा गया है कि मुझे एक तुरही दे दो मैं अपनी आत्मा से भेडुनी को सारे आसमान तक ले जाऊं उस लंबी चीख के साथ मुझे एक ऐसी तुरही दे दो मजलगुनी!
तुतारी का ऐतिहासिक महत्त्व भी..
असल में तुतारी यानि कि तुरही का ऐतिहासिक महत्त्व भी है. तुतारी शब्द का सबसे आम अर्थ तुरही है. यह एक पीतल का वाद्य यंत्र है जो शंख की तरह आकार का होता है और इसमें से तेज आवाज निकलती है. इसका उपयोग युद्ध, त्योहारों, और अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर किया जाता है.
'तुतारी' कृष्णाजी केशव दामले द्वारा लिखी गई एक प्रसिद्ध मराठी कविता भी है. यह कविता भारत में ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता के लिए लड़ने का आह्वान करती है. इस कविता ने कई भारतीयों को प्रेरित किया और इसे स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण गीत माना जाता है.
तुतारी का छत्रपति शिवाजी से कनेक्शन..
कहा जाता है कि छत्रपति शिवाजी महाराज के शासनकाल में तुतारी का उपयोग युद्ध में रणनीति बनाने, सैनिकों को प्रेरित करने और विजय का जश्न मनाने के लिए किया जाता था. तुतारी का उपयोग युद्ध में रणनीति बनाने के लिए भी किया जाता था. जब शत्रु सेना नजदीक आती थी, तो तुतारी बजाकर सैनिकों को सचेत किया जाता था. तुतारी की विभिन्न ध्वनियों का उपयोग विभिन्न आदेशों को इंगित करने के लिए किया जाता था, जैसे कि आक्रमण, रक्षा, पीछे हटना, आदि.