Danish Ali News: करीब 6 महीने तक कांग्रेस से इश्क चलाने के बाद बसपा से निलंबित अमरोहा के सांसद कुंवर दानिश अली आज कांग्रेस में शामिल हो गए. राजनीतिक एक्सपर्ट इस बात का गुणाभाग लगा रहे हैं कि उनके पार्टी में आने से आखिर किसे फायदा होगा.
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Who is Danish Ali: बसपा से सस्पेंड चल रहे अमरोहा के सांसद कुंवर दानिश अली ने आखिरकार नया राजनीतिक ठिकाना ढूंढ ही लिया. करीब 6 महीने तक इश्क के बाद दानिश आज यानी बुधवार को कांग्रेस के हो गए. उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. इस मौके पर उनका कांग्रेस के मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा और दूसरे नेताओं ने अंगवस्त्र पहनाकर स्वागत किया. अब सवाल ये है कि कांग्रेस में आए दानिश अली अपना भला करेंगे या पार्टी का.
पिछले साल आए थे सुर्खियों में
अमरोहा से सांसद दानिश अली पिछले साल उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब 22 सितंबर 2023 को दिल्ली से बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने लोकसभा में हुई बहस के दौरान उन पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थी. रमेश बिधूड़ी ने न केवल दानिश अली को अपशब्द कहे बल्कि उन्हें आतंकी और अभद्र शब्दों से भी नवाजा. रमेश बिधूड़ी की इन टिप्पणियों पर समाज में सख्त आलोचना हुई और उनकी संसद सदस्यता रद्द करने की मांग की गई. हालांकि बाद में बिधूड़ी ने अपनी इन टिप्पणियों पर माफी मांग ली, जिसके बाद यह मामला आया-गया हो गया.
रातभर सो नहीं पाया- दानिश अली
इस घटना के बाद एक न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए दानिश अली ने कहा कि वे इस वाकये के बाद रातभर सो नहीं पाए. उनकी दिमाग की नसें फटने को तैयार थी. देश में यह सब क्या हो रहा है.
सपा सांसद से मिलने पहुंचे थे राहुल गांधी
इस घटना के बाद राजनीति भी तेज हो गई थी. राहुल गांधी बसपा सांसद से मिलने उनके आवास पर गए थे और कुंवर दानिश को गले लगाया था. उस वक्त दोनों की मुलाकात की तस्वीर काफी वायरल हुई थी. इसके बाद जब दानिश अली ने राहुल गांधी की तारीफ की तो मायावती को यह पसंद नहीं आया और उन्होंने दानिश को पार्टी से सस्पेंड कर दिया.
नया राजनीतिक ठिकाना ढूंढ रहे थे दानिश
इसके बाद से दानिश अली राजनीति का नया ठिकाना ढूंढ रहे थे. वे बीच- बीच में लगातार राहुल गांधी और उनकी भारत जोड़ो न्याय यात्रा की तारीफ में पोस्ट कर रहे थे, जिससे संकेत मिल रहे थे कि वे देर- सबेर कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. लोगों की उम्मीद सच साबित हुई और आज बुधवार को दानिश अली कांग्रेस में शामिल हो गए.
इस ज्वॉइनिंग से आखिर किसे फायदा होगा?
उनके कांग्रेस से जुड़ने के बाद सबसे बड़ा सवाल ये उभर रहा है कि इससे फायदा आखिर किसे होगा, दानिश अली को या कांग्रेस को. दानिश को पार्टी से जोड़ने के पीछे कांग्रेस के रणनीतिकारों की योजना मुस्लिम वोट बैंक को मजबूत करना है. बसपा से सस्पेंशन के बाद दानिश को पार्टी में एंट्री देकर कांग्रेस यह संकेत देना चाह रही है कि वह अल्पसंख्यकों से जुड़े किसी भी मसले पर उनके साथ खड़ी है और उसके दरवाजे उनके लिए खुले हुए हैं. इससे उसे अपने वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी की उम्मीद है.
दोनों के पास नहीं थे कोई विकल्प!
वहीं दानिश अली के पास भी ज्यादा विकल्प नहीं थे. वे बसपा से निकाले जा चुके थे और सपा में उनकी दाल नहीं गल रही थी. आम आदमी पार्टी का संगठन मजबूत नहीं था, ऐसे में उसमें शामिल होना उन्हें राजनीतिक रूप से नुकसानदायक लग रहा था. लिहाजा उनके पास एकमात्र विकल्प कांग्रेस ही बच रही थी और उन्होंने इसे चुन लेना मुनासिब समझा. ऐसा करके उन्हें भी अपने राजनीतिक करियर के आगे बढ़ने की उम्मीद है. अब देखना होगा कि इस पार्टी ज्वॉइनिंग से आखिर कि भला होने जा रहा है.